नीच राशि कर्क में मंगल का गोचर, क्या आपके जीवन में लेकर आएगा उतार-चढ़ाव?

मंगल का कर्क राशि में गोचर: मंगल साहस, पराक्रम, ऊर्जा, शक्ति, सामर्थ्य, साहस, संकल्प युद्ध, क्रोध और कुछ प्राकृतिक आपदाओं के भी कारक माने जाते हैं। गोचर की बात करें तो, मंगल 10 मई से लेकर 1 जुलाई तक कर्क राशि में रहेंगे, यानी कि नीच के रहेंगे। मंगल ग्रह का नीच का होना कुछ हद तक नकारात्मक परिणाम देने का काम कर सकता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको मंगल का कर्क राशि में गोचर से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही जानेंगे, राशि चक्र की 12 राशियों पर मंगल के गोचर का कैसा प्रभाव पड़ेगा और इसके प्रभाव से बचने के अचूक उपायों से भी हम आपको अवगत कराएंगे। लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि भारत पर मंगल के कर्क राशि में गोचर का कैसा प्रभाव पड़ने की संभावना है। 

Varta Astrologers

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

मंगल का कर्क राशि में गोचर: भारत पर प्रभाव

भारतवर्ष की कुंडली में मंगल गोचर करके तीसरे भाव में जा रहे हैं। हालांकि, तीसरे भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा जाता है, लेकिन नीच अवस्था में होने के कारण पड़ोसी राष्ट्रों के साथ संबंधों में कुछ कमज़ोर देखी जा सकती है अथवा कोई पड़ोसी राष्ट्र समस्याएं उत्पन्न करने की कोशिश कर सकता है। हालांकि, तीसरे भाव का मंगल हमारे पराक्रम को बेहतर रखकर उन समस्याओं को शांत करने की ताकत भी देगा। इसके फलस्वरूप, यदि किसी तरीके की कोई घटना पड़ोसी राष्ट्रों के द्वारा अंजाम दी जाती है, तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब भी दिया जा सकेगा। अन्य राष्ट्रों के साथ चल रही कोई वार्ता कुछ हद तक धीमी रह सकती है। अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा।

मंगल का कर्क राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए मंगल आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ अष्टम भाव के भी स्वामी हैं और यह गोचर करके चतुर्थ भाव में जा रहे हैं। अर्थात आपका राशि स्वामी चतुर्थ भाव में नीच का हो रहा है। चौथे भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। ऊपर से मंगल आपके राशि स्वामी होकर नीच के हो रहे हैं। स्वाभाविक है कि ऐसी स्थिति में आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता होगी। इस अवधि में अपनी संगति का भी विशेष ख्याल रखें क्योंकि नीच अवस्था में मंगल कई बार हमें गलत व्यक्तियों के साथ भी जोड़ देते हैं। साथ ही, स्वजनों से किसी भी प्रकार का विवाद न होने पाए इस बात का भी ध्यान रखना होगा। ज़मीन-जायदाद से जुड़े मामले इस समय थोड़े से परेशान कर सकते हैं। ऐसे में, उन लोगों को विशेष सजग रहना होगा जिनका कोई ज़मीनी विवाद चल रहा है। यदि आपकी माता का स्वास्थ्य पहले से कमज़ोर हैं, तो आपको माता के स्वास्थ्य का अपेक्षाकृत अधिक ख्याल रखना होगा। इन सावधानियों को रखने की स्थिति में मंगल बेहतर परिणाम दे सकेंगे। विशेषकर कार्यक्षेत्र के मामले में कुछ हद तक सपोर्ट भी कर सकते हैं।

उपाय: नियमित रूप से बरगद की जड़ों में मीठा दूध चढ़ाएं।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में सातवें और द्वादश भाव के स्वामी हैं और यह तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सप्तमेश का नीच का होना जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के स्वास्थ्य में कुछ कमज़ोरी देने का काम कर सकता है। वह पार्टनर के साथ, चाहे वह लाइफ पार्टनर का मामला हो या फिर व्यावसायिक पार्टनर का, सभी मामलों में कुछ हद तक मतभेद देने का काम भी कर सकता है। अतः यदि आपका काम इस तरह का है, तो इस समय अपने पार्टनर की बात को ध्यान से सुनें। साथ ही,उनके स्वास्थ्य और भावनाओं का भी ख्याल रखें। हालांकि, विदेश से संबंधित मामलों में कुछ फायदे होते हुए भी नज़र आ रहे हैं। अर्थात इन सावधानियों को रखने की स्थिति में तीसरे भाव में स्थित मंगल आपको अन्य मामलों में सकारात्मक परिणाम दे सकता है क्योंकि तीसरे भाव में मंगल के गोचर को अच्छा माना गया है। ऐसा मंगल धन लाभ करवाने वाला, प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में आगे ले जाने वाला, शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में अनुकूलता दिलाने वाला और शुभ समाचार देने वाला कहा गया है। इस दौरान आपको ये सभी लाभ मिलेंगे लेकिन नीच के मंगल को देखते हुए कुछ मामलों में सावधानी बरतनी होगी। सामान्य तौर पर आपको अच्छे परिणाम मिलने की प्रबल संभावना दिख रही हैं।

उपाय: क्रोध और अहंकार का त्याग करें तथा भाइयों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल आपके छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी हैं जो कि दूसरे भाव में नीच अवस्था में जा रहे हैं। हालांकि, यहां पर एक सकारात्मक संबंध भी बन रहा है कि आपका लाभ भाव, धन भाव से कनेक्ट हो रहा है। ऐसी स्थिति में लाभ होने और बचत होने की संभावनाएं प्रतीत हो रही हैं। अलबत्ता धन भाव में मंगल का होना संचित धन में कमी अर्थात अनचाहे खर्चे भी करवा सकता है। एक तरफ मंगल बचत करने की बात कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ, खर्चे भी करवाना चाह रहा है। ऐसी स्थिति में आमदनी और खर्चे दोनों ही होने की संभावनाएं हैं। आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि आप जो भी धन ख़र्च करें वह सार्थक चीजों में करें, न कि फिज़ूलखर्ची करें। सामान्य तौर पर मंगल के दूसरे भाव में गोचर को ज्योतिष शास्त्र में कमज़ोर माना गया है। ऐसा मंगल स्वास्थ्य में कुछ कमज़ोरी देने का काम कर सकता है तथा परिजनों के साथ मतभेद भी करवा सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आपको  न केवल अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा बल्कि परिजनों के स्वास्थ्य और भावनाओं का भी ख्याल रखना होगा। साथ ही, बहुत ज्यादा तला-भुना या तीखा खाने से बचना होगा क्योंकि मंगल इस तरह के खाने में आपकी रुचि को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, बहुत ज्यादा मीठा खाने से भी बचने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे। इन सावधानियों का पालन करते हुए आप मंगल के नकारात्मक प्रभाव को शांत करने में सफल हो सकते हैं।

उपाय: संभव हो, तो प्यासों के लिए निःशुल्क प्याऊ लगाना शुभ होगा।

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए मंगल एक अच्छा ग्रह माना जाता है और इसे आपके लिए सबसे योगकारी ग्रह कहा गया है। ऐसी स्थिति में मंगल से हम अनुकूल परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं, लेकिन नीच अवस्था में होने के कारण मंगल चाह कर भी अपना पूरा सपोर्ट आपको देने में सक्षम नहीं होंगे। ऊपर से पहले भाव में मंगल के गोचर को कमज़ोर माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में वर्णित है कि प्रथम भाव में मंगल का गोचर रक्त विकार देता है। यदि आपको रक्त से संबंधित कोई समस्या पहले से हैं, तो आपको अपेक्षाकृत अधिक सावधान रहना होगा। प्रथम भाव में मंगल के गोचर को असफलता, ज्वर, अग्नि भय और दुर्घटनाओं का कारक भी माना जाता है। ऐसे में. आपको इन मामलों में भी सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। वहीं, यदि आप विवाहित हैं, तो लाइफ पार्टनर के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करें। अन्य लोगों को किसी भी प्रकार के विपरीत लिंग के व्यक्ति के साथ विवाद से बचना होगा जैसे कि यदि आप पुरुष हैं, तो स्त्री से विवाद से बचें और स्त्री हैं, तो किसी पुरुष के साथ व्यर्थ के विवाद को टालना उचित होगा। इन सावधानियों को बरतने से हम मंगल से कार्यक्षेत्र के मामले में कुछ हद तक अनुकूल परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं। मित्रों के साथ संयमित बर्ताव करने से मित्रों के पक्ष से भी सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। वहीं, यदि आप किसी संतान के पिता हैं तो संतान से बेवजह विवाद करने से बचें और उसकी भावनाओं का भी ख्याल रखें। ऐसा करने से आपको अच्छे परिणाम मिल सकेंगे।

उपाय: मुफ़्त की कोई भी चीज जैसे उपहार इत्यादि लेने से बचें।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए मंगल योगकारी ग्रह माने जाते हैं अर्थात सामान्य तौर पर मंगल आपका हित चाहने वाले ग्रह माने गए हैं। ऐसी स्थिति में आपके चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी का द्वादश भाव में जाना और वह भी नीच अवस्था में जाना आपको कुछ कमज़ोर परिणाम दिला सकता है। इस भाव में स्थित मंगल के बारे में कहा गया है कि द्वादश भाव में गोचर करने वाला मंगल व्यर्थ के खर्चे करवाता है और स्थान हानि भी करवाता है। ऐसे में, ज़मीन-जायदाद के मामलों में बहुत ही सावधानी से निर्णय लेना उचित रहेगा। यदि कोई ज़मीनी विवाद चल रहा है और कोर्ट से उसका फैसला भी आने वाला है, तो किसी तरह से इस फैसले को 1 जुलाई तक टालने की कोशिश करना समझदारी का काम होगा। हालांकि, मंगल का यह गोचर जन्म स्थान से दूर ले जाता है, तो ऐसी स्थिति में उन लोगों को फायदा मिल सकता है जो विदेश जाने की कोशिश कर रहे हैं, अर्थात उनके विदेश जाने के रास्ते आसान हो सकते हैं। वहीं, इस अवधि में धार्मिक यात्राएं भी संभव होंगी। अलबत्ता इन यात्राओं के दौरान सावधानियां बरतनी होगी। मंगल गोचर से हम कुछ अच्छे तो कुछ कमज़ोर परिणामों की उम्मीद रख रहे हैं, लेकिन सावधानियां रखने की स्थिति में काफ़ी हद तक अनुकूलता देखने को मिल सकेगी।

उपाय: हनुमान जी के मंदिर में मिठाई चढ़ाना और लोगों में प्रसाद के रूप में बांटना फलदायी साबित होगा।

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके लाभ भाव में जा रहे हैं। गोचर शास्त्र में लाभ भाव में मंगल के गोचर को अच्छा माना गया है। मंगल तीसरे और आठवें भावों के स्वामी होकर नीच के हो रहे हैं और ऐसे में, आपको कोई नुकसान होता हुआ नज़र नहीं आ रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि मंगल का गोचर आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। भले ही उपलब्धियां प्राप्त होने में कुछ देरी हो अथवा समस्या आए, लेकिन अच्छी उपलब्धियां मिलने की संभावनाएं हैं। अलबत्ता आपकी कुंडली में दशाएं भी अनुकूल चल रही हों अर्थात दशाओं के अनुकूल होने की स्थिति में मंगल का यह गोचर आपके लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। मंगल का गोचर आपकी आमदनी में बढ़ोतरी करवा सकता है। यदि व्यापारी है तो लाभ मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर बेहतर रह सकता है। इस दौरान मित्रों का सहयोग भी मिलने की संभावनाएं हैं। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए देखे जा सकेंगे। यदि आपका काम लाल पदार्थों से संबंधित हैं तो आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

उपाय: भगवान शिव का शहद से अभिषेक करें।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए मंगल आपके धन भाव तथा सप्तम भाव के स्वामी होकर कर्म स्थान में नीच अवस्था में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, दो महत्वपूर्ण भावों के स्वामी का नीच का होना कमज़ोर माना गया है, ऊपर से दसवें भाव में मंगल के गोचर को भी बहुत अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा जाता है। हालांकि, इस स्थान पर मंगल बलवान होता है और इसके परिणामस्वरूप आप पुरुषार्थ के दम पर कई कामों को संपन्न करने में समर्थ हो सकते हैं, लेकिन व्यवधान या कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं। वैसे, दूसरे भाव के स्वामी मंगल का नीच का होना संचित धन को खर्च करवा सकता है लेकिन मंगल कर्म स्थान पर बैठा है। ऐसे में, आप बचाए हुए धन से किसी कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। धन लगाकर काम की शुरुआत करना अच्छी बात है लेकिन गलती से भी किसी गलत कार्य की शुरुआत करने से बचें क्योंकि यह गोचर ऐसे संकेत दे रहा है कि आप कार्यक्षेत्र के चयन में चूक कर सकते हैं। इस समय बहुत ही सावधानीपूर्वक किसी नए कार्य से जुड़े सकते हैं। दैनिक रोज़गार और दांपत्य जीवन के मामलों में भी सतर्क रहना होगा। साथ ही, कार्य या व्यापार को समय देना जरूरी होगा। इसके अलावा, लाइफ पार्टनर और व्यावसायिक पार्टनर दोनों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने की कोशिश करें। इन सावधानियों को अपनाने से संतोषप्रद परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे।

उपाय: संभव हो, तो निसंतान व्यक्तियों की मदद करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं और गोचर करके यह नीच अवस्था में भाग्य स्थान पर जा रहे हैं। हालांकि, राशि स्वामी का भाग्य स्थान में जाना अच्छी बात है क्योंकि ऐसी स्थिति में व्यक्ति आध्यात्मिक बनता है या धर्म के प्रति रुचि में वृद्धि होती है जिससे सोच सकारात्मक होती है और व्यक्ति अपने कामों को बेहतर दिशा दे पाता है। लेकिन राशि स्वामी के नीच के होने के कारण स्वास्थ्य में कुछ कमज़ोरी देखने को मिल सकती है, अर्थात ऐसा हो सकता है कि जो काम आपको मिले हुए हैं, स्वास्थ्य की कमज़ोरी के चलते अथवा आलस्य या अरुचि के चलते आप उन कामों को सही तरीके से करने में आनाकानी करें और इसके फलस्वरूप परिणाम कमज़ोर प्राप्त हो। ऐसे में, आपके लिए अनुशासित रहना बहुत जरूरी होगा। यदि संभव हो, तो इस अवधि में पैसों के लेनदेन से भी बचें। आपको सलाह दी जाती है कि शासन-प्रशासन के व्यक्ति से न ही उलझें। संतान और शिक्षा के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी है। धार्मिक आचरण करते रहे और ऐसा कुछ न करें जिससे पीठ या कमर में चोट लगने का डर हो या फिर दर्द हो। इन सावधानियों को रखने की स्थिति में मंगल के नकारात्मक प्रभावों को शांत किया जा सकेगा।

उपाय: भगवान शिव का दूध से अभिषेक करें।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में पंचमेश और द्वादशेश हैं जो कि गोचर करके आठवें भाव में जा रहे हैं। आठवें भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। लिहाज़ा विदेश से संबंधित मामलों को इस समय गंभीरता से संभालने की जरूरत होगी। यदि आप विद्यार्थी हैं, तो पढ़ाई-लिखाई में किसी भी तरह की लापरवाही से बचें। संतान से संबंधित मामलों में भी गंभीरता से काम लेना होगा। यदि आपका कोई प्रेम प्रसंग चल रहा है, तो पार्टनर के साथ किसी भी तरीके से विवाद न होने पाए इस बात का ख्याल रखना होगा। हालांकि, द्वादशेश (बारहवें भाव के स्वामी) का नीच का होना जातकों को दूर के स्थान से कुछ अप्रत्याशित लाभ भी दिलवा सकता है। वहीं, यदि आप शोध के विद्यार्थी हैं, तो कुछ विशेष तथ्य खोजने में आप सफल हो सकते हैं। सामान्य तौर पर इस गोचर को कमज़ोर ही कहा गया है और ज्योतिष शास्त्र में इस गोचर के बारे में कहा गया है कि ऐसा गोचर पित्त रोग और शारीरिक कष्ट देता है। पाचन शक्ति कमज़ोर हो सकती है और लोगों से विवाद होने का भी डर बना रह सकता है। ऐसी स्थिति में वाद-विवाद, दुर्घटना और आग इत्यादि से बचाव की कोशिश करें। अपना खानपान संयमित रखें क्योंकि मिर्च-मसाले वाली चीजें खाने की स्थिति में पेट या गुदा से संबंधित कुछ परेशानी हो सकती है। भाइयों के साथ इस अवधि में अच्छे संबंध बनाए रखें।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करना शुभ रहेगा।

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए मंगल आपके लाभ भाव और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। इन दो महत्वपूर्ण भावों के स्वामी होकर मंगल नीच अवस्था में सप्तम भाव में जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि आप विवाहित हैं, तो दांपत्य जीवन में होने वाले कलह को शीघ्र रोक लेना जरूरी होगा क्योंकि छोटे-छोटे विवाद बहुत बड़ा रूप ले सकते हैं। साथ ही, जीवनसाथी का स्वास्थ्य कमज़ोर रह सकता है। इस समय व्यर्थ की यात्राओं को टालना समझदारी का काम होगा। इस दौरान दांत या हड्डियों में पीड़ा भी देखने को मिल सकती है। यदि आप व्यापार या व्यवसाय करते हैं, तो आपको कुछ नुकसान भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में नई डील करते समय बहुत ही सावधानी बरतनी होगी। चतुर्थ भाव के स्वामी के नीच के होने के कारण घर-गृहस्थी या प्रॉपर्टी से संबंधित मामलों में बहुत ही समझदारी से काम लेना होगा। इस समय धन का लेनदेन करने से भी बचें क्योंकि दिए गए पैसे वापस मिलने में कठिनाई हो सकती है। मंगल गोचर के दौरान भाइयों, मित्रों और अन्य सहयोगियों के साथ बेहतर संबंध रखने की कोशिश करनी होगी। यदि ये लोग किसी कारणवश आपसे नाराज़ होते हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द मना लें।

उपाय: कन्याओं को मिठाई खिलाएं।

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए मंगल आपके कर्म स्थान और तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसी अवस्था में मंगल से मिले-जुले परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं, लेकिन गहन विश्लेषण करने की स्थिति में हम पाते हैं कि आपको मंगल से औसत से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। आपके तीसरे भाव का स्वामी छठे भाव में नीच का हो रहा है और इसके फलस्वरूप आपको ओवर कॉन्फिडेंट होने से बचना होगा। साथ ही, भाइयों और मित्रों विशेषकर जो आपके बहुत करीब हैं, उनके साथ आपके संबंध अच्छे बने रहें इसकी कोशिश आपको करनी होगी। वरिष्ठों के साथ भी बेहतर तालमेल बनाए रखना होगा। पिता या पिता तुल्य व्यक्ति के मार्गदर्शन से काम बनने की संभावनाएं हैं। आपको इन सावधानियों को बरतना होगा। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको परिणाम काफ़ी अच्छे मिल सकते हैं क्योंकि छठे भाव में मंगल का गोचर स्वर्ण और तांबे का लाभ करवाने वाला कहा गया है। आसान शब्दों में कहें तो, ऐसा मंगल आर्थिक लाभ करवाता है। स्वाभाविक है कि आर्थिक लाभ तभी होता है जब हमारे काम सफल होते हैं। मंगल का यह गोचर गंभीरता और समझदारी से काम को अंजाम देने की स्थिति में अच्छी सफलता और लाभ प्रदान कर सकता है। यदि आप अनुशासित रहते हैं, तो पिछली स्वास्थ्य समस्याओं से भी आपको निजात मिल सकती हैं। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में आप बेहतर प्रदर्शन करते हुए देखे जा सकेंगे। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा दिलाने में भी मंगल का यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है लेकिन दशमेश मंगल नीच का हो रहा है। अतः प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए आपको स्वयं को योग्य बनाना होगा। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप अच्छे परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं।

उपाय: मित्रों में नमकीन खाद्य सामग्री बांटना शुभ रहेगा।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं और अब यह पंचम भाव में नीच की अवस्था में गोचर कर रहे हैं। पांचवें भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना गया है। ऐसी स्थिति वाले मंगल के बारे में कहा गया है कि मंगल मन को अशांत करने का काम कर सकता है। साथ ही, पेट से संबंधित कुछ परेशानियां दे सकता है। ख़ासकर पाचन क्रिया कमज़ोर रह सकती है इसलिए खान-पान का ध्यान रखना होगा, अन्यथा पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। संतान से संबंधित मामलों में यह मंगल कमज़ोर परिणाम दे सकता है। अतः संतान के साथ बेहतर संबंध और बेहतर तालमेल बनाने की कोशिश करें। यदि आप विद्यार्थी हैं तो अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करके आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि सामान्य तौर पर आप अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने में पीछे रह सकते हैं। मन में फालतू के ख्याल आ सकते हैं। साथ ही, आपका मन बुरे और पाप कर्मों की तरफ खींचा जा सकता है। ऐसी स्थिति में मन को शुद्ध और पवित्र बनाए रखें। अपने आराध्य का नाम लेते हुए अच्छे कामों से खुद को जोड़े रखना फलदायी साबित होगा।

उपाय: नियमित रूप से नीम की जड़ों में जल चढ़ाएं।

हम आशा करते हैं कि मंगल के इस गोचर से मिलने वाले परिणामों को जानकर आप आने वाले समय को और बेहतर ढंग से प्लान कर सकेंगे और बेहतर परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। भगवती आप सब का कल्याण करें। 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.