लगता है डर और वहम तो इन ग्रहों को करें मज़बूत, जानें उपाय

अक्सर देखा गया है कि, लोगों के अंदर बेवजह का डर घर बना लेता है या फिर बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनके जीवन में बेवजह का वहम बना रहता है। असल में ज्योतिष के अनुसार ऐसा ग्रहों की वजह से होता है। अपने इस विशेष आर्टिकल में आज जानते हैं कि व्यक्ति के डर और वहम के पीछे कौन से ग्रह जिम्मेदार होते हैं और साथ ही जानते हैं इस समस्या का निवारण करने के लिए क्या उपाय करना फलदाई साबित हो सकता है।

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डर और वहम के पीछे जिम्मेदार हैं यह ग्रह

ज्योतिष के अनुसार इन दोनों ही समस्याओं के तार चंद्रमा से संबंधित होते हैं। चंद्रमा को ज्योतिष में मन का कारक माना गया है और ऐसे में चंद्रमा ही ज्यादातर व्यक्तियों के मन में डर की वजह होता है। इसके अलावा यदि हम दूसरे ग्रह की बात करें तो वह है राहु ग्रह। राहु ग्रह के प्रभाव से भी व्यक्ति के जीवन में वहम की स्थिति बनने लगती है।

इस स्थिति में बनती है डर की स्थिति:  ऐसा उस स्थिति में होता है जब व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में हो या, चंद्रमा पर शनि का प्रभाव हो या, चंद्रमा की दशा खराब चल रही हो या, फिर चंद्रमा केतु का संबंध हो या, फिर ऐसा उन लोगों के जीवन में देखने को मिलता है जिनका मूलांक 4, 7 या फिर 8 होता है। ऐसे व्यक्तियों के अंदर डर की संभावना ज्यादा रहती है।

इस स्थिति में बनती है वहम की स्थिति: वहम की बात करें तो यह उस स्थिति में होता है जब व्यक्ति की कुंडली में राहु का प्रभाव ज्यादा हो या, फिर राहु का संबंध चंद्रमा से हो या, राहु की दशा खराब हो या फिर कुंडली में मौजूद शुक्र खराब स्थिति में स्थित हो। इन परिस्थितियों में व्यक्ति को वहम की समस्या हो सकती है। इसके अलावा कई बार ऐसा भी देखा गया है कि, जिन व्यक्तियों का जन्म शाम के समय होता है उन्हें भी वहम की समस्या होती है।

जीवन से डर और बहन दूर करने के उपाय

  • इसके लिए सबसे पहले कुंडली में मौजूद चंद्रमा को मजबूत करना सबसे ज्यादा फलदाई हो सकता है। 
  • इसके लिए रोजाना सूर्य को जल अर्पित करें। 
  • एकादशी का उपवास करें। 
  • तेल मसाले वाले भोजन न करें। 
  • मांसाहार भोजन और नशीली वस्तुओं से दूर रहें। 
  • किसी जानकार से बात करके पन्ना या फिर पुखराज रत्न धारण करें।
  • सोमवार के दिन उपवास करें इससे चन्द्रमा मज़बूत होता है।
  • दूध, चावल, चांदी, मोती, सफेद कपड़े, सफेद पुष्प एवं शंख का दान करें।
  • वराह देव की आराधना करें।
  • भैरव देव की पूजा करें।
  • जौ, तिल, चावल, साबुत मूंग, कंगुनी, चना, गेहूँ का दान करें।

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