खरमास में अवश्य करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, जान लें इसके नियम और इससे मिलने वाला लाभ

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार यह समय खरमास का माना जाता है। यानी कि इस दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता और इस दौरान सूर्य पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। खरमास का यह समय जो 14 मार्च से शुरू होकर 14 अप्रैल तक रहने वाला है इस दौरान किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं किया जा सकता है। हालांकि खरमास में भगवान विष्णु और प्रभु श्री राम की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति अवश्य होती है। 

बात यदि भगवान विष्णु की पूजा की हो रही है तो स्वाभाविक सी बात है विष्णु सहस्त्रनाम का ज़िक्र अवश्य ही होगा। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी व्यक्ति के लिए बेहद फलदाई साबित हो सकता है। खरमास के दौरान विशेष तौर पर विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ने की सलाह दी जाती है। तो आइए जान लें इसके नियम और इससे मिलने वाला लाभ। 

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विष्णु सहस्रनाम पढ़ने से मिलने वाला लाभ 

खरमास के महीने में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष विधान बताया गया है। ऐसे में इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भी व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है जो कोई भी व्यक्ति खरमास के इस 1 महीने की अवधि में नियमित तौर पर स्पष्ट उच्चारण पूर्वक विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करता है उसके जीवन से दुःख, कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। 

इसके अलावा गुरु ग्रह यदि पीड़ित अवस्था में है तो उसके दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए भी यह उपाय बेहद ही कारगर माना जाता है। 

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खरमास में ये लोग अवश्य करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ 

जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह नीच या कमजोर स्थिति में होता है उन्हें इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा जिन व्यक्तियों की कुंडली में छठे, आठवें और बारहवें भाव में बृहस्पति स्थित हो उनके लिए भी विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बेहद ही शुभ फलदाई होता है। इसके अलावा जिन जातकों को संतान प्राप्ति की इच्छा हो या जिन्हें विवाह में बाधा हो रही हो या जिनके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की कोई समस्या हो रही हो उन्हें भी खरमास की इस अवधि में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने की सलाह दी जाती है। 

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कैसे करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ 

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने के लिए सुबह सवेरे स्नान आदि के बाद भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा के समक्ष बैठे। इस दौरान मुमकिन हो तो पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु को गुड़ चने या पीली रंग की मिठाई का भोग लगाएं। जितने दिनों तक विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें उतने दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। इसके अलावा यदि आप संस्कृत में विष्णु सहस्त्रनाम का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक पाठ नहीं कर सकते हैं तो आप हिंदी में भी भगवान के नामों का जाप कर सकते हैं।

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