मंगल का कर्क राशि में गोचर: सिंह सहित इन 7 राशियों पर मंडरा रहा है खतरा; बचने के लिए करें ये उपाय!

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का कर्क राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि पराक्रम और ऊर्जा के कारक ग्रह मंगल 10 मई 2023 की दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे। आइये अब जानते हैं कि मंगल के इस गोचर से राशि चक्र की 7 राशियों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। 

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मंगल का यह गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं और यह मंगल के मित्र ग्रह हैं, इसके बावजूद भी यह कर्क राशि में सहज स्थिति में मौजूद नहीं होते हैं क्योंकि मंगल के लिए कर्क राशि नीच राशि कहलाती है। मंगल को आक्रामक ग्रह माना जाता है जबकि कर्क राशि भावनाओं को दर्शाती है। मंगल व्यक्तिगत जीवन में साहस और पराक्रम प्रदान करते हैं और इसका भावनाओं से कोई संबंध नहीं है इसलिए यह कर्क राशि में अनुकूल महसूस नहीं करते हैं और अच्छे परिणाम देने में असफल हो सकते हैं।

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मंगल का कर्क राशि में गोचर: ये राशियां रहें सावधान! 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए मंगल चौथे भाव में नीच के हो जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप मंगल आपके व्यक्तित्व और भावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इस दौरान आपका मन अशांत हो सकता है और आप अपने प्रियजनों और जीवनसाथी को लेकर बहुत ज्यादा सोच विचार करेंगे। साथ ही माता जी के साथ आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं या उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

मंगल आपके दसवें भाव यानी कि करियर के भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप कार्यस्थल पर आप अपने सहकर्मियों या सहयोगी से विवाद में पड़ सकते हैं जिससे आपके संबंध खराब हो सकते हैं। ऐसे में अपने वरिष्ठों से बातचीत करते समय सावधानी रखें क्योंकि आपके मुंह से कई ऐसी बातें निकल सकती हैं, जो आप कहना न चाहते हों और जिनका सामने वाले पर गलत असर पड़े। इस गोचर के दौरान आपको अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह दूसरे भाव में नीच के हो जाएंगे और इस दौरान दरिद्र योग का निर्माण होगा। मंगल का कर्क राशि में गोचर आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति पर बोझ बढ़ सकता है। आप अपने वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने और बचत करने में असफल हो सकते हैं।

जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें कुछ कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और इसके कारण व्यापार में हानि होने की आशंका है। वही नौकरीपेशा लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। प्रमोशन में किसी न किसी प्रकार की रुकावट या बाधा देखने को मिल सकती है और इससे आप निराश हो सकते हैं।

मंगल आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में नीच के हो जाएंगे इसके परिणामस्वरूप आपके वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है क्योंकि यह दोनों भाव विवाह के भाव को दर्शाता है।

कर्क राशि

मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न यानी पहले भाव में नीच के हो जाएंगे। इस दौरान आपको पेशे और करियर से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा बच्चों के स्वास्थ्य में गिरावट आने की आशंका है जो आपके लिए चिंता का विषय बन सकती है। इस अवधि में आपको शब्दों के चयन में सावधानी बरतनी होगी क्योंकि आपकी वाणी में कर्कशता बढ़ सकती है।

प्रेम जीवन की बात करें तो, पार्टनर के साथ मधुर संबंध स्थापित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और इससे आपका वैवाहिक जीवन प्रभावित हो सकता है क्योंकि मंगल आपके विवाह के भाव यानी सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। आपके गुस्से और खराब रवैये के कारण साथी को ठेस पहुंच सकती है और आपका रिश्ता कमजोर हो सकता है। यदि आप पहले से ही किसी रिलेशनशिप में हैं तो इस दौरान थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और बारहवें भाव में नीच के हो जाएंगे। मंगल का गोचर आपके वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ा सकता है क्योंकि मंगल सातवें भाव यानी की विवाह के भाव में दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप हो सकता है कि पार्टनर के साथ आपकी नोक-झोंक और झड़प भी हो जाए और इस वजह से आपके रिश्ते में दरार पैदा हो सकती है।

व्यापार करने वाले जातकों को नुकसान झेलना पड़ सकता है। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को ग्राहकों के साथ डील करने में परेशानी महसूस हो सकती है। जो छात्र उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए आगे की योजना बना रहे हैं, उन्हें थोड़ी देरी और निराशा का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप और आपके पिताजी के बीच कुछ तनाव बढ़ सकता है और माता जी के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है जिसे लेकर आप चिंतित हो सकते हैं।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए मंगल दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह दसवें भाव यानी कि करियर के भाव में नीच के होंगे। इसके परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र में किसी से भी टकराने से बचना चाहिए। बेवजह किसी से लड़ाई-झगड़ा करने की आदत से नुकसान उठाना पड़ सकता है। पारिवारिक जीवन और पेशेवर जीवन दोनों के बीच तालमेल बिठाना आवश्यक होगा और दोनों ही क्षेत्रों में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचना होगा। अन्यथा समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि इस दौरान आपकी कुछ छोटी-बड़ी गलतियों के चलते आपके बॉस आपसे नाराज हो जाए और आप पर नज़र रखने लगे जिसे लेकर आप तनाव महसूस कर सकते हैं। वहीं अगर आप अपनी नौकरी बदलने के विचार में हैं तो यह समय इसके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस अवधि में आपको सलाह दी जाती है कि अपनी वाणी और शब्दों पर नियंत्रण रखें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं। यह आपके नौवें भाव यानी पिता, धर्म, भाग्य और उच्च शिक्षा के भाव में नीच के हो जाएंगे। नौकरीपेशा लोगों के लिए मंगल का गोचर विशेष रूप से मुश्किल भरा साबित हो सकता है। अगर आप नौकरी बदलने का विचार बना रहे हैं तो इसे आगे के लिए टाल दें क्योंकि इस दौरान नई जगह पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

यदि आप विदेश जाने की योजना बना रहे हैं तो यह अवधि आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। इसके अलावा इस अवधि में आपके शब्द लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं इसलिए थोड़ा सतर्क रहें। इस दौरान आपके पिता के साथ भी आपके संबंध खराब हो सकते हैं या उनका सेहत बिगड़ सकती है।

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मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह पांचवें भाव में नीच के हो जाएंगे। इस दौरान आप स्वभाव में चिड़चिड़े हो सकते हैं और आप में क्रोध की वृद्धि हो सकती है। आपके इस स्वभाव के कारण बच्चों व पिता से आपके संबंध खराब हो सकते हैं। साथ ही, आपका रिश्ता भी प्रभावित हो सकता है और इस वजह से ब्रेक अप व अलगाव की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी परिस्थिति में अपने गुस्से पर काबू रखें अन्यथा यह आपके रिश्ते को तोड़ कर रख सकता है।

मंगल के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय 

  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • मंगलवार का व्रत रखें।
  • छोटे बच्चों को बेसन के लड्डू या बूंदी वितरित करें।
  • बजरंग बाण का पाठ करें।
  • अपने घर और कार्यस्थल में मंगल यंत्र की स्थापना करें और विधि-विधान से पूजा करें।

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