मंगल का तुला राशि में गोचर: 3 अक्टूबर से इन राशि वालों के शुरू हो जाएंगे अच्छे दिन!

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रहों का अपना एक विशेष महत्व है। बुध, सूर्य, मंगल, चंद्रमा, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु नौ ग्रह हैं और ये सभी ग्रह समय-समय पर अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। ग्रहों का राशि में गोचर के परिणामस्वरूप सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है। बता दें कि गोचर शब्द ‘गम्’ धातु से बना है जिसका अर्थ होता है ‘चलने वाला’। वहीं चर शब्द का अर्थ है ‘गति करने वाला’ ऐसे में, गोचर का अर्थ हुआ- ‘निरंतर चलने वाला’। सभी ग्रह अपनी धुरी पर गति करते हैं और एक अवधि के बाद अपनी चाल में परिवर्तन करते हैं। ग्रहों के इस प्रकार एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करना गोचर कहलाता है। 

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इसी क्रम में लाल ग्रह मंगल शुक्र के स्वामित्व वाली राशि तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का मंगल के साथ सम संबंध है। मंगल के गोचर के प्रभाव से सभी 12 राशियां भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रभावित होंगी। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि मंगल का तुला राशि में गोचर सभी राशि के जातकों पर कैसा प्रभाव डालेगा और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं। 

मंगल का तुला राशि में गोचर: समय और तिथि

साहस, वीरता, शक्ति व क्रोध के कारक ग्रह मंगल 03 अक्टूबर 2023 की शाम 05 बजकर 12 मिनट पर तुला राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को सेनापति का दर्जा प्राप्त है। इसे उग्र और पुरुष प्रधान ग्रह माना जाता है। ऐसे में देखना होगा कि मंगल का तुला राशि में गोचर होने से तुला राशि के जातकों समेत सभी 12 राशियों को यह कैसे प्रभावित करेगा। लेकिन, इससे पहले हम जानते हैं तुला राशि में मंगल का प्रभाव।

तुला राशि में मंगल के गोचर का प्रभाव

राशि चक्र में तुला सातवीं राशि है जो कि वायु तत्व की राशि है और स्वभाव से पुरुष है। यह शुक्र के स्वामित्व की राशि है। शुक्र और मंगल के मध्य संबंध सामान्य ही रहते हैं और यह बहुत अधिक अनुकूल स्थिति नहीं होते हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ चीज़ों में इसका खास असर भी देखने को मिलता है। तुला राशि में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति में बेहतरीन गुण दिखाई देते हैं और इनके व्यक्तित्व में अलग ही निखार देखने को मिलता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति में प्रेम, सौम्यता, तर्कसंगत का गुण पाया जाता है।

तुला राशि के स्वामी शुक्र को एक स्त्रीत्व वाला ग्रह माना जाता है और वहीं मंगल एक पौरुष व अग्नि से युक्त ग्रह होता है। इन दोनों का जब योग होता है तो स्त्रीत्व और पुरुषत्व का भी मिलन होता है, जिसके प्रभाव से मंगल कुछ नम्र भी दिखाई देते हैं। इसके अलावा, तुला राशि में मंगल के प्रभाव से जातक के अंदर भौतिक वस्तुओं को पाने की इच्छा होती है। इन्हें शान से जीवन जीना, महंगी अच्छी वस्तुओं को पाना और भौतिक सुख सुविधाओं से युक्त जीवन जीने की चाह होती है। इनका आर्थिक पक्ष मजबूत होता है और ये कई नए स्रोतों से धन कमाने में सक्षम होते हैं। अपने दोस्तों और करीबियों के बीच इनकी लोकप्रियता बहुत अधिक होती है।

कार्यक्षेत्र में इनके पास कई सारे विकल्प हो सकते हैं और ये हर काम में आगे रहते हैं। साथ ही, पूरे उत्साह के साथ नई योजनाओं से जुड़ते हैं। इन लोगों में मजबूत संचार कौशल भी होता है और अपने इस गुण के कारण अच्छे वक्ता बन सकते हैं। तुला राशि में मंगल के प्रभाव से जातक को कला से जुड़ने का भी अवसर प्राप्त होता है। ये व्यक्ति एक्टिंग, डांस, फैशन, सौंदर्य प्रसाधनों से जुड़ा काम कर सकते हैं। इनके प्रेम जीवन की बात करें तो प्रेमी के साथ अधिक से अधिक समय बिताना, साथ मिलकर मस्ती करना व आनंद के पलों को व्यतीत करना भी इनके मन में हमेशा रहता है। वैवाहिक जीवन में अपने साथी और परिवार के प्रति इनका स्नेह बहुत अधिक होता है।

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ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व

मंगल का ज्योतिष में विशेष महत्व है। इन्हें मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी और पराक्रम व ऊर्जा का कारक माना जाता है। मंगल किसी भी व्यक्ति के शरीर में अग्नि तत्व को नियंत्रित करते हैं। साथ ही, जीवन शक्ति, इच्छा शक्ति, सहनशक्ति, समर्पण, कुछ करने की प्रेरणा और किसी कार्य को पूरा करने की लगन आदि के कारक हैं। मंगल मकर राशि में उच्च के जबकि कर्क राशि में नीच के माने गए हैं। नक्षत्रों की बात करें तो यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी हैं। यदि किसी कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होती है तो जातक निडर और साहसी होता है और उसमें ऊर्जा की अपार वृद्धि होती है। साथ ही, अपने शत्रुओं और विरोधियों पर विजय प्राप्त करता है, वहीं यदि कुंडली में मंगल की स्थिति कमज़ोर हो तो जातक को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।

मंगल के धार्मिक महत्व की बात करें तो हिन्दू धर्म के अनुसार, मंगल ग्रह को मंगल देव का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जिन्हें युद्ध का देवता कहा जाता है। इसके अलावा मंगल ग्रह का संबंध हनुमान जी भी है। कहा जाता है कि यदि कुंडली में मंगल की स्थिति कमज़ोर हो तो प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

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कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होने के संकेत

कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति जातक को कई समस्याओं से निजात दिलाते हैं। आइए जानते हैं मंगल ग्रह के मजबूत होने पर क्या संकेत मिलते हैं:

  • मंगल की शुभ प्रभाव के परिणामस्वरूप जातक सेना, पुलिस, प्रॉपर्टी डीलिंग, इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग, स्पोर्ट्स आदि क्षेत्रों में बेहतर करने की क्षमता रखता है।
  • मंगल की प्रबलता से व्यक्ति निडरता से अपने निर्णय लेता है और अपने फैसले पर टिका रहता है।
  • जातक ऊर्जावान रहता है और जिसके चलते स्वास्थ्य भी अनुकूल रहता है।
  • मंगल की मजबूत स्थिति के चलते जातक की उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है। 
  • इसके अलावा, कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी जातक चुनौतियों को स्वीकार करने और मात देने में सक्षम होता है।
  • बली मंगल के कारण व्यक्ति के भाई-बहन अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति करते हैं।
  • मंगल की शुभ स्थिति के चलते जातक प्रेम से भरा रहता है और उसका वैवाहिक जीवन भी शानदार रहता है। 

कुंडली में पीड़ित मंगल देते हैं ये संकेत

  • कुंडली में मंगल की अशुभ स्थिति जातक को स्वभाव में घमंडी बना देता है।
  • पीड़ित मंगल के परिणामस्वरूप जातक हर किसी से झगड़े करता है और उसकी क‍िसी से पटती नहीं है।
  • कई बार जातक कोर्ट-कचहरी संबंधी मामलों में भी फंस जाते हैं।
  • इन जातकों की बड़े भाई व बहनों से भी कई बार व‍िवाद होता रहता है, जिस वजह से इनके घर का माहौल भी अशांत रहता है।
  • यदि मंगल ग्रह कुंडली में कमज़ोर अथवा पीड़ित हो जातक को किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है।
  • पीड़ित मंगल के कारण जातक के पारिवारिक जीवन में भी कई चुनौतियां आती है, जिसका सामना करने में वे असफल रहता है। 
  • जातक को शत्रुओं से पराजय, ज़मीन संबंधी विवाद, क़र्ज़ आदि समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

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कुंडली में मंगल की मजबूत स्थिति के लिए करें ये उपाय

यदि आप भी अपनी कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं तो ये उपाय कर सकते हैं।

हनुमान जी की पूजा करें

मंगल ग्रह की शांति के लिए 11 या 21 मंगलवार का व्रत करें और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करें। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें और सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।

इस मंत्र का करें जाप

मंगल की स्थिति को सुधारने के लिए मंगलवार को स्नान के बाद लाल कपड़ा पहनकर ‘ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:’ मंत्र का 5-7 माला जाप करना चाहिए। इसके साथ ही, ‘ॐ भौं भौमाय नमः ॐ अं अंगारकाय नमः’ मंत्र का जाप करना भी लाभदायक सिद्ध होता है।

इन चीज़ों का करें दान

कुंडली में मंगल के शुभ प्रभाव के लिए मंगलवार के दिन तांबा, लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल या मसूर की दाल का दान करने से मंगल के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।

मां दुर्गा की पूजा करें

पीड़ित मंगल को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें और लाल रंग के फूल अर्पित करें।

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मंगल का तुला राशि में गोचर: सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव!

मेष राशि

सातवें भाव में मंगल के गोचर को वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि मंगल एक उग्र और क्रूर ग्रह है। साथ ही… (विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल का तुला राशि में गोचर अच्छा कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान आपके शत्रु और…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मंगल का तुला राशि में गोचर सट्टा बाजार जैसे शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत शुभ साबित होगा। इस दौरान आप…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

मंगल का तुला राशि में गोचर अच्छा कहा जाएगा। यह समय घर, वाहन या संपत्ति आदि के खरीदारी के लिए अनुकूल रहेगा और इसका…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

कुंडली में तीसरा भाव भाई-बहनों, रुचि, छोटी यात्राओं और संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

आपको गले से संबंधित समस्याओं और कठोर वाणी के चलते परिवार के सदस्यों के साथ…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

मंगल का लग्न भाव में गोचर आपको ये तीनों चीज़ें प्रदान करेगा। लेकिन, आपको इस ऊर्जा का उपयोग सकारात्मक कार्यों में करने की सलाह दी जाती है… (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

इस दौरान आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ें और डॉक्टर के पास भी कई चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। ऐसे में, आपके चिकित्सा…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

मंगल का ग्यारहवें भाव में गोचर आपके भीतर भौतिक चीज़ों के प्रति इच्छाओं को बढ़ा सकता है। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

आपको कार्यस्थल पर अपने आसपास के लोगों और वरिष्ठों का समर्थन मिलेगा। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

मंगल का गोचर आपके नौवें भाव में होने से आपका अत्यधिक झुकाव धर्म-कर्म और आध्यात्मिक गतिविधियों में होगा। यह समय उच्च…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के आठवें भाव में मंगल के होने के कारण मंगल का तुला राशि में गोचर आपके लिए ज्यादा अच्छा…(विस्तार से पढ़ें)

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