साल 2021 का मई महीना अभी तक ज्योतिषीय गतिविधियों के लिहाज से काफी रोचक रहा है और चूंकि अभी ये महीना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में कई ज्योतिषीय घटनाओं का होना बाकी है जिसमें से एक है साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण।
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साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण मई महीने में बुद्ध पूर्णिमा के दिन यानी कि 26 मई को लगने जा रहा है। खास बात ये है कि यह इस साल का पहला और आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस दौरान पूरी दुनिया के कई देशों में यह सुर्ख लाल रंग का नजर आएगा जिसे सुपर ब्लड मून भी कहते हैं जबकि भारत के ज़्यादातर हिस्सों में यह महज एक उपच्छाया ग्रहण के तौर पर नज़र आएगा। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में यह बताएँगे कि सुपर ब्लड मून और उपच्छाया ग्रहण आपस में अलग अलग कैसे होते हैं लेकिन उससे पहले चंद्र ग्रहण से जुड़ी कुछ खास बातें आपको बता देते हैं।
चंद्र ग्रहण 2021: एक झलक
हिन्दू पंचांग के अनुसार अगर देखा जाये तो इस साल का पहला चंद्र ग्रहण विक्रम संवत 2078 के वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बुधवार के दिन लगने जा रहा है। इस दिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 26 मई की तारीख रहने वाली है। यह चंद्र ग्रहण 26 मई को 02 बजकर 17 मिनट पर प्रारम्भ हो जाएगा और शाम को 07 बजकर 19 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। इसके बाद अगला चंद्र ग्रहण साल 2021 के नवंबर महीने में लगेगा। चूंकि भारत में साल का पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया ग्रहण के तौर पर नजर आएगा ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी इस पर मान्य नहीं होगा।
क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
आइये अब आपको सबसे पहले उपच्छाया चंद्र ग्रहण के बारे में बता देते हैं। अमूमन चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में हो लेकिन उपच्छाया चंद्र ग्रहण के दौरान मामला थोड़ा अलग हो जाता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा पूरी तरह से एक सीध में नहीं रहते हैं जिसकी वजह से सूर्य की रौशनी से पृथ्वी के बाहरी सतह की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस विशेष स्थिति को ही उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस दौरान पृथ्वी की छाया की वजह से चंद्रमा की सतह धुंधली दिखाई देती है।
क्या होता है सुपर ब्लड मून?
पूर्ण चंद्र ग्रहण को ही सुपर ब्लड मून कहते हैं। चूंकि इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से लाल हो जाता है इसलिए इस खगोलीय घटना को ‘सुपर ब्लड मून’ के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण के तौर पर पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया में नजर आएगा।
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