मंगल कन्या में होंगे अस्त – 5 राशियों पर दिखेगा विशेष असर – कार्यक्षत्र और व्यापार में उठाना पड़ सकता है नुकसान!

एक अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी लेकर एस्ट्रोसेज का एक खास ब्लॉग अपने रीडर्स के लिए हाजिर है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे जल्द अस्त होने वाले मंगल ग्रह से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों की जानकारियां। आपकी जानकारी के लिए बता दें 24 सितंबर, 2023 को मंगल कन्या राशि में अस्त होने जा रहा है। 

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ऐसे में जान लेते हैं मंगल के कन्या राशि में अस्त होने का किन पाँच राशियों पर विशेष असर देखने को मिलेगा। 

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वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह

मंगल ग्रह, बुध ग्रह का शत्रु ग्रह है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की मंगल कन्या राशि में अस्त होकर किस तरह के प्रभाव देगा। मंगल शत्रु राशि में होने के कारण स्पष्ट रूप से अपनी शक्ति खोता हुआ प्रतीत होगा। विशेष तौर पर यहां यह बात जानने और समझने वाली है कि क्योंकि मंगल कन्या राशि में अस्त होने जा रहा है इसलिए विशेष रूप से उसकी क्षमता में कमी देखने को मिलेगी। 

मंगल के शक्तिहीन होने से सभी राशियों पर नकारात्मक असर देखने को मिलेगा लेकिन विशेष रूप से कुछ ऐसी राशियाँ हैं जिनको इसका नुकसान थोड़ा ज्यादा उठाना पड़ेगा। इसके बारे में हम अभी इस ब्लॉग में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे। आगे बढ़ने से पहले मंगल ग्रह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जान लेते हैं। 

ज्योतिष में मंगल ग्रह – वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को योद्धा के रूप में जाना जाता है। यह एक मर्दाना प्रकृति का गतिशील और ऊर्जा से भरपूर ग्रह है जो व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, जीवन शक्ति, और जुनून का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल ग्रह अपने क्रिया उन्मुख दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। 

अपने इस ब्लॉग में हम जानेंगे कन्या राशि में मंगल के अस्त होने की इस महत्वपूर्ण घटना का सकारात्मक और नकारात्मक किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा। यदि मंगल अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष में स्थित हो तो यह अत्यधिक शुभ परिणाम प्रदान करता है। जब मंगल मेष या वृश्चिक राशि में स्थित होता है तो क्योंकि यह दोनों ही मंगल द्वारा शासित राशियाँ हैं ऐसे में जातकों को भारी मात्रा में लाभ प्राप्त होता है। मंगल प्राकृतिक राशि चक्र से पहले घर और आठवें घर पर शासन करता है। पहले राशि मेष है और आठवीं वृश्चिक है। मंगल जातकों को अधिकार और पद के मामले में ढेरों लाभ प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है।

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कन्या राशि में मंगल के अस्त होने से इन राशियों के जीवन पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

  • मेष राशि  

मंगल मेष राशि का शासक स्वामी है इसीलिए प्रथम भाव का स्वामी और अष्टम भाव का स्वामी भी है। मेष राशि के जातकों के छठे घर में मंगल अस्त होने जा रहा है जो निश्चित रूप से आपके जीवन में परेशानी की वजह बनेगा। इस अवधि के दौरान मेष राशि के जातकों को अपने पेशे से संबंधित किसी भी चीज से निपटते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में मेष राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रशंसा ना मिलने की वजह से नौकरी में असंतुष्टि की भावना का सामना करना पड़ सकता है। 

हालांकि आपके लिए बेहतर अवसर के लिए नौकरी बदलने का विचार अनुकूल साबित होगा लेकिन तत्काल परिवर्तन उतने अच्छे साबित नहीं होंगे जितनी आप उम्मीद कर रहे हैं। मंगल का यह अहम परिवर्तन विदेश में नौकरी हासिल करने के संदर्भ में अनुकूल रहेगा लेकिन मुमकिन है कि इसके लिए आपको बहुत कुछ छोड़ना पड़े। 

इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं उनके लिए यह महत्वपूर्ण परिवर्तन लाभ के मामले में औसत रहने वाला है। व्यापार में भी आपको औसत लाभ की प्राप्ति होगी। व्यवसाय में जोखिम और प्रतिस्पर्धा आपको थोड़ा नीचे खींच सकती है जो आपकी व्यावसायिक रणनीतियां को दोबारा से स्थापित करने की ओर आपका ध्यान खींचेगी।

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सातवें और बारहवें घर का स्वामी है और पांचवें घर में अस्त होने जा रहा है। यदि आप पेशेवर जीवन से जुड़े हुए हैं तो इस दौरान आपको कड़ी मेहनत करने और अपनी बुद्धि का उपयोग ज्यादा करने की आवश्यकता पड़ेगी ताकि आप कुछ अनोखा सोचने में कामयाब हो सकें और अच्छे विचारों और अपने काम की गुणवत्ता को सुधारने के लिए भी आपको कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। 

मुमकिन है कि आपकी वर्तमान नौकरी में आपकी रुचि कम हो और इस तरह से आपके जीवन में असंतुष्टि देखने को मिल सकती है। इसके अलावा इस राशि की कुछ जातक अपनी आय से भी नाखुश नजर आ सकते हैं जिसके चलते वह अच्छी आय के लिए नई नौकरी की तलाश करते नजर आएंगे। 

अगर आप व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़े हैं तो मुनाफा बढ़ाने के लिए आप जुनून के साथ आगे बढ़ते नजर आएंगे लेकिन मुमकिन है कि आपको अधिक मुनाफा ना मिल पाए और आपको नुकसान झेलना पड़े। इसके अलावा व्यवसाय में आपको अपने साझेदारों से कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

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कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव का स्वामी है। इस अवधि में आप अपने सभी प्रयासों में सफलता हासिल करने की कोशिश तो पूरी करेंगे लेकिन नौकरी के संदर्भ में आपको उम्मीद जितना लक्ष्य हासिल नहीं हो पाएगा। मुमकिन है कि आपका सहकर्मी और वरिष्ठ लोग आपका सहयोग न करें और इससे आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा इस अवधि में आपको छोटी दूरी की यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं। हालांकि इन यात्राओं से आपको लाभ नहीं होगा। 

इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें इस अवधि में कई अच्छे मौके हाथ से फिसलते नजर आएंगे जिसके चलते आपको नुकसान हो सकता है। आपको अपने प्रतिस्पर्धियों से कड़ी टक्कर मिलेगी जिसके चलते आप अधिक लाभ प्राप्त करने में भी असफल हो सकते हैं। आपके व्यापारिक सौदे भी प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि पंचम भाव का स्वामी तीसरे भाव में अस्त होने वाला है।

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ भाव और नवम भाव का स्वामी है और अब आपके बारहवें  भाव में अस्त होने जा रहा है। कन्या राशि में मंगल के अस्त होने के दौरान सिंह राशि के जातकों को अपने जीवन में इच्छा अनुरूप सफलता नहीं प्राप्त होगी और यह आपके लिए चिंता की वजह बन सकता है। आपकी अपेक्षाओं के विपरीत आपको नौकरी में स्थानांतरण मिल सकता है जिसकी वजह से आपके जीवन में परेशानी खड़ी हो सकती है। 

कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ विवाद होने की भी प्रबल आशंका है। इसके अलावा इस दौरान जीवन में संतुष्टि की कमी के चलते आपको नौकरी भी बदलनी पड़ेगी। इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें इस अवधि में नुकसान होने की आशंका है और मुमकिन है इसके चलते आप अपने प्रतिस्पर्धियों को उचित चुनौती देने में असफल रहेंगे। आपको अपने व्यवसाय में तमाम रुकावटें और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और यह परेशानियां आपके व्यापार को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में रुकावट डालेंगी।

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धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें घर का स्वामी है और आपके दसवें भाव में अस्त होने जा रहा है। इस राशि के जातक अगर अपनी उत्पादकता में सुधार चाहते हैं तो आपको औसत परिणाम ही प्राप्त होंगे। अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने और सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अपने काम को समझदारी से निर्धारित करने और एक व्यवस्थित दृष्टिकोण को अपनाना बेहद आवश्यक होगा। ऐसा करके ही आप अपने काम में उचित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। 

कन्या राशि में मंगल के अस्त होने से इस राशि के व्यवसायी जातकों के लिए भी यह अवधि चुनौती पूर्ण साबित होगी और इस दौरान आपकी धैर्य की परीक्षा भी होने वाली है। इसके अलावा मंगल अस्त होने की इस अवधि में आपको ढेरों नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। विशेष तौर पर अगर आपके व्यावसायिक भागीदारों से आपको समर्थन में कमी मिल रही है तो। इन कठिनाइयों से सावधानी से निपटने और जोखिमों को कम करने के लिए आपको नई रणनीतियां तैयार करने की आवश्यकता पड़ेगी। 

कन्या राशि में मंगल अस्त – प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय 

  • रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें।  
  • मंगलवार के दिन व्रत रखें।  
  • छोटे बच्चों को बेसन या बूंदी के लड्डू खिलाएँ। 
  • बजरंग बाण का पाठ करें।  
  • अपने घरों और कार्यस्थल पर मंगल यंत्र स्थापित करें और उसकी नियमित रूप से पूजा करें।

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