केतु का अनुराधा में गोचर 2021 और उसका जनमानस पर प्रभाव

केतु महाराज को छाया ग्रह के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह एक विच्छेदन कारी ग्रह माने जाते हैं अर्थात जिस भाव में केतु उपस्थित होता है, उस भाव से अलगाव को दर्शाता है। धार्मिक रूप से केतु ग्रह काफी महत्वपूर्ण होता है। यहां तक कि केतु की विशेष स्थिति व्यक्ति को मोक्ष प्रदान करने में भी सहायक होती है। केतु को शिखि और ध्वजा भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब स्वरभानु राक्षस को मोहिनी अवतार ने सुदर्शन चक्र से दंडित किया गया तो उसके सिर का हिस्सा राहु कहलाया और धड़ का हिस्सा केतु कहलाया। केतु सबसे रहस्यमय ग्रह माना जाता है।

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यदि केतु ग्रह के गोचर की बात की जाए तो आमतौर पर इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में जाने में अर्थात एक गोचर में लगभग 18 महीने अर्थात डेढ़ वर्ष का समय लगता है। कुंडली आपकी केतु किस भाव में स्थित है, उस भाव से संबंधित फल प्रदान करते हैं और उस भाव के स्वामी ग्रह के अनुसार भी फल प्रदान करते हैं। केतु हमारी पूर्व जन्म की स्थिति को भी दर्शाते हैं। केतु ग्रह को वृश्चिक राशि में उत्तम स्थिति में माना जाता है। आइए जानते हैं वर्ष 2021 में केतु का गोचर किस प्रकार से होगा और किस प्रकार के फल लेकर आएगा। 

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केतु गोचर 2021 का समय और तिथि 

यदि वर्ष 2021 में केतु ग्रह के गोचर की बात की जाए तो इनका गोचर इस वर्ष किसी राशि में तो नहीं होगा अर्थात् यह राशि परिवर्तन तो नहीं करेंगे लेकिन एक ही राशि में 3 नक्षत्रों का प्रभाव होता है इसलिए अब यह ज्येष्ठा नक्षत्र से निकलकर अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। यदि इस गोचर के समय और तिथि की बात की जाए तो केतु महाराज अपनी वक्री गति से चलते हुए 2 जून 2021 को ज्येष्ठा नक्षत्र  के प्रथम चरण से निकलकर अनुराधा नक्षत्र  के चतुर्थ चरण में प्रवेश करेंगे। 

केतु गोचर 2021 का प्रभाव 

केतु का गोचर अनुराधा नक्षत्र में होगा। इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं। शनिदेव  भी त्यागी और तपस्वी अर्थात् विरक्ति की प्रकृति वाले ग्रह हैं। ऐसे में शनि के नक्षत्र में केतु का गोचर विशेष परिणाम देने वाला साबित होगा। केतु ग्रह को अध्यात्म, रहस्यमई दुनिया, एकांकीपन, आदि के लिए जाना जाता है जबकि अनुराधा नक्षत्र हमारे हृदय की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। यह गोचर वृश्चिक राशि में ही है जोकि मंगल के आधिपत्य की राशि है। वृश्चिक राशि स्वयं काल पुरुष की कुंडली के अष्टम भाव की राशि होने के कारण गुप्त कार्यों को दर्शाती है।

केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर करना किसी भी व्यक्ति के पूर्व जन्म की अपूर्ण इच्छा को पूर्ण करने की ओर इशारा करता है अर्थात् इस गोचर के कारण किसी व्यक्ति की यदि कोई पुरानी इच्छा बची हुई है तो वह पूर्ण होने की संभावना बनती है। शोध संबंधित कार्यों में, आध्यात्मिक कार्यों में, ज्योतिष संबंधित कार्यों में और खोजी प्रवृत्ति के कार्यों में यह केतु बहुत अधिक सफलता प्रदान कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ, रिश्तों के लिए केतु का यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं है और रिश्तों में तनाव बढ़ाने का काम कर सकता है।

केतु के अनुराधा में गोचर का देश और दुनिया पर प्रभाव

यदि स्वतंत्र भारत की कुंडली की बात करें तो वृषभ लग्न और कर्क राशि की कुंडली में वर्तमान समय में केतु का गोचर सप्तम भाव में वृश्चिक राशि में चल रहा है। इस गोचर के प्रभाव से भारत के व्यावसायिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। जिन राष्ट्रों के साथ भारत के व्यावसायिक संबंध हैं, वे कुछ गुप्त नीतियां अपना सकते हैं। इसके विपरीत, भारत भी अपनी ओर से कुछ गुप्त नीतियों पर काम करेगा। देश में आध्यात्मिक गतिविधियों और उन की आड़ में सांप्रदायिक संघर्ष का माहौल बन सकता है।

देश और दुनिया के लिए यह समय बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इसके प्रभाव से आपसी संघर्ष और एक दूसरे के देश में जासूस भेजने का काम बढ़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ, इस समय में खोजी और शोध कार्यों में ज्यादा सफलता मिलने के कारण संक्रामक रोगों और विशेष रूप से से कोरोनावायरस जैसी बीमारियों की रोकथाम के उपायों को और भी बेहतर तरीके से खोजा जा सकेगा। विश्व पटल पर बहुप्रतीक्षित कोरोना के उद्गम की जांच भी गति पकड़ सकती है और उसके चौंकाने वाले नतीजे सामने आ सकते हैं।

केतु के गोचर का विभिन्न राशियों पर प्रभाव

वर्ष 2021 में केतु राशि परिवर्तन तो नहीं करेगा लेकिन इस साल केतु का नक्षत्र परिवर्तन अवश्य होगा। 2 जून को केतु अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा जिसका स्वामी ग्रह शनि है। इस प्रकार केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर करना कालचक्र की प्रत्येक राशि को शुभाशुभ फल प्रदान करेगा। आइए जानते हैं वर्ष 2021 में केतु गोचर का  सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

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मेष राशि 

मेष राशि के लोगों के लिए केतु का गोचर अष्टम भाव में हो रहा है जोकि केतु की उपस्थिति के लिए एक अनुकूल भाव नहीं है। इसकी वजह से आपको जीवन में कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इस गोचर का नकारात्मक असर आपके कार्यक्षेत्र पर पड़ सकता है जिसकी वजह से आपको अपनी नौकरी में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप व्यापार करते हैं तो कुछ हद तक यह अनुकूल होगा लेकिन आर्थिक तौर पर यह गोचर अनुकूल नहीं है। धन की हानि होने की संभावना बन सकती है जिसकी वजह से आप मानसिक तनाव में आ सकते हैं। आर्थिक मामलों में आपको संभल कर रहना होगा। अष्टम भाव में केतु की उपस्थिति आपको गुदा रोग, जैसे बवासीर, भगंदर या फिशर जैसी समस्या दे सकती है। इसके अतिरिक्त केतु ग्रह की यह स्थिति फोड़े – फुंसी और किसी तरह के संक्रामक रोग का कारण भी बन सकती है इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। पारिवारिक जीवन में कुछ अशांति हो सकती है और आपके पिताजी को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। यदि आप विवाहित हैं तो आपको ससुराल पक्ष से संबंधों में गड़बड़ हो सकती है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है इसलिए उनके स्वास्थ्य कष्ट के प्रति आप को सावधान रहना होगा। वाहन सावधानी से चलाएं। किसी प्रकार की चोट या दुर्घटना होने की संभावना बन सकती है। यह समय आध्यात्मिक कार्यों के लिए बहुत अच्छा है। यदि आप किसी ऐसे ही क्षेत्र से जुड़े हैं तो इस दौरान आपको बहुत अच्छे अनुभव होंगे।

उपाय: केतु ग्रह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आप लाल चंदन, गजमद, कस्तूरी, रतनजोत, मोथा, अनार और गिलोय मिश्रित जल से स्नान करें।

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वृषभ राशि 

केतु इस साल आपकी राशि से आपके सप्तम भाव में रहेगा। सप्तम भाव में केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। इसके प्रभाव से एक तरफ तो आपको जीवन में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी और आप लोगों में लोकप्रिय होंगे। इसके साथ ही यदि आप विवाहित हैं तो आपके जीवन साथी को भी अपने कार्य क्षेत्र में अच्छी सफलता मिल सकती है लेकिन यह गोचर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना ही होगा क्योंकि यह स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाला और स्वास्थ्य कष्ट देने वाला गोचर साबित हो सकता है। इसके अतिरिक्त इस गोचर के प्रभाव से आप और आपके जीवनसाथी के मध्य में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है और आपके बीच विरोधाभास की स्थिति को जन्म दे सकती है। रिश्ते में तीखी बहस होना और एक दूसरे को गलत ठहराना जैसी बातें ज्यादा होने की संभावना है। ऐसा भी संभव है कि आपको उनके साथ रहना पसंद ना आए। यदि पहले से आप के बीच तनाव चला आ रहा है तो यह गोचर उसमें वृद्धि करके रिश्ते को तोड़ने की कगार पर भी ला सकता है। ऐसी स्थिति में आपको सतर्क रहते हुए ही कोई कदम उठाना चाहिए। यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो व्यापार के क्षेत्र में आपको दीर्घकालीन निवेश और लंबी दूरी की यात्राओं से लाभ हो सकता है। इस गोचर के प्रभाव से व्यापार में अच्छे सौदा प्राप्त होने और अच्छे संबंध बनने की स्थिति बन सकती है, जो भविष्य में आपको अच्छे फल प्रदान कर सकती है। 

उपाय: आप को शुक्रवार के दिन से प्रारंभ करके 43 दिन तक लगातार श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। माता को सफेद खीर या मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

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मिथुन राशि 

केतु इस साल आपकी राशि से आपके षष्ठ भाव में रहेगा। यह भाव संघर्ष, कर्ज, विरोधी और रोग का भाव है। इस भाव में केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर करना आपके लिए सामान्य तौर पर फलदायी साबित हो सकता है। यदि आपके ऊपर कोई बैंक लोन है अथवा कोई पुराना कर्जा चला रहा है, तो इस गोचर के समय में आप अपने उस लोन अथवा कर्ज को चुका पाने में सक्षम हो सकते हैं जिसकी वजह से आपको राहत की सांस मिल सकती है और आप काफी अच्छा महसूस कर सकते हैं। हालांकि यह गोचर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उतना अनुकूल नहीं है। आपको स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं। यदि आप ध्यान ना रखें तो कोई बड़ी बीमारी भी आप को परेशानी में डाल सकती है। मुख्य रूप से संक्रामक रोग होने की भी संभावना हो सकती है। इस दौरान कार्यों में रुकावट आने की संभावना बन सकती है और भाग्य थोड़ा कमजोर रहेगा। आपके पिताजी के लिए भी यह गोचर ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। उनको कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और कुछ निजी समस्याओं का निपटारा करने में काफी मेहनत करनी पड़ेगी। आपको भी इस दौरान अपने कार्य क्षेत्र में मेहनत करने से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि इसी से आपको कुछ हद तक सफलता मिल सकती है। यदि आप कोई विद्यार्थी हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे हैं तो आपको पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने में समस्या हो सकती है इसलिए अपनी ओर से पुरजोर प्रयास करें। 

उपाय: आपको अपने घर की छत पर और किसी मंदिर में एक तिकोना लाल रंग का झंडा लगाना चाहिए। वह झंडा इस प्रकार लगे कि सदैव लहराता रहे। उसके खराब होने पर दोबारा दूसरा झंडा लगा दें।

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कर्क राशि

केतु इस साल आपकी राशि से आपके पंचम भाव में रहेगा। केतु का आपके पंचम भाव में अनुराधा नक्षत्र में गोचर करना आपके मन को आध्यात्मिक गतिविधियों में ज्यादा लगाएगा और यदि आप कोई साधक हैं तो साधना में अधिक समय व्यतीत करेंगे। इस दौरान आपकी रूचि गूढ़ रहस्यमयी विद्याओं में अधिक बढ़ सकती है। विवाहित लोगों को अच्छे परिणाम मिलेंगे और जीवनसाथी को कार्य क्षेत्र में अच्छी सफलता मिलने से घर में खुशी आएगी। उनकी कार्य क्षेत्र में स्थिति प्रबल होगी। हालांकि आपको निर्णय लेने में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए अभी कुछ समय के लिए जब तक बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण ना हो तो कोई बड़ा निर्णय ना लें। आपकी संतान के लिए यह गोचर कुछ परेशानी जनक हो सकता है और उन्हें स्वास्थ्य कष्ट परेशान कर सकते हैं। आपको अपनी नौकरी में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: राह के कुत्तों को भोजन कराना आपके लिए शुभ फलदायी रहेगा।

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सिंह राशि 

केतु 2021 में आपकी राशि से आपके चतुर्थ भाव में रहेगा। चतुर्थ भाव से आपका सुख और संपत्ति तथा माता का विचार किया जाता है। केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर होने के फल स्वरुप आप किसी पारिवारिक वाद-विवाद का शिकार हो सकते हैं और इसमें समस्या उठानी पड़ सकती है। पारिवारिक माहौल में तनाव की अधिकता रहेगी जिससे परिवार के सदस्यों और विशेष रुप से आपकी माता जी के स्वास्थ्य में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान उनके व्यवहार में भी कुछ रूखापन नजर आ सकता है इसलिए उनसे अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करते रहें और उन्हें कोई समस्या हो तो उनका ध्यान रखें। यदि आपका जीवनसाथी कार्यरत है तो उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें साहस जुटाने के लिए प्रेरित करें। आपको फेफड़ों से संबंधित शारीरिक समस्या परेशान कर सकती है तथा कुछ महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावट आने की भी संभावना बन सकती है। इसके अतिरिक्त कार्य क्षेत्र में यह समय कठिन मेहनत और उतार-चढ़ाव का रहेगा जिसके प्रति आपको सावधानी बरतनी चाहिए। आपको मानसिक तनाव का शिकार होना पड़ सकता है और प्रॉपर्टी संबंधित किसी वाद विवाद में उलझने का खतरा बन सकता है। आपका मन परिवार में कम लगेगा और पारिवारिक जीवन से कुछ असंतोष रहेगा। 

उपाय: आपको केतु ग्रह की शांति करानी चाहिए अथवा केतु ग्रह के किसी मंत्र का नियमित रूप से जाप करना चाहिए। 

कन्या राशि 

केतु इस साल आपकी राशि से आपके तृतीय भाव में रहेगा। तीसरे भाव में केतु की उपस्थिति वैसे आपके लिए अच्छे परिणाम लेकर आएगी। केतु का अनुराधा में तीसरे भाव में गोचर करना आपके जीवन में सफलता प्रदायक साबित होगा। इससे आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। यदि आप व्यापार करते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे, जो आपके व्यापार को आगे बढ़ाने में बड़े महत्वपूर्ण साबित होंगे और भविष्य में उनका आपको बड़ा लाभ मिलेगा। आपके भाई बहनों से संबंध बिगड़ सकते हैं या उन्हें कोई स्वास्थ्य कष्ट इस दौरान हो सकता है। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो इस दौरान प्रेम जीवन में अच्छी सफलता मिलने की संभावना रहेगी और आप अपने प्यार के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार नजर आएंगे। यदि आप अभी तक अकेले हैं तो आपके जीवन में किसी व्यक्ति के आने से दिल की दूरियां कम होंगी। यदि आप कोई विद्यार्थी हैं तो आपको उत्तम लाभ मिलेगा। आप अपनी पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करके अच्छी स्थिति प्राप्त कर सकते हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी अच्छी सफलता मिलने के योग नजर आते हैं। हल्की-फुल्की स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं।

उपाय: केतु के बीज मंत्रों से हवन करवाना आपके लिए उत्तम रहेगा। 

तुला राशि 

केतु इस साल आपकी राशि से आपके द्वितीय भाव में रहेगा। केतु का अनुराधा नक्षत्र में आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करना आपके लिए मिश्रित परिणाम प्रदान करेगा। एक तरफ जहां आपको प्रॉपर्टी संबंधित मामलों में अच्छी सफलता मिलने के योग बनेंगे तो वहीं दूसरी तरफ, आपकी वाणी में बदलाव आएगा। आप कुछ कड़वे या द्विअर्थी बोलने वाले हो सकते हैं जिसकी वजह से आपके संबंधों और काम पर विपरीत असर पड़ सकता है। आप यदि विवाहित हैं तो दांपत्य जीवन में कुछ तनाव देखने को मिलेगा और जीवनसाथी को स्वास्थ्य कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। आपकी संतान के लिए यह समय अनुकूल रहेगा और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होगा क्योंकि स्वास्थ्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। भोजन से जुड़ी समस्याएं, मुंह से जुड़े रोग जैसे मुंह में छाले होना या फिर दांतों का दर्द आपको परेशान कर सकता है। आंखों में विकार होने की भी संभावना बन सकती है। जो लोग चश्मा पहनते हैं, उनके चश्मे का नंबर बढ़ सकता है। अपनी बुद्धि और स्वविवेक का इस्तेमाल करने से आपको अच्छे परिणाम मिलने की संभावना बन सकती है। 

उपाय: भगवान गणेश जी की पूजा करें और उन्हें दुर्वांकुर अर्पित करें। 

वृश्चिक राशि 

केतु इस साल आपकी राशि से प्रथम भाव में रहेगा अर्थात् आपकी ही राशि में केतु का गोचर रहेगा। प्रथम भाव आपके शारीरिक और व्यक्तिगत स्वरूप को दर्शाता है। केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर करना आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। सेहत से जुड़ी समस्याएं परेशानी का कारण बन सकती हैं। आपकी बातें लोगों को अच्छे से समझ में नहीं आएंगी। इसकी वजह से लोगों के मन में आपके लिए भ्रम पैदा हो सकता है और वह आपकी बातों को गलत अर्थों में भी ले सकते हैं। इसके विपरीत निजी प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलने के योग बनेंगे। भाई बहनों का अच्छा सहयोग देखने को मिलेगा और उसकी वजह से आप काफी राहत महसूस करेंगे। आपके मन में धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों की अधिकता होगी और आप ऐसे ही कार्यों से जुड़कर आगे बढ़ेंगे। यदि आपने कभी घर बनाने का विचार किया है या फिर कोई कंस्ट्रक्शन का काम कराने की सोच रखते हैं तो उसके लिए यह समय अनुकूल रहेगा और आपके कार्य में सफलता प्राप्ति होगी। छोटी दूरी की यात्राएं होने की भी संभावना है लेकिन यात्रा के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान जरूर रखें। आपको इस दौरान किसी भी प्रकार के तंत्र – मंत्र, टोना, टोटका, जैसी चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका विपरीत प्रभाव आप को प्रभावित कर सकता है। आपका मन सांसारिक गतिविधियों से थोड़ा अलग हटेगा और आपके मन में क्रोध की भावना अधिक हो सकती है।

उपाय: केतु के बीज मंत्र ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः का जाप करना आपके लिए बेहतर रहेगा।

धनु राशि

केतु इस साल आपकी राशि से आपके द्वादश भाव में रहेगा। राधा के भाव हमारे जीवन में व्यय को भी दर्शाता है। केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर आपके खर्चों में वृद्धि का कारण बनेगा। खर्चों में बेतहाशा वृद्धि से आप थोड़े परेशान हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसकी वजह से आपकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो सकती है। इस दौरान स्वास्थ्य समस्याएं भी परेशानी का कारण बन सकती है और कुछ लोगों को स्थिति विकट होने पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों पर काफी खर्च करेंगे। पारिवारिक लोगों का भी इन खर्चों में योगदान होगा अर्थात् उनके लिए भी आप खर्च करेंगे। आपको अनिद्रा, नेत्र विकार या निजी संबंधों में समस्या का शिकार होना पड़ सकता है। पैर में किसी प्रकार की चोट लगने की संभावना भी बन सकती है इसलिए सावधानी बरतें। वाहन सावधानी से चलाएं। जीवन साथी के साथ अंतरंग संबंधों में कमी आ सकती है और रिश्ते नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकते हैं। विदेश जाने वाले लोगों को अभी और प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।  

उपाय: आपको केतु ग्रह के शुभ प्रभाव को प्राप्त करने के लिए केतु ग्रह के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

मकर राशि

2021 में केतु आपकी राशि से आपके एकादश भाव में रहेगा। एकादश भाव हमारी प्राप्तियों का और महत्वाकांक्षाओं का भाव है। एकादश भाव में केतु का अनुराधा नक्षत्र में गोचर करना आपके लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। यह न केवल आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि आपकी रुकी हुई परियोजनाओं को भी पूरा करने का माध्यम उत्पन्न करेगा। इस गोचर के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और आप की सोची हुई कई इच्छाएं पूरी होंगी जिससे आप काफी अच्छा महसूस करेंगे। यदि आप कोई नया व्यापार करना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह समय काफी अनुकूल रह सकता है। सामाजिक रुप से आप काफी सक्रिय रहेंगे और सामाजिक पटल पर आपको अच्छी पहचान प्राप्त होगी। यदि आप कहीं नौकरी करते हैं तो इस दौरान आपके संबंध आप के वरिष्ठ अधिकारियों से और भी बढ़िया हो जाएंगे और उसका आपको नौकरी में लाभ प्राप्त होगा।

उपाय: भूरे रंग के कुत्ते को भोजन देना आपके लिए उत्तम फलदायी रहेगा।

कुंभ राशि

केतु इस साल आपकी राशि से दशम भाव में रहेगा। दशम भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है और यह हमारे व्यवसाय को भी दर्शाता है। केतु का अनुराधा नक्षत्र में आपके दशम भाव में गोचर करना यह दर्शाता है कि आपको कार्यक्षेत्र में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके मार्ग में कई रुकावटें आएंगी और काम को पूरा होने में कुछ समस्याएं खड़ी होंगी लेकिन आपको कठिन मेहनत करने पर ध्यान देना होगा, तभी आप अपनी स्थिति अच्छी बना पाएंगे। हालांकि इस दौरान किसी विदेशी माध्यम से अच्छा लाभ होने की स्थिति बनती है। यदि आप कहीं विदेश में काम करते हैं या किसी मल्टीनेशनल कंपनी में आप नौकरी करते हैं तो यह समय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। काम में व्यस्तता के चलते पारिवारिक जीवन के लिए समय कम मिलेगा और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक होगा क्योंकि काम की अधिकता के चलते आप स्वयं के प्रति उदासीन हो सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपका अपने कार्यस्थल पर मन ना लगे और आप नौकरी बदलने का विचार करें। पिताजी से संबंध प्रभावित हो सकते हैं। 

उपाय: मंगलवार के दिन रक्तदान करना आपके लिए अनुकूल रहेगा।

मीन राशि

केतु इस साल आपकी राशि से नवम भाव में रहेगा। नवम भाव को भाग्य भाव भी कहा जाता है और केतु का संबंध धार्मिकता से भी माना जाता है इसलिए केतु का अनुराधा नक्षत्र में आपके नवम भाव में जाना आपके अंदर धार्मिक और आध्यात्मिक प्रभावों को बढ़ाएगा आप पूजा-पाठ और आध्यात्मिक कार्यों से जुड़कर अच्छा नाम कमाएंगे। समाज में आपकी अच्छी पकड़ बनेगी और आपको सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा। इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होने के सुंदर योग बनेंगे। स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं परेशान करेंगी। यह स्वास्थ्य केवल आपका ही नहीं अपितु आपके पिताजी का स्वास्थ्य भी पीड़ित हो सकता है इसलिए उनकी सेहत का भी ध्यान रखें। यदि आप अपने जन्म स्थान से दूर किसी अन्य राज्य, शहर अथवा देश में रहते हैं तो आपको इस गोचर का अच्छा परिणाम प्राप्त होगा और यदि आप उनके परिवारजनों के साथ रहते हैं तो परिजनों से दूर जाने की संभावना बन सकती है। इस गोचर के प्रभाव से भाई बहनों को शारीरिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपने कार्यस्थल पर सही से काम करना और अपने वरिष्ठ अधिकारियों से अच्छे संबंध बनाए रखना आवश्यक होगा क्योंकि इसी से नौकरी में आप अच्छी स्थिति बना पाएंगे। 

उपाय: प्रतिदिन भैरव बाबा की पूजा करें और भैरव चालीसा तथा भैरव मंत्र का जाप करें।

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