मंगल का कन्या राशि में गोचर: किन राशियों का होगा अच्छा समय शुरू?

मंगल का कन्या राशि में गोचर: ग्रहों के सेनापति “मंगल” 18 अगस्त 2023 से लेकर 03 अक्टूबर 2023 तक कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मंगल ग्रह, ग्रहों के सेनापति माने गए हैं। साथ ही, मंगल को रक्त, युद्ध, बिजली और तकनीक जैसे क्षेत्रों का कारक ग्रह भी माना गया है। मंगल अग्नि तत्व के ग्रह माने जाते हैं और कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि है। ऐसी स्थिति में मंगल का कन्या राशि में गोचर वैसे तो किसी बड़ी नकारात्मक घटना का संकेत नहीं कर रहा है। लेकिन, इसके बावजूद छोटे स्तर पर भूकंप, यातायात हादसे अथवा दक्षिण के कुछ राज्यों में अप्रिय घटना क्रम देने का काम कर सकता है। 

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भारतवर्ष की कुंडली में मंगल पांचवे भाव में गोचर कर रहा है। ऐसी स्थिति में शिक्षण संस्थानों से जुड़े कुछ नकारात्मक समाचार भी सुनने को मिल सकते हैं। वहीं, युवाओं, विद्यार्थियों और परीक्षार्थियों के मन में कहीं किसी घटनाक्रम के चलते आक्रोश भी देखने को मिल सकता है और कहीं-कहीं पर छात्र व परीक्षार्थी असंतोष प्रकट करने के लिए प्रदर्शन इत्यादि भी कर सकते हैं। हालांकि, इन सबके बीच सकारात्मक बात यह होगी कि मंगल, शनि ग्रह के प्रभाव से दूर हो रहा है। इसके फलस्वरूप कोई बड़ी अप्रिय वारदात नहीं होनी चाहिए। व्यक्तिगत लेवल पर बात की जाए तो मंगल ग्रह का गोचर कुछ लोगों के लिए अच्छा तो कुछ लोगों के लिए कमज़ोर परिणाम भी दे सकता है। आपके लिए मंगल का गोचर कैसे परिणाम देगा? आइए जानते हैं इस ब्लॉग के माध्यम से। 

मंगल का कन्या राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए मंगल आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ अष्टम भाव के भी स्वामी हैं और गोचर करके यह छठे भाव में जा रहे हैं। छठे भाव में मंगल गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना गया है। अतः मंगल आपको विभिन्न माध्यमों से लाभ करवाने की कोशिश करेगा। कोर्ट-कचहरी या किसी भी तरह के विवाद से छुटकारा दिलवा सकता है अथवा आपके पक्ष को और मज़बूत करवा सकता है। हालांकि, आपको किसी भी तरह के विवाद को यथासंभव टालने की कोशिश भी करनी होगी। आर्थिक मामलों के लिए भी मंगल का यह गोचर अच्छा कहा जाएगा। छठे भाव में मंगल के गोचर को उत्तम स्वास्थ्य देने वाला कहा गया है लेकिन आपका राशि स्वामी होने के कारण छठे भाव में जा रहा है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य का ख्याल रखने की स्थिति में आपका स्वास्थ्य काफ़ी अच्छा रहेगा। मंगल का यह गोचर मान-सम्मान में वृद्धि करवाने का भी काम कर सकता है।

उपाय: मित्रों को दालमोठ या नमक पारा जैसी नमकीन चीजें खिलाना शुभ रहेगा। 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में सातवें और द्वादश भाव के स्वामी हैं और अब यह पंचम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर मंगल गोचर को पंचम भाव में अच्छा नहीं माना गया है क्योंकि ऐसा मंगल मानसिक अशांति देने का काम करता है। साथ ही, पेट अथवा पेट के आसपास के हिस्से में दर्द या तकलीफ भी देता है, ऐसा गोचर शास्त्रों का कहना है। यदि आप किसी संतान के पिता हैं, तो मंगल के कारण इस समय आपकी जिम्मेदारियां और बढ़ सकती हैं। आपको न केवल बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा, बल्कि यह भी ध्यान में रखना होगा कि बच्चे की संगति कैसी है और वह इस समय कैसी चीजें और कैसी आदतें सीख रहा है? यदि आप विद्यार्थी हैं, तो इस समय पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी। विदेश में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। प्रेम प्रसंग के मामले में कुछ हद तक अनुकूलता देखने को मिल सकती है क्योंकि सप्तम भाव का स्वामी पंचम भाव में जा रहा है। ऐसी स्थिति में प्रेम विवाह करने की इच्छा और मज़बूत हो सकती है। हालांकि छोटी-छोटी बातों पर विवाद न होने पाए इस बात का ख्याल भी रखना जरूरी होगा। 

उपाय: नीम के पेड़ की जड़ों में जल चढ़ाना शुभ रहेगा।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके चौथे भाव में जा रहे हैं। मंगल के गोचर को चौथे भाव में अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी स्थिति में उन लोगों को अपने स्वास्थ्य का अधिक ख्याल रखने की जरूरत होगी जिनको सीने से संबंधित अथवा किसी भी तरह का रक्त विकार जैसा कोई रोग पहले से है। इस अवधि में अपनी संगति और अपने आसपास के माहौल को बेहतर से बेहतर रखने की कोशिश भी करनी होगी। मंगल का गोचर स्वजनों से विवाद करवाने का काम भी कर सकता है। खासकर घर-परिवार या आसपास रहने वाले व्यक्तियों से विवाद होने की संभावनाएं प्रतीत हो रही हैं। ऐसी स्थिति में स्वयं को शांत रखना होगा। मानसिक रूप से शांत रहना होगा। कफ, कोल्ड या खांसी जैसी कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। मौसम का बदलाव आप पर असर डाल सकता है। इस समय भूमि, भवन या वाहन से संबंधित विवाद न पनपने पाए इस बात का भी ख्याल रखना होगा साथ ही, माता के स्वास्थ्य और माता की भावनाओं का भी ध्यान रखें।

उपाय: बरगद की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाना शुभ रहेगा। 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में आपके पंचम भाव तथा दशम भाव के स्वामी हैं यानी कि मंगल आपकी कुंडली के लिए अच्छे ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष में इसे योगकारी या योगकारक ग्रह कहा जाता है। आपकी कुंडली के लिए योगकारक ग्रह मंगल तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। तीसरे भाव में मंगल गोचर को गोचर शास्त्र अच्छा मानते हैं। आपकी कुंडली का योगकारक ग्रह अच्छी पोजीशन में जाने से आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। आर्थिक मामलों में यह गोचर आपके लिए काफ़ी मददगार रह सकता है। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में अथवा शत्रु से संबंधित मामलों में आप मज़बूत और अग्रणी रहेंगे। आपके प्रभाव में वृद्धि होने के योग निर्मित होंगे। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। कहीं से कोई अच्छा और सुखद समाचार भी सुनने को मिल सकता है। सामान्य तौर पर मन प्रसन्न रहेगा। प्रयत्न के सफल होने के योग मज़बूत होंगे, क्योंकि इस समय आपका भाग्य भी पूरी तरह से आपका साथ देना चाहेगा। ऐसी स्थिति में कर्म और भाग्य के संगम से सफलताएं मिलने की अच्छी उम्मीदें प्रतीत हो रही हैं। 

उपाय: क्रोध और अहंकार का त्याग करें तथा भाई-बंधुओं के साथ अच्छे संबंध रखने की कोशिश करनी होगी।

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए मंगल योगकारी ग्रह माने जाते हैं अर्थात सामान्य तौर पर मंगल आपका हित चाहने वाले ग्रह माने गए हैं, लेकिन दूसरे भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। अब क्योंकि आपकी कुंडली के योगकारी ग्रह दूसरे भाव से संबंध बना रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में कुछ अच्छे परिणाम भी दे सकते हैं। वैसे ज्यादातर मामलों में आपको सजग और सचेत रहने की सलाह हम देना चाहेंगे। दूसरे भाव का मंगल शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में कुछ परेशानियां देने वाला कहा गया है। अतः शासन और प्रशासन से जुड़े व्यक्तियों से उलझने से बचना होगा। हालांकि, चौथे भाव के स्वामी का दूसरे भाव में आना प्रॉपर्टी से संबंधित मामलों में कुछ हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है। फिर भी प्रॉपर्टी के लेनदेन के मामले में जागरूकता तो जरूरी ही रहेगी। इस समय अपने विरोधियों से सजग रहें। मूल्यवान चीजें खोने न पाएं अथवा चोरी न होने पाएं, इस बात का ख्याल रखना होगा। इस समय आंखों से संबंधित कोई तकलीफ भी हो सकती हैं। इस दौरान जितना संभव हो उतनी विनम्रता से संवाद करें अर्थात कठोर वचन नहीं बोलना है। यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई पर प्रॉपर फोकस करने की कोशिश करें। परिजनों से मतभेद न होने पाए इस बात की भी कोशिश करें। अपनी प्रकृति के अनुसार भोजन करें अर्थात इन सावधानियों को रखने की स्थिति में आप कुछ हद तक संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। 

उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

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कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके पहले भाव में जा रहे हैं। पहले भाव में मंगल गोचर को गोचरशास्त्र अच्छा नहीं मानते हैं, क्योंकि ऐसा मंगल आपके क्रोध और आपके शरीर के अग्नि तत्व को बढ़ाने का काम कर सकता है। इसके फलस्वरूप, मंगल गोचर की अवधि में स्वयं को तन और मन से शांत रखना जरूरी होगा। विशेषकर यदि आपको रक्त से संबंधित कोई परेशानी है तो इस समय आपको उसका उचित इलाज करना होगा। इस अवधि में मौसम जनित बीमारियां जैसे जुकाम, खांसी, बुखार जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं। यदि आपका काम आग, बिजली या एसिड जैसी चीजों और जगहों से जुड़ा हुआ है तो आपको सावधानीपूर्वक काम करने की आवश्यकता होगी। जहां तक संभव हो इस दौरान यात्राओं से बचना जरूरी होगा, क्योंकि प्रथम भाव का मंगल शरीर में चोट लगने का भय देता है। अगर यात्राएं बहुत जरूरी हों तो सार्वजनिक वाहन से यात्रा करें, लेकिन बहुत सावधानीपूर्वक ड्राइव करें। यदि आप विवाहित हैं तो जीवन साथी के साथ अच्छे संबंध बने रहें इस बात की कोशिश करनी होगी। अन्य लोग भी किसी स्त्री के साथ विवाद में पड़ने से बचने की कोशिश करेंगे तो परिणाम बेहतर रहेंगे।

उपाय: मुफ्त में कोई भी चीज चाहे वह उपहार ही क्यों न हो, किसी से लेने से बचें।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए मंगल आपके धन भाव तथा सप्तम भाव के स्वामी होकर द्वादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं। द्वादश भाव में मंगल के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है। इसके फलस्वरूप तुला राशि वालों को इस अवधि में मंगल की नकारात्मक ऊर्जा से बचने की कोशिश करनी होगी। जहां तक संभव हो व्यर्थ के खर्चों को टालने की पूरी कोशिश करें। दूर की यात्राओं से बचाव भी जरूरी रहेगा। विशेषकर यदि यात्राएं गैरजरूरी हैं तो उनसे बचें। भूमि और भवन से संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। साथ ही, आपकी जो पद प्रतिष्ठा बनी हुई है उसको लेकर किसी भी तरीके का रिस्क नहीं लेना है। यदि आप विवाहित हैं तो जीवनसाथी अथवा जीवनसंगिनी के स्वास्थ्य का ख्याल रखें और आपस में विवाद करने से बचें। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। हालांकि, इस अवधि में कुछ चिंताएं भी देखने को मिल सकती हैं लेकिन दूसरों से ज्यादा इस समय अपनी समस्याओं को दूर करने की कोशिश करनी होगी। ऐसा नहीं कि आप परोपकार न करें, परोपकार बिल्कुल करें लेकिन स्वयं की समस्याओं को नजरअंदाज करना भी उचित नहीं होगा। इस समय किसी भी गलत काम के प्रति मन का झुकाव हो तो अपने मन को समझा कर गलत कामों से दूर रहना ही ठीक रहेगा। 

उपाय: हनुमान जी के मंदिर में लाल मिठाई चढ़ाना और लोगों में प्रसाद बांटना शुभ रहेगा। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं और गोचर करके यह आपके लाभ भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर लाभ भाव में मंगल गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऊपर से जब राशि स्वामी लाभ भाव में जाता है तो लाभ का जीवन के साथ गहरा कनेक्शन बन जाता है। इसके फलस्वरूप, मंगल के इस गोचर से हम काफ़ी अच्छे परिणामों की उम्मीद रख रहे हैं। मंगल का गोचर विभिन्न माध्यमों से आपको लाभ करवाने की कोशिश करेगा अर्थात आमदनी में वृद्धि के योग मज़बूत हो रहे हैं। यदि आप व्यापारी हैं तो आपको व्यापार-व्यवसाय से अच्छा लाभ मिल सकता है। वहीं, यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपकी पोजीशन और मज़बूत हो सकती हैं। विशेषकर यदि आप जॉब में परिवर्तन करने की कोशिश पहले से ही कर रहे हैं तो कहीं पर बेहतर प्लेसमेंट अधिक सैलरी के साथ हो सकती है। इस समय स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। जमीन-जायदाद से संबंधित मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। भाई, बंधु और पड़ोसियों के साथ आपके संबंध अच्छे रह सकते हैं। आप अपने प्रतिस्पर्धी से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे।

उपाय:  शिव जी का दूध से अभिषेक करना शुभ रहेगा। 

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धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में पंचमेश और द्वादशेश हैं तथा गोचर करके यह आपके कर्म स्थान में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर गोचरशास्त्र में दशम भाव में मंगल गोचर को अच्छा नहीं मानते हैं, लेकिन यहां पर मंगल का गोचर कई मामलों में अच्छे परिणाम भी देता हुआ देखा गया है। यहां का मंगल अचानक से आपकी शरीर की ऊर्जा और जोश को बढ़ा देता है। जिन लोगों का अपने मन तथा अपनी आदतों पर नियंत्रण नहीं होता है उन्हें अचानक से मिली यह ऊर्जा गलत काम की ओर प्रेरित कर देती है अथवा उनका स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहता है। इसके फलस्वरूप उनकी कार्यशैली ठीक नहीं रहती और परिणाम भी खराब मिलते हैं। लेकिन, यदि आपने धैर्य और समझदारी दिखाई तो मंगल का यह गोचर आपके कई कामों को बनाने में मदद करेगा। आप अपने लक्ष्य को पूरा किए बिना थकेंगे नहीं और फलस्वरूप परिणाम अच्छे मिलेंगे। इस अवधि में अपने वरिष्ठों के साथ किसी भी प्रकार की अनबन नहीं करनी है बल्कि तालमेल बिठाकर चलना है। ऐसा करने की स्थिति में आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। पिता अथवा पितातुल्य व्यक्ति से संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं दिखानी है। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में जानबूझकर कोई विरोध नहीं करना है, बल्कि शासन-प्रशासन से जुड़े व्यक्ति के साथ अदब से पेश आते हुए उनके साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करनी होगी। ऐसा करने से आपको अच्छे परिणाम मिल सकेंगे, अर्थात मंगल का यह गोचर कुछ विशेष नियमों का पालन करने की स्थिति में आपको अच्छे परिणाम दे सकेगा, अन्यथा मंगल के इस गोचर के बारे में कहा गया है कि ऐसा मंगल रोजगार में बाधा देता है। पिता को कष्ट देता है और शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में परेशानियां देता है। अतः सावधानियों को अपनाने की स्थिति में आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे, हम ऐसी उम्मीद करते हैं। 

उपाय: निसंतान व्यक्तियों की सहायता करना शुभ परिणाम दिलाने में मदद करेगा। 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए मंगल आपके लाभ भाव के स्वामी हैं, साथ ही चतुर्थ भाव के स्वामी भी हैं। इन दो महत्वपूर्ण भावों के स्वामी होकर मंगल भाग्य भाव में गोचर करने जा रहे हैं।  सामान्य तौर पर नवम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं कहा गया है। हालांकि नवम भाव में मंगल के होने से अर्थात लाभ भाव से लाभ भाव में होने के कारण कुछ मामलों में लाभ भी मिल सकते हैं। विशेषकर दूर की यात्राओं से लाभ मिलेगा, लेकिन यात्रा में भी सावधानी बरतनी होगी। इसके अलावा, आध्यात्मिक लाभ भी हो सकता है बशर्ते आपकी रूचि धर्म-कर्म में हो। इस तरह के कुछ फायदे भी हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। चतुर्थ भाव का स्वामी नवम भाव में अर्थात अपने छठे भाव में होने के कारण घर से दूर कर सकता है अर्थात किसी कारण से घर से दूर रहना पड़ सकता है। संतान से संबंधित मामलों में भी इस अवधि में सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता होगी। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। यदि मन आध्यात्म की ओर लगता है तब तो ठीक है अन्यथा धर्म विरुद्ध या धार्मिक लोगों के विरुद्ध कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। कमर या उसके आसपास चोट लगने का भय भी रहेगा। ऐसी स्थिति में ऐसा कुछ न करें जिससे कमर के आसपास की तकलीफ बढ़ने का कोई कारण उत्पन्न हो।

उपाय: शिवजी का दूध से अभिषेक करें। 

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए मंगल आपके कर्म स्थान के स्वामी हैं। साथ ही, तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके अष्टम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आठवें भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। इसके फलस्वरूप, इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। विशेषकर यदि आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं अथवा कोई नया निवेश करना चाह रहे हैं, तो इन मामलों में कुछ दिनों तक रुकना ही सही रहेगा। इस समय आपके आत्मविश्वास में उतार-चढ़ाव आ सकता है अर्थात कभी-कभार आप ओवर कॉन्फिडेंट हो सकते हैं तो कभी-कभी कॉन्फिडेंस में कमी देखने को मिल सकती है। मंगल का गोचर आपकी वाणी में अप्रियता के भाव देने का काम कर सकता है। अतः यथासंभव अपनी वाणी में मिठास बनाए रखना जरूरी होगा। आर्थिक मामलों में किसी भी तरीके का कोई रिस्क नहीं लेना है। परिजनों के साथ बातचीत करते समय बहुत ही संतुलित तरीके से बातचीत करनी होगी। बहुत अधिक तला-भुना या मिर्च-मसाले वाली चीज़ें खाने से बचना होगा क्योंकि मंगल का गोचर गुदा से संबंधित रोग देने वाला कहा गया है। आग, एसिड और बिजली से संबंधित काम करते समय सचेत रहना होगा। काम के प्रति लापरवाह भी नहीं होना है तथा भाई-बंधुओं और पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने की कोशिश भी करनी होगी। ऐसा करके आप नकारात्मक परिस्थितियों पर नियंत्रण पाने में सफल रह सकेंगे।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करें।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी होकर सप्तम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सप्तम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। विशेषकर ऐसे लोग जो विवाहित हैं उन्हें मंगल के इस गोचर के कारण अपने दांपत्य जीवन के प्रति अधिक सचेत रहने की जरूरत होगी। यदि जीवनसाथी या जीवनसंगिनी बेवजह क्रोध करते हुए नज़र आए तो आपको माहौल को देखते हुए स्वयं को शांत रखना होगा। भले ही आप सही हों लेकिन उनके क्रोधित रहने की अवस्था में स्पष्टीकरण देना उचित नहीं होगा। ऐसा करके आप विवादों को शांत करने में सफल रह सकते हैं। साझेदारी के कामों में भी सावधानीपूर्वक काम लेना होगा जिससे न तो संबंध खराब हो और न ही कार्य-व्यवसाय प्रभावित हो। किसी भी स्त्री से किसी भी तरीके का विवाद करने से बचना है। इस समय यथासंभव यात्राओं से बचना होगा। मुंह में छाले, दांतों में दर्द जैसी शिकायतें भी देखने को मिल सकती हैं, अर्थात मंगल का यह गोचर बहुत अनुकूल नहीं है। अतः सावधानीपूर्वक निर्वाह करके आप नकारात्मक परिणामों को रोकने में कामयाब रह सकते हैं।

उपाय: कन्याओं का पूजन करके उन्हें मिठाई खिलाना तथा उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।

हम आशा करते हैं कि मंगल के इस गोचर से मिलने वाले परिणामों को जानकर आप आने वाले समय को बेहतर ढंग से प्लान कर सकेंगे और बेहतर परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। भगवती आप सब का कल्याण करें। 

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