किस मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान शिव के किस रूप की पूजा करनी चाहिए?

हमारी सभी आवश्यकताओं और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए भगवान की सच्चे मन से भक्ति से अच्छा कोई और उपाय इस दुनिया में नहीं है। कहते हैं कि अगर सच्चे मन से भगवान से कोई भी प्रार्थना की जाए तो भगवान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी कर देते हैं। वैसे तो सभी देवी-देवता हमारी सभी इच्छाएं पूरी करने में समर्थ होते हैं लेकिन शास्त्रों में अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए भगवान शिव के अलग-अलग रूप की पूजा का नियम बताया गया है।

जानिए किस मनोकामना के लिए भगवान शिव के किस रूप का करें पूजन

  •  सभी मनोकामना पूर्ति के लिए आप भगवान शिव, माता पार्वती और उनके साथ कार्तिकेय की मूर्ति का पूजन कर सकते हैं। इन तीनों की साथ में पूजा करने से इंसान को सुख-सुविधा की सभी वस्तु निश्चित ही प्राप्त होती है। साथ ही उन्हें हर तरह का सुख भी मिलता है।
  • अगर किसी इंसान की तबियत बहुत ज़्यादा ख़राब रहती है या उनके घर में कोई हमेशा बीमार रहता है और उन्हें उस व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ की मनोकामना करनी है तो इसके लिए आपको ऐसी मूर्ति की पूजा करनी होगी जिसमें भगवान शिव का एक पैर, चार हाथ, और तीन नेत्र हो और उन्होंने हाथों में त्रिशूल थामा हो। इसके अलावा इस मूर्ति/तस्वीर में भगवान शिव उत्तर दिशा की ओर और भगवान विष्णु दक्षिण दिशा की ओर हो और साथ में भगवान ब्रह्मा जी भी हो।
  • अगर अन्न की मनोकामना पूरी करने के लिए किसी को पूजा करनी हो तो इसके लिए आपको भगवान शिव की एक ऐसी मूर्ति की पूजा करनी होगी जिसमें उनके तीन पैर, सात हाथ और दो सिर हों।  ऐसी मूर्ति का पूजन से इंसान को अन्न की प्राप्ति अवश्य होती है।
  • संतान  सुख की कामना करने वालों को माता पार्वती और भगवान शिव की बैल पर बैठी हुई मूर्ति का पूजन करना चाहिए।  इससे उन्हें जल्द से जल्द संतान की प्राप्ति होती है।
  • सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करने वालों को भगवान शिव की अर्धनारीश्वर मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।

यहाँ पढ़िए : विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए सावन में शिव जी को ऐसे करें खुश!

  • जिन्हे विद्या और ज्ञान प्राप्ति की कामना रहती है उन्हें भगवान शिव की ऐसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए जिसमें वो उपदेश देने वाली मुद्रा में बैठे हों।
  • मान-सम्मान और प्राण-प्रतिष्ठा की कामना करने वालों को नंदी और माता पार्वती के साथ अन्य सभी गणों से घिरे हुए भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करना अति फ़लदायी बताया गया है।
  • जीवन के सभी सुखों की कामना करने वालों को माता पार्वती के साथ नृत्य करते हुए हज़ारों भुजाओं वाले भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करना चाहिए।
  • जो लोग धन-संपत्ति की कामना रखते हों उन्हें चार हाथों और तीन नेत्रों वाले, गले में सांप और हाथ में कपाल धारण किये हुए भगवान शिव की मूर्ती का पूजन करना चाहिए।  इसे उनकी मनचाही मुराद पूरी होती है।
  • अगर किसी इंसान की ज़िंदगी में परेशानियां ख़त्म नहीं हो रही और उनको भगवान से इन परेशानियों को ख़त्म करने की मनोकामना करनी है तो उन्हें भगवान शिव की काले रंग की, लाल रंग के तीन नेत्रों वाली, चंद्रमा को गले में आभूषण की तरह धारण की हुई ऐसी मूर्ती की पूजा करनी चाहिए जिसके हाथ में गदा और कपाल हो। ऐसा करने से इंसान की परेशानियां तो ख़त्म होती ही हैं साथ ही उनके सभी रुके काम भी पूरे हो जाते हैं।

यहाँ पढ़िए: रुद्राभिषेक की संपूर्ण विधि और उससे प्राप्त होने वाले महत्वपूर्ण लाभों के बारे में !

  • दोष के नाश की कामना करने वालों को ध्यान की स्थिति में बैठे हुए, शरीर पर भस्म लगाए हुए भगवान शिव की मूर्ती का पूजन करना चाहिए।  ऐसा करने से उनके सभी दोष निश्चित ही दूर होते हैं।
  • शत्रुओं का भय खत्म करने की कामना हो तो भगवान शिव की ऐसी मूर्ति की पूजा करें जिसमें वो दैत्य जालंधर का विनाश कर रहे हों और अपने हाथ में उन्होंने सुदर्शन चक्र धारण किया हो।
  • घर परिवार में बढ़ चुके झगड़े को खत्म करने और घर में सुख-शांति की कामना करने के लिए जटा में गंगा और सिर पर चंद्रमा को धारण किये हो भगवान शिव की ऐसी मूर्ति का पूजन करना चाहिए जिसमें उन्होंने अपने बाएँ तरफ में माता पार्वती और पुत्र कार्तिकेय और गणेश को बैठाया हो।
  • पाप से मुक्ति की कामना के लिए हाथ में धनुष बाण लिए और रथ पर बैठे भगवान शिव की मूर्ति का पूजन करना चाहिए।
  • शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान शिव की ऐसी मूर्ती का पूजन करना चाहिए जिसमें महादेव दैत्य निकुंभ की पीठ पर बैठे हुए, दाएँ पैर को उसकी पीठ पर रखे और जिनके बाईं ओर पार्वती माता हों।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.