14 अप्रैल तक खरमास, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अवश्य करें ये काम

हिंदू पंचांग के अनुसार खरमास (Kharmas 2021) आरंभ हो चुके हैं। खरमास की यह अवधि 14 मार्च से शुरू हो चुकी है और यह 14 अप्रैल तक चलेगा। खरमास का आरंभ कब होता है? जब सूर्य मीन राशि में गोचर करते हैं तब खरमास का आरंभ होता है और इस दौरान किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य निषेध होता है। खरमास की इस अवधि के दौरान विवाह, मुंडन, गृह निर्माण इत्यादि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

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पौराणिक कथा के अनुसार खरमास की अवधि के दौरान सूर्य देवता घोड़ों की रथ को छोड़कर गधों के रथ पर सवारी करते हैं। ऐसे में इस दौरान सूर्य की गति और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य कमजोर हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। ऐसे में जब सूर्य कमजोर होता है तो इससे व्यक्ति की सेहत पर खासा प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि खरमास के द्वारा अनुशासित जीवन शैली का पालन करने पर ज्यादा जोर दिया जाता है।

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हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहे और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित ना हो ऐसे में हमें अपनी दैनिक दिनचर्या पर विशेष ध्यान देने और अपने खानपान का ज्यादा ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इस एक माह की अवधि के दौरान जितना हो सके संतुलित और पौष्टिक आहार लें और ज्यादा मसाले वाला भोजन खाने से बचें। इसके अलावा खरमास की अवधि में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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सूर्य देव को मजबूत करने के लिए खरमास में अवश्य करें सूर्य पूजा

खरमास में सूर्य देव की उपासना अवश्य करनी चाहिए। इस एक महीने की अवधि में रोजाना सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद नियमित रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा खरमास की अवधि में पूजा-पाठ और दान पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है। अपनी यथाशक्ति के अनुसार जितना हो सके दान आदि अवश्य करें। इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें खरमास की इस अवधि में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

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