Magh Gupt Navratri 2021 Date: माघ गुप्त नवरात्रि आज से, जानें महत्व और संपूर्ण पूजन विधि

सनातन धर्म में मां दुर्गा की आराधना के लिए, नवरात्रि के नौ दिन सबसे शुभ और पावन माने गए हैं। हर वर्ष कुल 5 नवरात्रि मनाई जाती हैं।, जिसमें से जहाँ चैत्र और शरद नवरात्रि का प्रचलन अधिक देखने तो मिलता है, तो वहीं इन दोनों नवरात्रि के अलावा क्रमशः पौष गुप्त, आषाढ़ गुप्त और माघ गुप्त नवरात्रि भी मां दुर्गा को समर्पित होती हैं। इन तीनों गुप्त नवरात्रि में भी, चैत्र और शरद नवरात्रि की तरह ही, मां दुर्गा की संपूर्ण विधि-विधान अनुसार उपासना करने की परंपरा है।

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गुप्त नवरात्रि 2021 का हुआ शुभारंभ (Gupt Navratri 2021 Date)

ऐसे में वर्ष 2021 की माघ महीने की गुप्त नवरात्रि का आरंभ आज, यानी 12 फरवरी से हो गया है, जिसकी समाप्ति 21 फरवरी, रविवार को होगी। गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों के साथ-साथ, दस महाविद्यियाओं की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। जिस कारण गुप्त नवरात्रि नौ की जगह दस दिनों तक मनाई जाती है। माना जाता है कि नवरात्रि के इन दिनों में, देवी दुर्गा अपने भक्तों की हर मुराद पूरी कर उन्हें हर प्रकार के दुःख और दर्द से निजात दिलाती है। यही मुख्य कारण है कि इस दौरान दुनियाभर में देवी दुर्गा के मंदिरों में, मां के भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है। तो चलिए जानते हैं कि इस माघ गुप्त नवरात्रि में, देवी दुर्गा की किस महाविद्यियाओं की पूजा किस दिन की जाएगी:-

12 फरवरी 2021: माँ काली 

13 फरवरी 2021: भुनेश्वरी माता 

14 फरवरी 2021: त्रिपुर सुंदरी 

15 फरवरी 2021: छिन्न माता 

16 फरवरी 2021: बगलामुखी देवी 

17 फरवरी 2021: कमला देवी 

18 फरवरी 2021: त्रिपुर भैरवी माता 

19 फरवरी 2021: तारादेवी 

20 फरवरी 2021: धुमावती माँ 

21 फरवरी 2021: मातंगी 

गुप्त नवरात्रि का महत्व

भागवत पुराण की मानें तो, माघ गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना किए जाने का विधान है। गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व तांत्रिक कियाएं, शक्ति साधनाएं, महाकाल आदि से संबंध रखने वाले लोगों के बीच होता है। ऐसे में इस दौरान दस दिनों तक देवी दुर्गा को प्रसन्न कर, उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त कठिन नियमों का पालन करते हुए व्रत और साधना करते हैं। 

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गुप्त नवरात्रि 2021 की पूजा-विधि  (Gupt Navratri 2021 Puja Vidhi)

  • अन्य सभी नवरात्रि की तरह ही, गुप्त नवरात्रि में भी देवी दुर्गा का व्रत, पूजा-पाठ और आराधना करने का विधान है। 
  • इस दौरान माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से, नवमी तिथि तक उपवास रखते हुए, सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है। 
  • कुछ लोग मां की विशेष कृपा पाने के लिए, गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों तक कलश की स्थापना भी करते हैं। 
  • जिन भक्तों ने कलशस्थापना की है, उन्हें सुबह और शाम दोनों समय में अच्छे से स्नान करके साफ़ वस्त्र पहनकर, मां की आराधना करनी चाहिए। 
  • पूजा के दौरान, मां की फल, फूल, धुप, दीप आदि से विधिवत पूजा करें। इस समय विशेष ध्यान रखें कि माँ के लिए, उनका सबसे प्रिय केवल और केवल लाल रंग का फूल ही इस्तेमाल करें। 
  • भूलकर भी इस पूजा में मां को आक, मदार, दूब व् तुलसी न चढ़ाएं। 
  • अब पूजा के बाद सपरिवार माता की आरती करें। इस दौरान मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना, व्रती के लिए फलदायी सिद्ध होता है। 
  • पूजा के बाद दोनों समय मां को भोग लगाएँ। यदि आप साधारण तरीके से पूजा कर रहे हैं, तो सबसे देवी के लिए उत्तम भोग है लौंग और बताशा। 
  • नवरात्रि के प्रथम दिन से उसकी समाप्ति तक, ध्यान रहें कि देवी की प्रतिमा या चित्र के सामने शुद्ध गाय के घी का एकमुखी दीपक हमेशा जलाकर रखें। 
  • पूरे नौ दिन तक अपना खान पान सात्विक रखें, और घर में मॉस-मदिरा का सेवन भूल से भी न करें । 

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आशा करते हैं गुप्त नवरात्रि के बारे में हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।  हमारे सभी पाठकों को माघ गुप्त नवरात्रि की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। 

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