मंगल का अमंगल संकेत: धनु राशि में गोचर इन राशियों के लिए रहेगा प्रतिकूल !

एस्ट्रोसेज के अपने इस खास ब्लॉग में आज हम जानेंगे जल्द होने वाले मंगल गोचर के बारे में कुछ बेहद ही दिलचस्प और जानने वाली जानकारियां, साथ ही जानेंगे मंगल का धनु राशि में होने वाला यह गोचर किन राशियों के लिए शुभ रहने वाला है और किन राशियों को इसके प्रतिकूल परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। 

इसके अलावा मंगल गोचर का ज्योतिष में क्या महत्व होता है, मंगल ग्रह किस चीज का कारक है, और किन उपायों को करके आप कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत बना सकते हैं, इन सभी बातों की जानकारी भी आपको इस विशेष ब्लॉग में प्रदान की जा रही है। तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं मंगल के इस गोचर का समय क्या रहने वाला है।

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मंगल का धनु राशि में गोचर: क्या रहेगा समय? 

दिसंबर के महीने में होने वाला यह महत्वपूर्ण गोचर 27 तारीख को होगा जब रात को 11 बजकर 40 मिनट पर मंगल धनु राशि में गोचर कर जाएंगे। 

ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व 

मंगल को ज्योतिष में एक ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता है जो एक तरफ तो अपने नाम के अनुरूप मंगलकारी होता है और वहीं दूसरी तरफ यह चाहे तो व्यक्ति का नाश भी कर सकता है। सभी 12 राशियों में मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व मंगल को प्राप्त है। इसके अलावा मंगल ग्रह को साहस, ऊर्जा, पराक्रम, शौर्य का कारक माना जाता है। 

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में मौजूद होता है तो जातकों को इन सभी चीजों में वृद्धि मिलती है, वहीं इसके विपरीत अगर मंगल किसी कुंडली में कमजोर स्थिति में होता है तो इसके प्रभाव स्वरूप व्यक्ति को रक्त से संबंधित बीमारियां, नासूर जैसी बीमारियां, दुर्घटना की आशंका आदि बढ़ जाती है। साथ ही ऐसे व्यक्तियों के पारिवारिक जीवन में भी समस्याएं आती हैं। ऐसे व्यक्तियों को अपने शत्रुओं से पराजित होना पड़ता है, इत्यादि। हालांकि ऐसी स्थिति में ज्योतिष की जानकार मंगल ग्रह से संबंधित उपाय व्यक्ति को करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय यह हम आपको आगे इस ब्लॉग में बताएंगे।

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मंगल गोचर का महत्व 

बात करें मंगल के गोचर की तो ज्योतिषीय गणना के अनुसार मंगल का गोचर तकरीबन डेढ़ महीने की अवधि का होता है अर्थात तकरीबन डेढ़ महीने तक मंगल एक राशि में होता है और इसके बाद वह अगली राशि में गोचर कर जाता है। इसके अलावा यहां यह भी जानना दिलचस्प है कि अगर मंगल किसी कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में हो तो इससे मंगल दोष बनता है जिससे व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की समस्याएं आने की आशंका बढ़ जाती है।

मंगल का धनु राशि में गोचर: प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार जब मंगल धनु राशि में होता है तो इससे व्यक्ति के अभिमान, साहस, प्रसिद्ध, संपन्नता में वृद्धि होती है। धनु राशि में मंगल की स्थिति अनुकूल मानी गई है। ऐसी स्थिति में मंगल जबरदस्त ऊर्जा के संकेत देता है। चूंकि धनु अग्नि तत्व युक्त द्विस्वभाव वाली राशि होती है और मंगल ग्रह अग्नि तत्व का ग्रह है ऐसे में धनु राशि में मंगल का होना ऊर्जा में वृद्धि की वजह बनता है। 

धनु राशि गुरु की राशि मानी जाती है और गुरु मंगल के साथ अनुकूल रिश्ते साझा करता है। ऐसे में मंगल जब गुरु की राशि में होता है तो इससे व्यक्ति के जीवन में सफलता प्राप्त करने की संभावना बढ़ने लगती है।

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धनु राशि में मंगल के स्थिति के परिणाम स्वरुप व्यक्ति अपने स्वभाव में तेज तर्रार होता है, सामाजिक दृष्टि से इनका स्थान काफी अच्छा होता है, यह समाज में मान प्रतिष्ठा हासिल करते हैं, कार्य क्षेत्र और व्यवसाय में सफलता पाते हैं, जो भी लक्ष्य निर्धारित करते हैं उन्हें हासिल कर लेते हैं, प्रेम और वैवाहिक संबंध मजबूत होते हैं और जीवन में रोमांस की भरमार देखने को मिलती है।

इन ज्योतिषी उपायों से कुंडली में मौजूद मंगल को करें मजबूत 

  • बड़ वृक्ष की जड़ में मीठा दूध या पानी डालें। इसकी मिट्टी गीली करके अपनी नाभि पर लगा लें। 
  • अपने घर के किसी भी कोने में एक ठोस चांदी का टुकड़ा रख दें। 
  • जब भी आपके घर में बहन आए तो उन्हें मीठा देकर विदा करें। 
  • मंदिर में गुड़ चने की दाल का दान करें। 
  • अगर खुद के लिए मुमकिन हो तो मीठा खाएं और दूसरों को भी मीठा अवश्य खिलाएं। 
  • इसके अलावा आप हनुमान जी की पूजा करें।
  • मंगलवार के दिन किसी से भी पैसे उधार ना लें और हो सके तो इस दिन का उपवास प्रारंभ कर दें। 
  • सुंदरकांड का पाठ करें। अगर आपके जीवन में मंगल दोष है या अगर आपका पता लगाना चाहते हैं तो विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करके आपको इस बारे में जानकारी मिल सकती है। 
  • साथ ही इसके लिए आपको मंगल से संबंधित वस्तुओं जैसे लाल मसूर, खंड, सौंफ, मूंग, गेहूं आदि का दान करने की सलाह दी जाती है।

मंगल का धनु राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मंगल ग्रह मेष राशि के जातकों के लग्न भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं और मंगल का धनु राशि में गोचर ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वाले जातकों के लिए मंगल आपके ग्यारहवें भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल दसवें और पांचवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल आपके नौवें भाव और बारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल ग्रह आठवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं। मंगल गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल सातवें भाव और दूसरे भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और पहले (लग्न) भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और द्वादश यानी बारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का धनु राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। मंगल गोचर आपके ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल) 

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