मंगल का मिथुन राशि में गोचर: 12 राशियों समेत पूरी दुनिया पर पड़ेगा अहम प्रभाव!

यह हम सभी जानते हैं कि ग्रहों की चाल और दशा हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है। जब भी कोई प्रमुख ग्रह अपनी राशि परिवर्तन यानी कि गोचर करता है, तो इसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों पर पड़ता है। नवग्रहों में से एक मंगल देव 13 मार्च, 2023 को मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इसका प्रभाव न सिर्फ 12 राशियों पर बल्कि पूरे विश्व पर पड़ेगा। इस ख़ास ब्लॉग में हम मंगल गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे।

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मंगल देव और बुध महाराज एक-दूसरे के शत्रु ग्रह माने जाते हैं। लेकिन जिन जातकों की जन्म कुंडली में यह एक साथ मौजूद होते हैं, उन्हें बुद्धिमत्ता का आशीर्वाद मिलता है। जैसा कि आप जानते हैं कि मिथुन राशि का स्वामित्व बुध महाराज को हासिल है और इस राशि में मंगल देव का गोचर होने जा रहा है। ऐसे में, यह जानना अहम होगा कि बुध महाराज की ऊर्जा का मंगल देव पर कैसा प्रभाव होगा और मंगल गोचर के परिणामस्वरूप दुनिया भर में क्या कुछ बदलाव आएंगे। साथ ही, राशि चक्र पर इसका क्या प्रभाव होगा? इसका जवाब भी आपको एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में मिलेगा।

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ज्योतिष की दृष्टि में मंगल देव का महत्व

मंगल एक उग्र प्रवृत्ति वाले ग्रह माने जाते हैं और इन्हें एक योद्धा के तौर पर प्रदर्शित किया गया है। मंगल देव साहस, रुचि, ऊर्जा, तेज़ी और बेबाकी को दर्शाते हैं और यह स्वभाव से आक्रामक, गुस्सैल, प्रतिस्पर्धी और तर्क-वितर्क करने वाले हैं। इनका शासन राशि चक्र की 2 राशियों पर है जिसमें पहली राशि है मेष जो कि मूल त्रिकोण राशि भी है और दूसरी है वृश्चिक। वहीं 27 नक्षत्रों में चित्रा, धनिष्ठा और मृगशिरा पर भी मंगल देव का शासन है। इसके अलावा, मंगल महाराज की उच्च राशि मकर और नीच राशि कर्क है। चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति से मंगल महाराज की मित्रता है। वहीं, शनि और बुध इनके शत्रु हैं।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर: तिथि और समय

मंगल महाराज 13 मार्च, 2023 की सुबह 5 बजकर 47 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इस ख़ास ब्लॉग में हम सभी राशियों के साथ-साथ भारत और विश्व पर पड़ने वाले इस गोचर के प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। 

मिथुन राशि में मंगल होने पर जातकों का स्वभाव

जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव मिथुन राशि में मौजूद होते हैं, ऐसे लोग काफी एक्टिव, तेज़ और बुद्धिमान होते हैं। ये लोग तर्क-वितर्क करने में आगे रहते हैं और तेज़ी से फैसले लेने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा, ऐसे लोग अपने किए हुए कार्यों की जिम्मेदारी लेने में कभी पीछे नहीं हटते हैं और अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं। साथ ही इन लोगों के पास सही और गलत में फर्क करने की काबिलियत होती है। मंगल देव के इस गोचर के प्रभाव से जातक सक्षम, साहसी और रचनात्मक बनेंगे।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर: विश्व पर पड़ने वाले प्रभाव

  • मिथुन राशि में मंगल का गोचर लेखन, मीडिया, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत जातकों के लिए अधिक फायदेमंद साबित होगा।
  • मंगल का मिथुन राशि में गोचर विश्व भर की राजनीति में अहम बदलाव लेकर आ सकता है। इसके प्रभाव से नेताओं का संवाद कौशल और नेतृत्व की क्षमता मज़बूत होगी और इसके परिणामस्वरूप राजनीतिक से जुड़े लोग कुछ ऐसे कार्य कर सकते हैं जिसकी सराहना दुनिया भर में होगी।
  • इस अवधि के दौरान मेडिकल साइंस और विज्ञान से संबंधित क्षेत्रों में कुछ विशेष खोज होने की संभावना है।
  • मंगल का मिथुन राशि में गोचर विश्व भर की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रियों में तकनीकी तरक्की भी लाने में सक्षम होगा।
  • यह अवधि शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और शोध करने वाली संस्थाओं के लिए सबसे अधिक लाभकारी साबित हो सकती है।
  • ट्रैवल कंपनियों, ट्रैवल ब्लॉगर और इस क्षेत्र से जुड़े हुए अन्य जातकों के लिए यह समय शुभ साबित होगा। इस दौरान आपको धन लाभ होने की संभावना है। 
  • खिलाड़ियों के लिए और स्पोर्ट्स से संबंधित कंपनियों के लिए यह गोचर अत्यधिक लाभ लेकर आ रहा है। 
  • इस दौरान दुनिया भर में जातक अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और ऐसे में वह अच्छा मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे।
  • इसके अलावा, सरकार देश की उन्नति और बेहतर भविष्य के लिए कई नई योजनाएं शुरू कर सकती हैं।

देश और दुनिया पर पड़ने वाले मंगल के मिथुन राशि में गोचर के प्रभावों के बारे में जानने के बाद, अब हम नज़र डालते हैं 12 राशियों पर पड़ने वाले इसके प्रभावों पर। 

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव

मेष

मंगल देव आपकी कुंडली के पहले और आठवें भाव पर शासन करते हैं और अब वह तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। तीसरा भाव छोटे भाई-बहन, रुचि और संवाद का प्रतिनिधित्व करता है। इस दौरान आपको अपने छोटे भाई-बहनों का भरपूर साथ मिलेगा, लेकिन विवाद होने की भी आशंका है। चूंकि मंगल देव तीसरे भाव से नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने पिता और गुरुओं का भरपूर साथ मिलेगा। मंगल गोचर के दौरान मेष राशि के जातक यात्राओं पर जा सकते हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगी। इसके प्रभाव से आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा। 

वृषभ

मंगल महाराज आपकी कुंडली के सातवें और बारहवें भाव पर शासन करते हैं और अब वह दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। दूसरा भाव परिवार और भाषा का प्रतिनिधित्व करता है। चूंकि भाषा के भाव में मंगल देव प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा न करने से आप परिवार के लोगों से विवाद में पड़ सकते हैं। दूसरे भाव से मंगल की दृष्टि, पांचवें, आठवें और नौवें भाव पर पड़ रही है जिसका अर्थ है आप अपने बच्चों, जीवनसाथी और परिवार के लोगों को लेकर ज्यादा पज़ेसिव हो सकते हैं। आपको यह बात समझनी होगी कि अपनी चिंता के कारण उनकी आज़ादी खत्म न करें, इस कारण रिश्ते बिगड़ सकते हैं।

मिथुन

मंगल देव आपकी कुंडली के छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं। मंगल देव की दृष्टि सातवें भाव पर पड़ रही है जिसके परिणामस्वरूप आपको बिज़नेस में कई लाभ होने की संभावना है। व्यापार में आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी जो आपके लिए आर्थिक तौर पर फायदेमंद साबित होगी। हालांकि, मंगल देव का पहले भाव में गोचर आपको थोड़ा आक्रामक और गुस्सैल बना सकता है, इसलिए सतर्क रहें। गलतफहमियों के कारण आप अपने परिवार और कार्यस्थल पर साथियों के साथ विवाद में पड़ सकते हैं। हालांकि, आप अपनी माता को लेकर पज़ेसिव हो सकते हैं लेकिन आपको उनका भरपूर समर्थन प्राप्त होगा।

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल देव योग कारक ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के पांचवें और दसवें भाव पर शासन करते हैं। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके लिए बारहवें भाव में होने जा रहा है। मंगल देव आपकी कुंडली के तीसरे, छठे और सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपके व्यवहार में थोड़ा चिड़चिड़ापन आ सकता है और आप अपने छोटे भाई-बहन के साथ विवादों में पड़ सकते हैं। आपके शत्रु इस गुस्से का फायदे उठाने का प्रयास कर सकते हैं और वह आपको उकसाने की कोशिश करते हुए नज़र आ सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें। हालांकि, आप अपने गुस्से को काबू में रखने में कामयाब होंगे और आपके शत्रु इस कार्य में सफल नहीं हो पाएंगे जिसकी मदद से आप अपने रिश्तों को बेहतर बनाने में सफल होंगे और अपने साथी और परिवार के साथ आनंदमय समय व्यतीत करेंगे।

सिंह

मंगल देव आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके योगकारक ग्रह भी हैं। अब मंगल महाराज आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आपके रिश्ते अपने माता-पिता से बेहतर होंगे। इसके अलावा आप अपने सामाजिक दायरे को बढ़ाने में सफल होंगे और इसी के माध्यम से आप अपने बिज़नेस को आगे ले जाने में भी सफलता हासिल करेंगे। यह गोचर आपके लिए लाभ लेकर आएगा और आपको अपने बड़े भाई-बहनों का भरपूर समर्थन प्राप्त होगा।

कन्या

मंगल महाराज आपकी कुंडली के तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह गोचर आपके प्रोफेशनल जीवन के लिए लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आप अपने कार्य में यानी कि प्रोफेशनल जीवन में इतना व्यस्त हो सकते हैं कि आप अपने परिवार को समय नहीं दे पाएंगे। परिवार को समय न देने के कारण आपके रिश्तों में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। बातचीत की कमी के चलते आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए थोड़ा सावधान रहें।

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तुला

मंगल देव आपकी कुंडली के दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सातवें भाव के स्वामी के तौर पर मंगल देव का नौवें भाव में गोचर आपको शादी के बंधन में बांध सकता है। वहीं, शादीशुदा जातकों के लिए यह समय आनंदमय रहेगा और आप अपने साथी के साथ शानदार समय व्यतीत करेंगे। इसके अलावा, आप अपने परिवार के साथ किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं जो आपके लिए शुभ रहेगी। हालांकि, मंगल देव के गोचर के प्रभाव से आप थोड़े गुस्सैल नज़र आ सकते हैं। इसका सीधा प्रभाव आपके पारिवारिक रिश्तों पर पड़ेगा, इसलिए सावधान रहें। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके घर के माहौल में कुछ उथल-पुथल लेकर आ सकता है, इसलिए सतर्क रहें। 

वृश्चिक

मंगल देव आपकी कुंडली के पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आठवें भाव से मंगल महाराज की दृष्टि दूसरे, तीसरे और ग्यारहवें भाव पर पड़ रही है। इसलिए आपको अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों से बात करते वक्त अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा न करने से आप अपने लोगों को दुख पहुंचा सकते हैं और विवाद में पड़ सकते हैं। छठा और आठवां भाव यह दर्शाता है कि आपके शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए पेशेवर जीवन में बातचीत करते समय सतर्कता बरतें और अपनी भाषा का ध्यान रखें। हालांकि, आपके शत्रु इस प्रयास में पूरी तरह से नाकाम होंगे, लेकिन आप अपनी ओर से सावधान रहें।

धनु

मंगल देव आपकी कुंडली के पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सिंगल जातकों के लिए यह गोचर शानदार रहने वाला है। अगर आप शादी करने के विचार में हैं, तो यह अवधि आपके लिए उत्तम साबित होगी। शादीशुदा जातकों के लिए मंगल का मिथुन राशि में गोचर चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। आप-दोनों के बीच विवाद होने के कारण रिश्ते में समस्याएं आने की आशंका है, ऐसे में सावधान रहें।

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मकर

मंगल देव आपकी कुंडली के चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। छठे भाव से मंगल महाराज की दृष्टि नौवें, बारहवें और पहले भाव पर पड़ रही है जिसके परिणामस्वरूप आपके पारिवारिक रिश्ते और बेहतर होंगे। हालांकि, इस दौरान आप अपने पिता की सेहत को लेकर थोड़ा चिंतित दिखाई दे सकते हैं और इसी कारण आप थोड़ा अड़ियल स्वभाव के हो जाएंगे, इसलिए ध्यान रखें।

कुंभ

मंगल देव आपकी कुंडली के तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। पांचवे भाव से उनकी दृष्टि आठवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव पर पड़ रही है। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपको बच्चों से संबंधित परेशानियां दे सकता है। संकेत हैं कि आप अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा चिंतित नज़र आ सकते हैं और आपको रिश्तों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपका दोस्तों और बड़े भाई-बहनों के साथ विवाद होने की आशंका है, इसलिए आपको ऐसी परिस्थितियों से बचने की सलाह दी जाती है।

मीन

मंगल देव आपकी कुंडली के दूसरे और नौवें भाव पर शासन करते हैं और अब वह चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव माता और हमारे जीवन की खुशियों का प्रतिनिधित्व करता है। यहां से मंगल महाराज सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप आप अपनी माता जी के साथ विवाद में पड़ सकते हैं। इसके अलावा, मंगल देव की दृष्टि के कारण वैवाहिक जीवन के साथ-साथ दूसरे रिश्तों में भी आपको परेशानियां से जूझना पड़ सकता हैं, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि पुरानी बातों को भुला कर आगे बढ़ने का प्रयास करें और अपने अहंकार को नियंत्रण में रखें।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर: सरल उपाय

  •  प्रतिदिन हनुमान मंदिर जाएं और पूजा करें।
  • मंगल यंत्र की रोज़ाना पूजा करें।
  • चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • जरूरतमंदों को लाल या केसरिया रंग के कपड़े दान करें।
  • तांबे के गिलास में पानी पिएं और इस धातु का इस्तेमाल किसी भी कार्य में लगातार करते रहें।

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