मांगलिक होने के फायदे जानते हैं आप? जानकर इस दोष से घबराना छोड़ देंगे आप!

अक्सर विवाह में देरी इत्यादि होने पर लोग ज्योतिषी से सीधा सवाल करते हैं कि कहीं मेरी कुंडली में मांगलिक दोष तो नहीं? कुंडली विश्लेषण के बाद ज्योतिष इसका जवाब भी देते हैं, लेकिन यहाँ सोचने वाली बात है कि मांगलिक होना क्या वाकई में दोष होता है? हाँ तो कैसे? क्योंकि मांगलिक शब्द बना ही मंगल शब्द से है और मंगल का अर्थ होता है शुभ, अच्छा होना। ऐसे में अब आप खुद ही सोचिए कि क्या मांगलिक होना दोष होता है या इसके लाभ भी हैं?

आज अपने इस विशेष ब्लॉग में हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि मांगलिक होने के लाभ क्या होते हैं? मांगलिक होना कैसे आपके लिए शुभ साबित हो सकता है? साथ ही जानेंगे कि आप बिना कुंडली देखे कैसे जान सकते हैं कि आप मांगलिक हैं या नहीं?

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सामान्यतः “मंगल” शुभ कार्यों में, आशीर्वाद देने में इस्तेमाल किया जाता है। जैसे| मंगलमय हो, आदि…”

मांगलिक दोष: क्या वाकई में होता है अशुभ?

खुद सोचिए जब हमें किसी का भला सोचना होता है तो हम उनके बारे में मंगल (शुभ) सोचते हैं,   शुभ कार्यों को मांगलिक कार्य बोला जाता है, लोगों के अच्छे जीवन के लिए मंगल कामना की जाती है तो आखिर मंगल दोष कैसे हुआ? जैसे शनि ग्रह के बारे में लोगों के मन में गलत धारणा बनी हुई है वैसे ही मंगल दोष से भी लोग बेवजह ही परेशान और भयभीत होते हैं। 

यह बात जानते हैं आप? मंगल दोष का सही ज्ञान न होने पर लोग अक्सर ही इसका ज़िक्र होते ही भयभीत हो उठते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम भी मांगलिक थे? भगवान राम की जन्मकुंडली के सप्तम भाव में भी मंगल था जिससे वह भी मांगलिक थे। 

आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि आखिर मांगलिक होना कैसे अच्छा होता है। मांगलिक दोष शुभ कैसे होता है? लेकिन इन सब को जानने से पहले यहाँ यह जानना बेहद ज़रूरी है कि आखिर मंगल दोष किसे कहते है?

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क्या है मंगल दोष?

ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब किसी व्यक्ति के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, द्वादश भाव में मंगल स्थित हो तो इससे कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित मंगल दोष का निर्माण होता है। जरूरी नहीं है कि इन भावों में होने पर जातकों को हमेशा नकारात्मक प्रभाव ही झेलने पड़ें। इन भावों में मंगल के होने से कुछ लाभ भी होते हैं। जैसे: 

  • उदाहरण के तौर पर जब मंगल प्रथम यानि की लग्न भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति साहसी और पराक्रमी होते हैं। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी ऐसे जातक विजयी बनकर बाहर निकलते हैं। 
  • इसके अलावा चतुर्थ भाव में मंगल होने के लाभ की बात करें तो ऐसे जातक शक्तिशाली और आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। इन लोगों के अंदर अन्य लोगों को अपनी तरफ खींचने की शानदार शक्ति होती है। 
  • सप्तम भाव में मंगल होने के लाभ की बात करें तो यह जातकों को संपत्ति और संपत्ति से संबंधित काम में शुभ परिणाम प्रदान करता है। ऐसे जातक बड़े पद पर आसीन होते हैं और ढेर सारी संपत्ति के मालिक भी होते हैं। 
  • अष्टम भाव में मंगल के शुभ प्रभाव की बात करें तो इससे व्यक्ति को आकस्मिक रूप से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ-साथ ऐसे जातक शल्य चिकित्सक भी बनने की शानदार मापदा रखते हैं। 
  • अंत में बात करें मंगल के द्वादश भाव में होने से मिलने वाले लाभ के बारे में तो ऐसे व्यक्ति विदेशी भूमि से सफलता हासिल करते हैं और साथ ही ऐसे लोगों को बहुत लोगों का प्यार और आकर्षण भी मिलता है।

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कैसा होता है मांगलिक जातकों का व्यक्तितव?

अब यहाँ यह भी जानना दिलचस्प होगा कि आखिर मांगलिक जातकों का व्यक्तितव कैसा होता है? अगर आप भी इस बात का जवाब जानना चाहते हैं तो आइये आगे पढ़िये और जान लीजिये मांगलिक जातकों की कुछ अनोखी खासियत के बारे में:

  1. अक्सर देखा गया है कि जो लोग मांगलिक होते हैं वह अपने जीवन में बेहद ही अनुशासित होते हैं और कोई भी काम पूरी तरह से प्लान बनाकर करते हैं। 
  2. अनुशासन ऐसे लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है और इसे वह अपने जीवन के हर पहलू में फॉलो करते हैं। 
  3. कोई भी काम शुरू करने के बाद उसे अंजाम तक पहुंचाए बिना ऐसे लोग राहत की सांस नहीं लेते हैं।
  4. इसके अलावा मांगलिक जातक लड़ाई झगड़ों और जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों से भी घबराते नहीं है बल्कि उनका डटकर सामना करते हैं।

बिना कुंडली के कैसे जानें कि आप मांगलिक हैं या नहीं?

बहुत से लोगों के मन में अब यह सवाल भी होगा कि आखिर हम बिना कुंडली देखे या बिना ज्योतिषी से परामर्श किए कैसे जान सकते हैं कि क्या हम मांगलिक है या नहीं? तो आपके इसी सवाल का जवाब है हमारे इस विशेष अंक में। आइए जानते हैं कि आप बिना कुंडली पढ़े कैसे जान सकते हैं कि आप मांगलिक हैं या नहीं?

मंगल ग्रह को ज्योतिष में महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है। साथ ही मंगल ग्रह को उग्र ग्रह भी माना गया है। बात करें मांगलिक होने के लक्षणों की तो, 

  • यदि किसी जातक का विवाह अनावश्यक कारणों से देर हो रहा है या बार-बार शादी तय हो कर भी टूट जाती है तो मुमकिन है कि व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष मौजूद है। 
  • इसके अलावा यदि आपका विवाह हो गया है और उसमें भी ना चाहते हुए भी बाधाएं आ रही है या बेवजह की परेशानियां आ रही हैं तो यह भी इस बात का संकेत होता है कि आप मांगलिक हैं। 
  • वैवाहिक जीवन में अपने जीवन साथी के साथ अत्याधिक संघर्ष और बेवजह का अनबन, लड़ाई झगड़ा होना भी मांगलिक होने का संकेत देता है। 
  • इसके अलावा यदि आपको बेवजह और छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा आने लगा है या अनावश्यक गुस्सा आता है तो यह भी इस बात का संकेत होता है कि आपकी कुंडली में मंगल दोष मौजूद है। 
  • इसके अलावा जिन लोगों को खून से संबंधित परेशानियां होती हैं उन्हें भी मांगलिक दोष से पीड़ित माना जाता है।

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यह भी ज़रूर पढ़ें: मांगलिक दोष से जुड़ी एक बड़ी अवधारणा यह भी है कि 28 साल की उम्र के बाद मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है। क्या यह वाकई में सच है? आइए जानते हैं इसके बारे में भी।

ज्योतिष के कई जानकार मानते हैं कि 28 साल की उम्र के बाद मांगलिक दोष से मुक्ति मिल जाती है। यही वजह है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष होता है तो वह 28 साल की उम्र के बाद विवाह करते हैं (या ऐसा करने की उनको सलाह दी जाती है)। इसके पीछे पुराने समय का एक तर्क है जिसके अनुसार जीवन के हर चरण को 7 सालों के हिस्सों में बांटा गया है। 

पहले चरण में व्यक्ति के पैदा होने से 7 साल की उम्र तक का समय आता है। इस दौरान व्यक्ति का शरीर पूरी तरह से विकसित होता है। 

इसके बाद 7 से 14 उम्र की व्यक्ति के अंदर उत्तेजना ऊर्जा के चक्रों का विकास होता है। स्वभाविक सी बात है इस दौरान व्यक्ति के अंदर तमाम परिवर्तन देखे जाते हैं। 

इसके बाद आती है 14 से 21 वर्ष की आयु। इसमें व्यक्ति के मस्तिष्क का पूर्ण विकास होता है। 

इसके बाद 21 से 28 साल की उम्र में व्यक्ति प्रकृति और खुद से जुड़े बहुत सारे राज जान सकता है। 

यहां यह भी जानना आवश्यक है कि पहले के समय में यह मापदंड बेहद ही सटीक माने जाते थे। हालांकि मौजूदा समय में यह चरण किसी के लिए ज्यादा तो किसी के लिए कम भी हो सकते हैं। इसी तर्ज पर व्यक्ति अपने जीवन के 21 से 28 साल वाले समय को पूरा कर लेता है तो मांगलिक दोष का प्रभाव कम होने लगता है। यदि आप इस विषय के बारे में और विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे ज्योतिषियों से फोन/चैट/लाइव के माध्यम से जुड़कर अपने ज़हन में उठ रहे सवालों का जवाब जान सकते हैं।

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