माघ पूर्णिमा पर वर्षों बाद बना महासंयोग, शुभ मुहूर्त अनुसार करें पूजन-विधि खुद दर्शन देंगी मां लक्ष्मी !

सनातन धर्म में हमेशा से ही प्रत्येक पूर्णिमा और अमावस्‍या का महत्‍व विशेष बताया गया है। यूँ तो ये अमावस्‍या और पूर्णिमा तिथि हर महीने ही पड़ती है, परंतु कुछ महीनों की पूर्णिमा तिथि हिन्दू धर्म में बहुत ही खास मानी गई हैं। इन्हीं पूर्णिमाओं में से एक है माघ पूर्णिमा। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा तिथि से ही माघ मास खत्‍म होता है और इसके अगले दिन से फाल्‍गुन मास का आरंभ हो जाता है। इस दिन व्रत, स्‍नान, दान-पुण्य करने का विधान है। लोग अपनी आर्थिक तंगी से निजात पाने और अपार धन प्राप्ति के लिए भी इस दिन अनेक उपाय, पूजन, यज्ञ आदि का आयोजन करते हैं। 

ऐसे में एस्ट्रोसेज के ज्योतिषियों की मानें तो इस वर्ष 2022 की माघ पूर्णिमा तिथि पर अनेक दुर्लभ व शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है और यही कारण है कि इस वर्ष इस दिन पूजन आदि से लोग कई यज्ञों के सम्मान फल प्राप्त करने में सफल रहेंगे। 

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माघ पूर्णिमा 2022 का शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष माघ पूर्णिमा तिथि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस वर्ष 2022 में ये तिथि 15 फरवरी, मंगलवार को रात 09 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगी और उसकी समाप्ति अगले दिन 16 फरवरी, बुधवार को रात 10 बजकर 28 मिनट पर होगी। ऐसे में इस साल माघ पूर्णिमा 16 फरवरी को मनाई जाएगी और लोग इस दिन ही दान-पुण्य, स्नान व व्रत का पालन करेंगे। 

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माघ पूर्णिमा पर वर्षों बाद बना शुभ संयोग 

ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, पूजन-विधि का शुभ मुहूर्त 16 फरवरी की सुबह सूर्योदय से लेकर रात्रि 10:28 बजे तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान जो भी व्यक्ति किसी भी पवित्र कुण्ड, नदी, आदि में स्नान कर उसके बाद अपनी श्रद्धानुसार दान करता है तो उसपर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव रहती है। 

इसके अलावा इस साल माघ पूर्णिमा के दिन ही चंद्र देव अपनी स्वराशि कर्क में और अश्लेषा नक्षत्र में युति करते हुए “शोभन योग” का निर्माण करेंगे। वैदिक ज्योतिष में इस योग को बहुत शुभ और फलदायी माना गया है। इसलिए इस दिन किए गए सभी धर्म-कर्म के कार्य फलित होंगे और लोग इस पूर्णिमा पर कई गुणा शुभ फल प्राप्त करने में सफल रहेगा। 

परंतु 16 फरवरी, बुधवार के दिन दोपहर को 12:35 से 01:59 बजे तक राहुकाल की अवधि रहने वाली है, इसलिए राहुकाल की इस अवधि के दौरान व्यक्ति को कोई भी शुभ कार्य करने से बचने की भी ख़ास सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त शेष समय मांगलिक कार्यों के लिए बेहद उत्तम रहने वाला है। 

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माघ पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी से पाएं सुख-शांति एवं समृद्धि का आशीर्वाद 

मान्यता अनुसार माघ पूर्णिमा की रात्रि जो भी व्यक्ति चंद्रमा की विधि-विधान अनुसार पूजा करता है तो उसकी कुंडली से बड़े से बड़ा चंद्र दोष दूर या नष्ट हो जाता है। इसलिए भी माघ पूर्णिमा की रात को धन-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी का पूजन करने का विधान है। भक्त इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी श्रद्धापूर्वक विधिवत पूजा और जागरण करते हैं और उसके बाद देवी को सफेद मिठाई का भोग लगाते हुए उनसे अपने जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि के आशीर्वाद की कामना की जाती है। 

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मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए ज़रूर करें ये अचूक उपाय:-

– माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्‍नान करें। फिर सफ़ेद साफ़ वस्त्र पहनकर पीपल के पेड़ को जल अर्पित कर उसकी पूजा करने से भी मां लक्ष्‍मी की कृपा दृष्टि बनी रहती है।  

– माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आपके घर मां लक्ष्मी का आगमन हो, इसके लिए आपको पूर्णिमा की सुबह स्नान कर तुलसी मां को जल अर्पित करना चाहिए। फिर शाम के समय उसके समक्ष एक घी का दीपक भी जलाना चाहिए। 

– हर प्रकार की धन या आर्थिक तंगी का समाधान पाने के लिए माघ पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी को 11 कौड़ियां अर्पित करना शुभ माना गया है। इस दौरान रात्रि में सभी कौड़ियों पर हल्दी का तिलक कर पहले उनकी पूजा करें और फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांधकर घर के पूजा स्थान या धन स्थान पर रख लें। माना गया है कि ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपके जीवन में आ रही धन संबंधी हर समस्या का अंत हो जाएगा और आपकी आर्थिक स्थिति भी पहले से बेहतर होने लगेगी।  

– विशेषज्ञों अनुसार माघ पूर्णिमा की पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी को घर पर बनी खीर का भोग लगाना बेहद शुभ रहता है। क्योंकि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्त को आशीर्वाद स्वरूप सुख-समृद्धि देती हैं। 

– मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए हमेशा देवी लक्ष्मी से संबंधित मंत्रों का जाप करने से पूजा फलित होती है। 

– संभव हो तो आप देवी लक्ष्मी की पूजा किसी पंडित या पुरोहित की मदद से भी घर पर आयोजित कर सकते हैं। 

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