कोरोना काल में माँ बगलामुखी करेंगी दुष्टों का संहार!

मां भगवती के 10 महाविद्याओं में से एक प्रमुख महाविद्या मां बगलामुखी है जिन्हें आठवीं महाविद्या के रूप में मान्यता प्राप्त है। भगवान शिव द्वारा 10 महाविद्याओं को प्रकट किया गया, जिनके पूजन से विभिन्न प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती हैं और कार्य सिद्ध होते हैं। इन्हीं में से मां बगलामुखी जिन्हें पीतांबरा भी कहा जाता है वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रकट हुई थीं। आज 1 मई शुक्रवार को मां बगलामुखी का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। आज के दिन अन्न का दान करना बहुत उत्तम माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो मां बगलामुखी के साथ ना आपको मंगल जनित दोषों से भी मुक्ति दिलाती हैं।

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असंभव को संभव बनाती हैं मां बगलामुखी

मां बगलामुखी को स्तंभन की देवी कहा जाता है। यह बहुत शक्तिशाली देवी हैं और दुष्टों के संहार के लिए जानी जाती हैं। यदि आपको स्वाधिष्ठान चक्र को जागृत करना हो तो उसके लिए मां बगलामुखी की उपासना सर्वाधिक उपयुक्त साधना है। 

इनकी साधना करने से मनुष्य को आने को संघर्षों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जो सभी और से निराश हो चुके हैं उन्हें मां बगलामुखी की आराधना जीवन में हर सफलता प्रदान करती है। मां बगलामुखी अपने भक्तों के लिए समस्त कष्टों को हर लेती हैं और उनके जीवन के कष्टों को समाप्त कर देती हैं माता का यह स्वरूप परम शक्तिशाली है। इनके परे जीवन की कोई गति नहीं है। मां बगलामुखी रत्नों से जड़े हुए सिंहासन पर विराजमान रहती हैं और इनका रथ सभी प्रकार के रत्नों से सुशोभित रहता है। माता इसी रथ पर आरूढ़ होकर शत्रुओं का नाश करती हैं। वर्तमान समय में लोग अपने शत्रुओं का नाश करने के लिए और उन्हें हराने के लिए तथा राजनीति के क्षेत्र में बड़े बड़े राजनीतिक चुनावों में विजय प्राप्त करने के लिए संकल्प लेकर अनुष्ठान के रूप में माता बगलामुखी की पूजा संपन्न कराते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं।

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कोर्ट केस और शत्रुओं पर विजय के लिए मां बगलामुखी साधना

वर्तमान समय में जो लोग अपने शत्रुओं से घिरे हुए हों और कोई भी रास्ता नजर ना आ रहा हो या कोर्ट केस में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें मां बगलामुखी की साधना अवश्य करनी चाहिए। मां उन्हें तुरंत सफलता प्रदान करती हैं। माता की पूजा आदिकाल से ही होती आई है और इनकी साधना करने से व्यक्ति को वाक् सिद्धि प्राप्त होती है और शत्रु नाश होता है तथा कोर्ट कचहरी के मामलों में व्यक्ति जीत हासिल करता है। मुख्य रूप से स्तंभन की देवी के रूप में मां बगलामुखी की साधना की जाती है इनकी कृपा प्राप्ति से माता के उपासक और साधक को जीवन की हर बाधा से मुक्ति मिलती है।

मां बगलामुखी की कथा

मां बगलामुखी के प्राकट्य के संबंध में एक विशेष कथा आती है जिसके अनुसार प्राचीन काल में एक अति भयंकर तूफान आया जिसे समस्त उसकी नष्ट होने की कगार पर आ पहुंची और समस्त लोगों में हाहाकार व्याप्त हो गया उसके कारण सभी प्राणी मात्र के लिए जीवन का संकट उत्पन्न हो गया उस महा विनाशक तूफान के कारण भगवान विष्णु भी चिंतित हो गए क्योंकि वह नित्य आगे बढ़ता जा रहा था और समस्त संसार को अपने गर्त में लेता जा रहा था भगवान विष्णु ने शिवजी का ध्यान किया तब भगवान शिव ने भगवान विष्णु से कहा कि शक्ति के अलावा कोई और इस विनाश पर रोक ही नहीं सकता अतः भगवान शिव ने भगवान विष्णु को माता शक्ति का ध्यान करने का सुझाव दिया उनके इस आश्वासन पर भगवान विष्णु ने माता महा त्रिपुर सुंदरी का ध्यान किया और उन्हें अपनी पूजा से प्रश्न किया माता भगवान विष्णु जी की प्रार्थना से प्रसन्न हो गई और सौराष्ट्र क्षेत्र में हरी ब्राजील में जल क्रीड़ा करते हुए माता का प्राकट्य हुआ उन्हीं माता ने अपनी शक्ति के द्वारा महा भयंकर तूफान को स्तंभित कर विष्णु जी का क्षेत्र वरदान पूर्ण किया और उसके उपरांत ही सृष्टि का विनाश होने से रुक सका और समस्त प्राणी मात्र की रक्षा हुई।

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परम शक्तिशाली मां बगलामुखी मंत्र

मां बगलामुखी का बीज मंत्र “ह्ल्रीं” है। इसके अलावा माता का 36 अक्षरों का मंत्र समझ प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए एक अमोघ अस्त्र है जो आप अपने शत्रुओं के विरुद्ध प्रयोग करके मन वांछित सफलता अर्जित कर सकते हैं। 

यह मंत्र है: 

‘ॐ ह्ल्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय कीलय बुद्धिं विनाशय ह्ल्रीं ॐ स्वाहा’।

इस मंत्र के जाप से व्यक्ति अपने शत्रुओं का नाश करने में सक्षम होता है उसे जीत मिलती है इस मंत्र का जाप करने में सबसे ध्यान देने योग्य बात यह होती है कि माता की साधना में पीली वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है पीले वस्त्र धारण करें माता को पीले पुष्प अर्पित करें और माता को पीले वस्त्र पर आसन लेकर हल्दी की माला का प्रयोग करते हुए पूजा पाठ करें और माता की पूजा करने से पहले आपको बगलामुखी कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए क्योंकि इससे आपके शरीर की रक्षा होगी।

कैसे करें मां बगलामुखी को प्रसन्न

आज मां बगलामुखी प्राकृतिक पर्व के दिन माता को पीले रंग के पुष्प पीले रंग के वस्त्र और नारियल चढ़ाने से माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं। माता को पवित्रता अत्यंत प्रिय है, इसलिए उनकी पूजा में इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। माता को दीपदान करना चाहिए इसके लिए पीली हल्दी के ढेर बनाकर उस पर दीपदान करना चाहिए। किस प्रकार पूजा करने से जीवन में चली आ रही सभी समस्याएं नष्ट हो जाती है और माता की कृपा प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त माता बगलामुखी का ध्यान और आवाहन करें तथा बगलामुखी चालीसा और बगलामुखी आरती भी कर सकते हैं।

हम आशा करते हैं कि माँ बगलामुखी जयंती पर लिखा गया यह ब्लॉग आपको पसंद आएगा। हमारे साथ बने रहने के लिये धन्यवाद।

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