वृश्चिक राशि में मंगल गोचर: मंगल के राशि परिवर्तन से इन राशियों के जीवन में मचेगी भारी उथल-पुथल

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह को स्वभाव से पुरुषवादी और उग्र ग्रह माना गया है। मंगल ग्रह का रंग लाल होता है जिसे क्रोध से भी दर्शाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह आत्मविश्वास, साहस, और यौन आग्रह का शासक होता है। व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह किस स्थिति में मौजूद है उसके आधार पर यह अनुकूल और प्रतिकूल दोनों ही तरह के परिणाम प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में स्थित है तो इससे जातक को जीवन में धन, समृद्धि और करियर और पेशेवर जीवन में अच्छी स्थिति प्राप्त होती है वहीं इसके विपरीत, जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ स्थिति में नहीं होता है वह स्वभाव में अभिमानी और ईर्ष्यालु स्वभाव के हो सकते हैं।

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सभी 12 राशियों में मेष और वृश्चिक राशि का शासक भी मंगल ग्रह को माना गया है। मंगल ग्रह इन दोनों राशियों को आक्रामक स्वभाव प्रदान करता है फर्क सिर्फ इतना होता है कि जहां मेष राशि के जातकों की आक्रामकता खुले तौर पर नजर आती है वहीं वृश्चिक राशि के जातकों के अंदर आक्रामकता का यह स्वभाव गुप्त रहता है। वहीं बात करें कर्क और सिंह राशि की तो मंगल इन दोनों राशियों के लिए योगकारक बन जाता है जिससे व्यक्ति को धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

वृश्चिक राशि में मंगल का गोचर 5 दिसंबर 2021

उग्र ग्रह मंगल 5 दिसंबर 2021 को सुबह 5:01 पर वृश्चिक राशि में गोचर का जाएगा। इसके बाद 16 जनवरी 2022 तक वह इसी राशि में स्थित रहेगा। मंगल ग्रह के इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। इस गोचर के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं

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ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व

बात जब भी विवाह की होती है तो इसमें मंगल ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपने अक्सर मांगलिक दोष के बारे में सुना होगा जो लड़का या लड़की के विवाह में बाधा का कारण बनता है, बाधा उत्पन्न करता है या विवाह को खराब करता है या कई मामलों में विवाह में विलंब की वजह भी बनता है। यह मांगलिक दोष तब होता है जब मंगल ग्रह लड़का या लड़की की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें, या बारहवें भाव में मौजूद हो।

मंगल दोष को वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक बड़ा दोष माना गया है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है तो जल्द से जल्द इसके निवारण का सुझाव दिया जाता है। मंगल दोष के निवारण उपाय जानने के लिए आप विद्वान ज्योतिषियों से अभी फोन चैट या कॉल पर बात कर सकते हैं।

मंगल ग्रह जहां मकर राशि में उच्च का होता है वहीं कर्क राशि में इसे नीच का माना गया है। एक राशि में मंगल ग्रह तकरीबन 45 दिनों तक रहता है और उसे अपना राशि परिवर्तन कर लेता है। आइए हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वृश्चिक राशि में मंगल के गोचर का सभी 12 राशियों के जीवन में क्या कुछ प्रभाव और असर देखने को मिलेगा।

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मंगल गोचरफल 

मेष राशि 

मेष राशि के लिए मंगल पहले और आठवें घर का स्वामी है, जो राशि के आठवें घर में गोचर कर रहा है। इस दौरान अचानक ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के लिए मंगल बारहवें और सातवें भाव का स्वामी है, जो साझेदारी और विवाह के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। दांपत्य जीवन को….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए मंगल ग्यारहवें और छठे भाव का स्वामी है और ऋण, शत्रु और दैनिक मजदूरी के छठे भाव में गोचर कर रहा है। पूर्व में की गई….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए मंगल दसवें और पंचम भाव का स्वामी है और प्रेम, रोमांस और संतान के पंचम भाव में गोचर कर रहा है। परिवार के सदस्यों के….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए मंगल नवें और चौथे घर का स्वामी है, जो चल संपत्ति, आराम और माता में चौथे घर में उनका गोचर है। निजी जीवन में यह….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए मंगल आठवें और तीसरे भाव का स्वामी है, जो साहस, भाई-बहनों और यात्राओं के तीसरे भाव में गोचर कर रहा है। मंगल का गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव का स्वामी है और धन, परिवार और वाणी के दूसरे भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान,….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए मंगल प्रथम और छठे भाव का स्वामी है और स्वयं और व्यक्तित्व के प्रथम भाव में गोचर कर रहा है। वित्त या निवेश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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धनु राशि 

धनु राशि के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव का स्वामी है और बारहवें भाव में व्यय, मोक्ष और मानसिक तनाव के भाव में गोचर कर रहा है। आप….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के लिए मंगल चौथे और एकादश भाव का स्वामी है, जो आय लाभ और इच्छा के एकादश भाव में गोचर कर रहा है। मंगल का गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

कुम्भ राशि के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के दसवें भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है, जो भाग्य, धर्म के नवम भाव में गोचर कर रहा है। स्वस्थ आहार बनाए रखने के लिए….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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