सूर्य ग्रह को हिंदू पौराणिक ग्रंथों में विशेष दर्जा प्राप्त है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। इसके अलावा सूर्य कुंडली में पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। यूं तो कुंडली में मौजूद हर एक ग्रह का शुभ होना फलदाई होता है लेकिन कहा जाता है सूर्य ग्रह के शुभ होने से व्यक्ति को तमाम तरह के सुख, सफलता, और सकारात्मक परिणाम हासिल होते हैं।
ऐसे में जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में मौजूद होते हैं उनके लिए तो जीवन में सफलता प्राप्त करना आसान हो ही जाता है लेकिन जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ स्थिति में मौजूद नहीं होते हैं ज्योतिष का जानकार ऐसे लोगों को सूर्य ग्रह को मजबूत बनाने और सूर्य ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं।
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आज अपने इस विशेष आर्टिकल में हम बात करेंगे सूर्य ग्रह से बनने वाले तीन ऐसे शुभ योगों की जिनका व्यक्ति के जीवन पर खासा प्रभाव देखने को मिलता है।
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कुंडली में सूर्य से बनने वाले शुभ योग और उनका प्रभाव
- वेशि योग
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य के अगले घर में कोई ग्रह स्थित हो तब ऐसी स्थिति में वेशि योग का निर्माण होता है। हालांकि यहाँ ध्यान रखने वाली बात यह है कि, यह योग तभी बनेगा जब सूर्य के अगले घर में स्थित ग्रह चंद्रमा, राहु और केतु ना हो। इनके अलावा कोई भी ग्रह होगा तो वेशि योग बनेगा।
वेशि योग का प्रभाव: जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह शुभ योग बनता है उन्हें जीवन में आर्थिक संपन्नता प्राप्त होती है। यूं तो ऐसे व्यक्तियों के जीवन की शुरुआत थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है हालांकि धीरे-धीरे जीवन में सुख समृद्धि के साथ आर्थिक संपन्नता ऐसे व्यक्तियों के कदम अवश्य चूमती है। आर्थिक संपन्नता के साथ ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में यश भी प्राप्त करते हैं।
- वाशि योग
कुंडली में बनने वाला सूर्य का दूसरा शुभ योग है वाशि योग। इस योग का निर्माण इस स्थिति में होता है जब सूर्य के पिछले घर में चंद्रमा, राहु या केतु के अलावा कोई भी अन्य ग्रह मौजूद हो। हालांकि यहां पर भी विशेष तौर पर इस बात का ध्यान रखें कि आवश्यकता होती है कि इस योग के निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है कि सूर्य अशुभ या पाप ग्रहों से युक्त नहीं होना चाहिए।
वाशि योग का प्रभाव: जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य का यह शुभ योग होता है ऐसे व्यक्ति बेहद ही बुद्धिमान और धनवान होते हैं। इन्हें अपने जीवन में हर तरह से सुख सुविधाएं नसीब होती है और यह बहुत सारी विदेश यात्राएं भी करते हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह योग मौजूद होता है वह अपने घर से दूर जाकर सफलता हासिल करते हैं।
- उभयचारी योग
किसी व्यक्ति की कुंडली में उभयचारी योग का निर्माण तब होता है जब सूर्य के पहले और पिछले दोनों ही भावों में चंद्र, राहु और केतु ग्रह को छोड़कर कोई अन्य ग्रह मौजूद हो।
उभयचारी योग का प्रभाव: जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य का यह बेहद शुभ योग बनता है ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में शिखर पर पहुंचते हैं। ऐसे व्यक्ति जो कोई भी काम शुरू करते हैं उसमें उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। ऐसे लोगों की जीवन में समस्या ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाती और ऐसे व्यक्ति राजनीति और प्रशासन में बड़े पद पर आसीन भी होते हैं।
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