मंगल का मिथुन राशि में गोचर: इस राशि परिवर्तन से किन्हें होगा लाभ, किन्हें नुकसान?

मंगल का मिथुन राशि में गोचर 2023: जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर ग्रहों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। वैसे ही, मेष राशि के स्वामी और सबसे उग्र ग्रह माने जाने वाले मंगल देव भी हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। मंगल महाराज हमारे जीवन में इच्छा, साहस, जुनून आदि को दर्शाते हैं। मंगल देव को कई नामों से भी संबोधित किया जाता है जैसे ‘लोहिता’ यानी कि जिसका रंग लाल है, ‘रक्तवर्ण’ जिसका मतलब है रक्त जैसा लाल रंग, ‘भौम’ यानी पृथ्वी पुत्र और ‘कुजा’ जिसका अर्थ है पृथ्वी से पैदा होने वाले। साहस और ऊर्जा के प्रतीक मंगल देव मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। राशि चक्र की सभी 12 राशियों के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ना निश्चित है जिसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे। आइए सबसे पहले एक बार मंगल देव का ज्योतिषीय महत्व भी जान लेते हैं।

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ज्योतिष शास्त्र में मंगल का महत्व

मंगल देव राशि चक्र की दो राशियां यानी मेष और वृश्चिक पर शासन करते हैं। सौरमंडल में इनकी मित्रता सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति से हैं। हालांकि, मंगल देव और बुध महाराज में शत्रुता मानी जाती है। शुक्र, शनि और राहु जैसे ग्रहों के साथ मंगल देव के संबंध सामान्य ही हैं। मंगल से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में जानें तो, रत्नों में मूंगा और सप्ताह में मंगलवार का दिन इन्हें समर्पित है। नक्षत्रों के लिहाज़ से देखें तो, मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र पर मंगल देव शासन करते हैं। वहीं, इनकी गोचर अवधि के बारे में जानें तो, मंगल महाराज को राशि परिवर्तन करने में 45 दिनों का समय लगता है। 

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जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव की स्थिति मज़बूत होती है, प्राकृतिक रूप से उनमें लीडरशिप क्वालिटी पाई जाती है। ऐसे लोग खुले और स्वतंत्र विचारों के होते हैं और हमेशा कार्यों का प्रतिनिधित्व करना पसंद करते हैं। वहीं, मंगल देव की कमज़ोर स्थिति के परिणामस्वरूप जातकों  का स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता है। 

मंगल देव का वैज्ञानिक महत्व

विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो, मंगल का आकार धरती से आधा है। इसके वायुमंडल के बारे में जितनी जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार मंगल का वायुमंडल नाइट्रोजन, कार्बन, डाइऑक्साइड और आर्गन से बना हुआ है। इसके अलावा, मंगल की सतह काफी ठोस है और अभी तक के शोध के अनुसार इस पर कोई सक्रिय ज्वालामुखी नहीं है। मंगल के पास फोबोस और डीमोस नाम के दो चंद्रमा है। 

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: तिथि और समय 

उग्र स्वभाव वाले मंगल देव 13 मार्च, 2023 को सुबह 5 बजकर 47 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। मार्च के महीने में मंगल देव का यह गोचर आपकी राशि पर कैसे और कितना प्रभाव डालेगा, आइए अब यह जानते हैं।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार भविष्यफल और उपाय

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल महाराज लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों की कुंडली के सातवें और बारहवें भाव पर मंगल देव का शासन है और अब यह आपकी कुंडली…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन

मंगल देव आपकी कुंडली के छठे और ग्यारहवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह आपके लग्न भाव में गोचर कर…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल योगकारक ग्रह हैं और यह आपकी कुंडली के केंद्र और त्रिकोण भाव यानी कि…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह

मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा और यह आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

मंगल आपकी कुंडली के तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। तीसरा भाव भाई-बहन और आठवां भाव अनिश्चितता और गोपनीयता…(विस्तार से पढ़ें)

तुला

मंगल देव आपकी कुंडली के दूसरे और सातवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह पिता, गुरु और भाग्य के भाव के नौवें…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक

मंगल आपकी कुंडली के लग्न और छठे भाव पर शासन करते हैं। मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके आठवें भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

धनु

आपकी कुंडली के पांचवें और बारहवें भाव पर मंगल देव का शासन है और मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके सातवें…(विस्तार से पढ़ें)

मकर

आपकी कुंडली के चौथे और ग्यारहवें भाव पर मंगल देव का स्वामित्व है और अब यह आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, रोग…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ

आपकी कुंडली के तीसरे और दसवें भाव पर मंगल देव का शासन है और अब यह आपके पांचवें भाव यानी संतान, शिक्षा…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

मंगल देव आपकी कुंडली के दूसरे और नौवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं…(विस्तार से पढ़ें)

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