केतु गोचर 2022: तुला राशि में केतु का प्रवेश इन राशियों के जीवन में मचाएगा उथल-पुथल

राहु ग्रह की ही तरह केतु ग्रह को भी ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। अर्थात इन ग्रहों का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है। हालांकि केतु को आध्यात्मिकता से संबंधित ग्रह माना जाता है। यह आध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष, तांत्रिक, आदि का कारक ग्रह भी होता है। अक्सर लोग ऐसा मानते हैं कि केतु ग्रह अशुभ फल ही प्रदान करता है। हालांकि यह बेहद ही गलत धारणा है। केतु ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं।

केतु गोचर विशेष इस ब्लॉग में आज बात करेंगे 12 अप्रैल को होने वाले केतु गोचर के बारे में और साथ ही जानेंगे इसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा केतु ग्रह शांति के कुछ उपाय और राशि अनुसार उपायों की भी जानकारी आपको यहां प्रदान की जा रही है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

केतु गोचर 2022: समय और महत्व

हालाँकि सबसे पहले यहां यह जानना जरूरी हो जाता है कि केतु ग्रह के गोचर की समय अवधि क्या रहने वाली है। ऐसे में राहु की ही तरह केतु ग्रह भी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में तकरीबन डेढ़ साल का समय लगाता है। केतु ग्रह के गोचर से विभिन्न राशियों के जातकों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

बात करें समय की तो केतु ग्रह इस वर्ष 12 अप्रैल, 2022 को सुबह 11:18 पर वृश्चिक राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेगा।

केतु ग्रह का महत्व और इसके शुभ फल प्राप्त करने के कुछ बेहद सरल उपाय

धार्मिक दृष्टि से केतु ग्रह के महत्व की बात करें तो कहा जाता है कि, अमृत पान के लिए देवताओं से छल करने वाले असुर स्वरभानु का जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सिर धड़ से अलग कर दिया था तब स्वरभानु दो हिस्सों में बंट गया था। ज्योतिष के अनुसार यह दो हिस्से अर्थात स्वर भानु का सिर राहु ग्रह कहलाया और दूसरे हिस्से धड़ को केतु ग्रह के नाम से जाने जाने लगा। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ ज्योतिष में केतु ग्रह बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

बहुत से लोग मानते हैं कि केतु ग्रह अशुभ फल देता है। हालांकि यह गलत है। यदि किसी जातक की कुंडली में केतु ग्रह बली या शुभ अवस्था में हो तो यह राजयोग का निर्माण भी करता है। इसके अलावा यदि केतु ग्रह किसी कुंडली में पीड़ित अवस्था में हो तो इससे व्यक्ति के जीवन में अचानक कोई न कोई बाधा लगी रहती है। पीड़ित केतु के प्रभाव से व्यक्ति की कुंडली में दोष का भी निर्माण होता है जिसकी शांति के उपाय बताए गए हैं। क्या हैं वह उपाय आइए जान लेते हैं।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

अब जान लेते हैं केतु से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय

  • अपने बेटे, भतीजे, और छोटे लड़कों के साथ अपने रिश्ते अच्छे बनाएं। 
  • कुत्तों की सेवा करें। 
  • भगवान गणेश की पूजा करें। 
  • श्री गणपति अथर्वशीर्ष का जप करें। 
  • केतु ग्रह से संबंधित चीजें जैसे काले तिल, केला, काला कंबल, इत्यादि का दान करें। 
  • इसके अलावा लहसुनिया रत्न भी धारण कर सकते हैं। यह रत्न केतु के बुरे प्रभाव से बचाता है। हालांकि हर बार की तरह सलाह हम यही देंगे कि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी व्यक्ति विशेष की परामर्श अवश्य करें।

केतु गोचरफल और राशिनुसार उपाय 

मेष राशि 

केतु गोचर 2022 भविष्यवाणी के अनुसार, मेष राशि के जातकों के लिए केतु वर्ष 2022 की शुरुआत में उनके आठवें भाव से गोचर करेगा। इस अवधि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए केतु साल की शुरुआत में आपके सातवें भाव यानी कि विवाह और व्यवसाय के भाव में गोचर करेगा। यह समयावधि आपके लिए ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि 

केतु गोचर 2022 राशिफल के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत में केतु मिथुन राशि के जातकों के छठे भाव में स्थित रहेगा। यह समय उन छात्रों के लिए ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए केतु वर्ष 2022 के अप्रैल माह के मध्य तक उनके पांचवें भाव में स्थित रहेगा। केतु की यह स्थिति उन लोगों के लिए .…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातको के लिए केतु, केतु 2022 गोचर भविष्यफल के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत में उनके चौथे भाव में स्थित रहेगा। इस दौरान आप ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

2022 केतु गोचर के अनुसार, कन्या राशि के जातकों के लिए अप्रैल माह के मध्य तक केतु उनके तीसरे भाव से गोचर करेगा। इस अवधि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

केतु 2022 गोचर से पता चलता है कि इस वर्ष की शुरुआत में छाया ग्रह केतु आपके दूसरे भाव में स्थित रहेगा। इस दौरान आपको अपने ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में केतु आपकी लग्न राशि में स्थित रहेगा। इस दौरान आप ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में केतु आपके बारहवें भाव में स्थित रहेगा। इस दौरान आपका ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में केतु आपके ग्यारहवें भाव से गोचर करेगा। इस दौरान आप एक से अधिक….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए इस वर्ष की शुरुआत में केतु उनके दसवें भाव यानी कि व्यवसाय और कर्म के भाव में स्थित रहेगा। केतु की यह स्थिति आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

2022 केतु गोचर भविष्यवाणी के अनुसार, मीन राशि के जातकों के लिए वर्ष की पहली तिमाही में केतु आपके नौवें भाव से गोचर करेगा। आप इस समय के दौरान किसी….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.