ममता बनर्जी किसी ख़ास परिचय की मोहताज नहीं हैं। हमारे पास उनका परिचय करवाने के लिए कई सम्बोधन मौजूद हैं। आप उन्हें पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री कह सकते हैं या फिर चाहें तो आप उन्हें तृणमूल कांग्रेस का संस्थापक भी कह सकते हैं। ममता बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता के जोगमाया कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया है। उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी से ही इस्लामिक इतिहास में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। बाद में उन्होंने आगे पढ़ते हुए जोगेश चंद्र कॉलेज से क़ानून की डिग्री ली। ममता बनर्जी अभी तक अविवाहित हैं।
राजनीति में उनका आगमन कॉलेज में ही हो गया था। साल 1976 से लेकर साल 1997 तक वह कांग्रेस पार्टी की सदस्य रहीं और बाद में कांग्रेस पार्टी से विवाद की वजह से उन्होंने अपनी स्वयं की एक पार्टी खड़ी की। नाम दिया तृणमूल कांग्रेस। ममता बनर्जी को संजीदा मुद्दों को भी बड़े ही सहज ढंग से सुलझाने वाले नेता के तौर पर देखा जाता है। फिलहाल ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री है और वहां की राजनीति की केंद्र बिंदु भी। अब चूँकि पश्चिम बंगाल चुनाव के मुहाने पर खड़ा है तो ऐसे में यह जानना कि ममता बनर्जी का भविष्य इस चुनाव में कैसा रहने वाला है, काफी दिलचस्प होगा।
हम यहाँ आज यह जानने की कोशिश करेंगे कि आगामी चुनाव के बाद उनका भविष्य कैसा रहने वाला है। ममता बनर्जी के साथ-साथ यह भविष्यवाणी उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की भी भविष्यवाणी है क्योंकि ममता बनर्जी के समर्थकों की मानें तो ममता ही तृणमूल कांग्रेस हैं और तृणमूल कांग्रेस ही ममता है। आइये जानते हैं कि कैसा रहने वाला है ममता बनर्जी का भविष्य।
ममता बनर्जी का भविष्य
ममता बनर्जी की हमारे पास कोई भी सटीक जन्मपत्री उपलब्ध नहीं है इसलिए हम यहां पर उनके भविष्य का हाल उनकी प्रश्न कुंडली देख कर बता रहे हैं जो कि संख्या 71 पर आधारित है। नीचे उनकी कुंडली दी गयी है :
ममता बनर्जी की प्रश्न कुंडली के अनुसार उनका लग्न कर्क है और चन्द्रमा के साथ मौजूद है। लग्न का उप नक्षत्र स्वामी चन्द्रमा है और यह बुध के तारे में है। फिलहाल चन्द्रमा ममता की कुंडली में आठवें भाव में विराजमान है। छठे भाव का उप स्वामी शनि है जो कि चन्द्रमा के तारे में है। चन्द्रमा पहले भाव में विराजमान है और शनि सातवें भाव में विराजमान हो कर सातवें और आठवें भाव को प्रभावित कर रहा है। शनि इस वक़्त अपने उप नक्षत्र में मौजूद है। इस तरह से ममता बनर्जी की कुंडली में छठा भाव सातवें और आठवें भाव से ज्यादा जुड़ा है।
ममता बनर्जी की कुंडली के दसवें भाव का स्वामी मंगल है जो कि चन्द्रमा का ही एक तारा है लेकिन इस वक़्त वह बुध के उप नक्षत्र में मौजूद है। ऐसे अगर कुंडली में देखा जाए तो आठवें भाव का प्रभाव अन्य किसी भी भाव से ज्यादा नज़र आता है। हालाँकि उनकी प्रश्न कुंडली में एक से लेकर 11 भाव सभी ही मजबूत स्थिति में हैं।
फिलहाल ममता के ऊपर बुध की दशा और मंगल का अन्तरा चल रहा है जो कि इस साल यानी कि अक्टूबर 2021 तक रहने वाला है। मंगल बुध के उप नक्षत्र में है और आठवें भाव में मौजूद रह कर 3 से लेकर 12 भावों को प्रभावित कर रहा है।
जिस अवधि में चुनाव होने वाले हैं, उसी अवधि में बुध की प्रत्यंतर दशा चलेगी। इस दौरान यह आठवें भाव के साथ-साथ राहु के तारे और मंगल के उप नक्षत्र में मौजूद रहेगा। इस वजह से ममता को चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे मिलेंगे।
मैं यहाँ पर एक और कुंडली की बात करूँगा जोकि ममता बनर्जी के समस्त विपक्ष की है और यह संख्या 131 के आधार पर है। इसकी कुंडली नीचे दी गयी है :
यह कुंडली दर्शाती है कि विपक्ष के लग्न के उप नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है और यह आठवें भाव में मंगल के तारे में मौजूद है। बृहस्पति फिलहाल अपने ही उप नक्षत्र में मौजूद है। कुंडली में छठे भाव के उप नक्षत्र का स्वामी मंगल, चन्द्रमा के तारे और बुध के उप नक्षत्र में मौजूद है। बुध कुंडली के पांचवे भाव में मौजूद है जो कि हार का सूचक है। ग्यारहवें भाव के उप नक्षत्र का स्वामी बुध है जो कि राहु के तारे के साथ-साथ मंगल के उप नक्षत्र में मौजूद है। ये दोनों ही कुंडली के आठवें भाव में विराजमान हैं। चूँकि चुनाव बुध के प्रत्यंतर दशा के दौरान हो रहे हैं ऐसे में यह स्थिति विपक्ष के लिए सकारात्मक नहीं हैं। इस स्थिति में और इन दो कुंडलियों के आधार पर जो हालात बन रहे हैं उससे तो यही नज़र आ रहा है कि आगामी चुनाव में ममता बनर्जी की जीत हो सकती है।
दोनों ही कुंडलियों में आठवां भाव सबसे प्रभावी नज़र आ रहा है जो बता रहा है कि परदे के पीछे दुर्भावना से भरी किसी पटकथा की तैयारी चल रही है। अब यह पटकथा कैसी नजर आएगी ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा लेकिन इन दो कुंडलियों के आधार पर यही कहा जा सकता है कि आने वाले चुनाव में ममता बनर्जी का पलड़ा भारी रहने वाला है। सीधे शब्दों में कहें तो ममता आगामी चुनाव में जीत सकती हैं और अगर सब कुछ सही रहा तो वह मुख्यमंत्री भी बन सकती हैं।
अंत में आगामी चुनाव के लिए ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी पार्टियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।