क्या लद्दाख़ केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद विकसित होगा? ज्योतिष की मदद से जानें।

लद्दाख – एक नया केंद्र शासित प्रदेश

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उस वक्त की चंद्र कुंडली जब भारत के राष्ट्रपति ने बिल साइन किया। 

दिनांक – 9 अगस्त 2019

समय – 9:00:00 AM

जगह – नई दिल्ली

ladakh kundli

लद्दाख़ की कुंडली जब यह केंद्र शासित प्रदेश के रुप में गठित हुआ।

गठन की तारीख-31 October 2019

गठन का समय – 00:00:00 आधी रात को 

जगह – लद्दाख़, भारत

लद्दाख़ भारत का नौंवा केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बिल पर हस्ताक्षर हुए थे (9 अगस्त 2019- पहली दो कुंडलियां) औऱ जब इस नए केंद्र शासित प्रदेश का का गठन हुआ (31 अक्टूबर 2019 अर्धरात्रि  – अंतिम 2 कुंडलियां) दोनों के ही मुहूर्त काफी अच्छे है और लद्दाख़ का भविष्य अच्छा होगा इस ओर संकेत कर रहे हैं। 

ग्रहों के आधार पर ज्योतिषीय मूल्यांकन

राज्य सभा और लोक सभा में बिल के पास होने के बाद इस बिल को 9 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गई। इस बिल पर कब हस्ताक्षर किये गये इस बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है इसलिये हमने इस मुहूर्त के लिये चंद्र लग्न कुंडली का इस्तेमाल किया है। (चंद्र एक राशि में 2¼ तक रहता है)

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  • लग्न में बृहस्पति और चंद्रमा का संयोजन अनुकूल है और इससे अत्यधिक शक्तिशाली ‘गज-केसरी योग’ का निर्माण हो रहा है। 
  • इसके साथ ही पहले घर में बृहस्पति का होना भी सकारात्मक है, लग्न में स्थित बृहस्पति शुभ फल देता है (बृहस्पति लग्न में दिग बली है)।
  • इसके अलावा, कुंडली में यह “गज-केसरी” योग एक और राज योग बना रहा है, जिसे लक्ष्मी योग भी कहते हैं, क्योंकि 5 वें और 9 वें घर धन और वित्तीय समृद्धि के कारक हैं, और यदि उनके भाव के स्वामी विशेष रूप से केंद्र में युति करते हैं  खासकर लग्न में तो ऐसी स्थिति किसी भी जातक, देश या प्रदेश को आर्थिक रुप से समृद्ध बनाती है। इस कुंडली के अनुसार, बृहस्पति पांचवें घर का स्वामी है, जबकि चंद्रमा नौवें घर का स्वामी है। इससे पता चलता है कि यह नवगठित केंद्र शासित प्रदेश आर्थिक मामलों में केंद्र सरकार की मदद पाएगा।
  • 9 वें घर का स्वामी चंद्रमा लग्न में नीच स्थिति में है, लेकिन केंद्र में यह लाभकारी है और नीच राशी वृश्चिक का स्वामी “मंगल” भी इस चंद्रमा पर दृष्टि डाल रहा है, इसलिए चंद्रमा “नीच भंग” की स्थिति में होकर नीच भंग राज योग का निर्माण कर रहा है। यह स्थिति लद्धाख़ के मूल निवासियों के भविष्य के लिए अच्छी है क्योंकि 9वां घर मेदिनी ज्योतिष में अच्छी किस्मत को दर्शाता है।

अगर आपकी कुंडली में राज योग है तो इसके बारे में विस्तार से जानें: राज योग रिपोर्ट

आइये अब कुंडली का अध्ययन करते हुए आर्थिक पक्ष और भाग्य पर विचार करते हैं। 

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ऊपर दी गई पहली कुंडली में लग्न में चंद्रमा स्थित था और वृश्चिक राशि थी। इस कुंडली में भी चंद्रमा वृश्चिक राशि में ही स्थित है। यह दोनों कुंडलियों (दोनों घटनाओं – बिल पर हस्ताक्षर और केंद्र शासित प्रदेश की स्थापना) आपसे में बहुत अच्छा संबंध बनाती दिख रही हैं। कुंडलियों का अध्ययन करने से पता चलता है कि  ‘मोदी सरकार’ ने इस केन्द्र शासित प्रदेश के गठन के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लिया है। 

अगर हम इस कुंडली के लग्न को देखें, तो वहां कर्क राशि स्थित है। कर्क राशि का स्वामित्व चंद्रमा को प्राप्त है और यह बृहस्पति की उच्च राशि है।  इसके अलावा, यह कर्क वृश्चिक का त्रैमासिक चिन्ह है, जो अपने गहरे संबंध को चिह्नित करता है। इसके अलावा कर्क, वृश्चिक की त्रिकोण राशि है जिसकी वजह से यह संबंध और भी गहरा हो जाता है। 

इसके अलावा, बृहस्पति इस कुंडली में 9 वें घर का स्वामी है और पंचम भाव से कर्क या लग्न भाव पर दृष्टि डाल रहा है। इससे पता चलता है कि पंचम, नवम और लग्न भाव और उनके स्वामी एक दूसरे से संबंधित हैं। इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार से लद्दाख को आर्थिक लाभ मिलेगा और वहां के लोगों के भाग्योदय होगा। 

चंद्रमा कुंडली में लग्न का स्वामी होने के साथ बृहस्पति के साथ पांचवें घर में स्थित है। यहां वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल और कन्या राशि का स्वामी बुध परमार्थ योग का निर्माण कर रहे हैं।  इसलिए मंगल ग्रह को वृश्चिक राशि (परिवर्तन योग के बाद) में माना जाएगा। इसलिये इससे पांचवें घर में चंद्रमा का नीच भंग योग बनेगा। पांचवें भाव को शुभ लक्ष्मी के घर के रुप में देखा जाता है, इसलिये कहा जा सकता है कि पांचवें घर में नीच भंग राज योग का निर्माण हो रहा है।  

ऊपर दिये गये दो मुख्य बिंदुओं से पता चलता है कि लद्दाख़ का भविष्य बहुत अच्छा और सुनहरा है। लद्दाख का आर्थिक पक्ष भी हमेशा मजबूत रहेगा और यहां के लोगों का भाग्य भी चमकेगा।  

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ज्योतिष के अनुसार लद्दाख पर राजनीतिक प्रभाव

आईये अब इस केंद्र शासित प्रदेश के राजनीतिक भविष्य पर बात करते हैं। लद्दाख एक ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है जो बिना विधान सभा के होगा, इसका अर्थ यह हुआ कि इसे पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाएगा।  मेदिनी ज्योतिष के अनुसार कुंडली का दसवां घर केंद्र सरकार का कारक होता है, जो इस राज्य के सभी फैसलों और नियमों को प्रभावित करेगा। 

इसके लिये हम केवल स्थापना स्थापना तिथि पर आधारित कुंडली का विश्लेषण करेंगे क्योंकि यह वह तारीख है जब लद्दाखॉ बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना। 

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कुंडली के 10 वें घर मेष राशि स्थित है और उसका स्वामी मंगल तीसरे घर में है।  ज्योतिष में, मंगल को तीसरे, 6 वें और 10 वें घर में मजबूत स्थिति में माना जाता है। इस कुंडली में भी मंगल मजबूत स्थिति में है। इसके अलावा, जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि यह बुध के साथ राशि परिवर्तन योग बना रहा है

जरुरी नोट – ज्योतिष के अनुसार परिवर्तन योग को बहुत शक्तिशाली और शुभ फलदायक योग के रुप में देखा जाता है। सिर्फ सूर्य-शनि योग के अलावा सभी राशि परिवर्तन योग शुभ होते हैं। 

यह परिवर्तन योग कुंडली में मंगल (10 वें भाव का स्वामी) को बहुत शक्तिशाली बना रहा है।  एक बात ध्यान रखें कि यह मंगल कर्क राशि के लिए “योग कारक” ग्रह है। यह स्थिति केंद्र सरकार को इस राज्य के लिये बहुत सहायक बनाती है, केंद्र सरकार द्वारा लद्दाख़ को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लद्दाख में आने वाले समय में सुधार देखा जाएगा। इस पूरे राज्य में विकास को गति मिलेगी। 

नये केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख़ की स्थापना के बाद प्रमुख चुनौतियां

आइये अब उन चुनौतियों के बारे में बात करते हैं जो इस नये केंद्र शासित प्रदेश को परेशान कर सकती हैं।

इस कुंडली में “हानिकारक शनि-केतु दोष” है जो 6 वें घर में बन रहा है। इस घर से ईष्या और कानूनी कामों में रुकावट का संकेत मिलता है। शनि ग्रह सातवें और आठवें घर का स्वामी है। सातवें घर का स्वामी छठे घर में स्थित है जिससे सीमा पार के देशों और राज्यों से कुछ अड़चनें आने का संकेत मिलता है। साथ ही, 6 वें घर में 8 वें घर का स्वामी भारी कर्ज की स्थिति को दर्शाता है, लेकिन इस परेशानी को जल्द भी दूर कर दिया जाएगा क्योंकि आठवें घर का स्वामी छठे घर में है और इससे विपरीत राज योग का निर्माण हो रहा है। 

 कुलमिलाकर हम कह सकते हैं कि नये केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का भविष्य बहुत अच्छा रहेगा। हम इस राज्य की सफलता की कामना करते हैं। 

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