इस साल बेहद शुभ योग में रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत; जानें राशिनुसार कौन सी रंग की पहनें साड़ी!

सनातन धर्म में करवा चौथ का बहुत बड़ा महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय पूजा के बाद चंद्रमा को जल देकर व्रत पारण करती हैं। करवा चौथ का व्रत बहुत कठिन माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं और व्रत में पति की लंबी उम्र की कामना करती है ताकि पति-पत्नी का साथ जन्मों-जन्मों तक बना रहें। यह पर्व पति-पत्नी के अटूट रिश्ते की मिसाल है। कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत रखकर करवा माता की विधि-विधान से पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और जीवन सुखमय रहता है।

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 खास बात यह है कि इस बार करवा चौथ पर बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस योग में व्रत रखना फलदायी साबित होगा। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं करवा चौथ व्रत की तिथि, शुभ योग, पूजा मुहूर्त, महत्व और प्रचलित पौराणिक कथा के बारे में।

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करवा चौथ 2023: तिथि व मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है। इस साल करवा चौथ का व्रत बुधवार 01 नवंबर 2023 को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत रखेंगी। जानते हैं करवा चौथ व्रत का पूजा का मुहूर्त और चंद्रोदय का समय।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ: मंगलवार 31 अक्टूबर 2023 की रात 09 बजकर 32 मिनट से

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त: बुधवार 01 नवंबर 2023 की रात 09 बजकर 21 मिनट तक।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त:  01 नवंबर 2023 की शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 07 बजकर 42 मिनट तक

अवधि : 1 घंटे 6 मिनट

करवा चौथ चंद्रोदय समय : 01 नवंबर 2023 की शाम 08 बजकर 15 मिनट तक।

करवा चौथ पर शुभ योग

01 नवंबर 2023 को करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट होगा। इसके अलावा, इस दिन शिव योग भी बन रहा है और यह 01 नवंबर की दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शुरू होगा। इन दोनों शुभ संयोग की वजह से इस साल करवा चौथ का महत्व और अधिक बढ़ गया है। माना जाता है कि इन शुभ योग में पूजा करना व कुछ उपायों को अपनाने से व्यक्ति को हर काम में सफलता प्राप्त होती है।

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करवा चौथ का महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार, यदि महिला पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत रखती है, तो उसके पति की उम्र लंबी होती है और उसे अखंड सौभाग्‍य का वरदान मिलता है। साथ ही, सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस दिन महिलाओं को पूरे सोलह श्रृंगार कर व्रत करना चाहिए और करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए। कई जगहों पर व्रत की शुरुआत सास द्वारा दी गई सरगी खाकर और उनका आशीर्वाद लेकर ही किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और पति पत्नी के बीच रिश्ते मधुर होते हैं।

करवा चौथ को लेकर मान्यता

पौराणिक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा की शुरुआत महाभारत के समय से हुई थी। मान्यता है कि सबसे पहले श्रीकृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने पांडवों के प्राण की रक्षा के लिए इस व्रत को किया था। यह भी कहा जाता है कि, द्रौपदी के व्रत रखने के कारण ही पांडवों की जान बच पाई थी इसलिए कहा जाता है कि, हर सुहागिन महिला को अपने पति की लंबी उम्र और उनकी रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए। 

करवा चौथ के दिन करें इस विधि से पूजा

  • करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू हो जाता है और फिर पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है। 
  • पूजा के लिए सोलह श्रृंगार करके तैयार हों जाए और दीवार पर करवा माता का चित्र बनाएं या बाजार से बना बनाया खरीद कर लगाएं ।
  • चावल के आटे में हल्दी मिलाकर जमीन पर चित्र बनाएं। जमीन में बने इस चित्र के ऊपर करवा रखें और इसके ऊपर घी का जलता हुआ दीपक रखें।
  • करवा में आप 21 या 11 सींकें लगाएं और करवा के भीतर खील बताशे , साबुत अनाज इनमें से कुछ भी डालें।
  • इसके बाद भोग के लिए आटे की बनी पूड़ियां, मीठा हलवा, खीर आदि रखें।
  • करवा के साथ आप सुहाग की सामग्री भी अवश्य चढ़ाएं। यदि आप सुहाग की सामग्री चढ़ा रही हैं तो सोलह श्रृंगार चढ़ाएं। करवा के पूजन के साथ एक लोटे में जल भी रखें इससे चन्द्रमा को जल दिया जाता है। 
  • पूजा करते समय करवा चौथ की व्रत कथा जरूर सुने ।
  • चांद निकलने के बाद छलनी से पति को देखें फिर चांद के दर्शन करें। चन्द्रमा को जल से अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की कामना करें।

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करवा चौथ की व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहती थीं। एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए थे। स्नान के दौरान मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और नदी में खींचने लगा। मदद के लिए पति अपनी पत्नी करवा को पुकारने लगे। यह सुनकर करवा दौड़कर नदी के पास पहुंचीं। पति जान बचाने के लिए करवा ने तुरंत एक कच्चा धागा लेकर मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया। करवा के सतीत्व के कारण मगरमच्छ कच्चे धागे में ऐसा बंधा कि वह हिल भी नहीं पा रहा था। ऐसे में, करवा के पति और मगरमच्छ दोनों के प्राण संकट में फंसे थे।

करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने के लिए प्रार्थना की। यमराज ने करवा से कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि अभी मगरमच्छ की उम्र शेष है और तुम्हारे पति की आयु पूरी हो चुकी है। क्रोध में आकर करवा ने यमराज से कहा, यदि आपने ऐसा नहीं किया तो मैं आपको श्राप दे दूंगी। करवा के क्रोध को देखकर यमराज ने तुरंत मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया और करवा के पति को जीवनदान दे दिया, जिसके बाद से करवा चौथ के व्रत में सुहागन महिलाएं करवा माता से प्रार्थना करती हैं कि ‘हे करवा माता जैसे आपने अपने पति को मृत्यु के मुंह से वापस निकाल लिया वैसे ही मेरे सुहाग की भी रक्षा करना।’

करवा माता की तरह सावित्री ने भी कच्चे धागे से अपने पति को वट वृक्ष के नीचे लपेट कर रखा था। कच्चे धागे में लिपटा प्रेम और विश्वास ऐसा था कि यमराज सावित्री के पति के प्राण अपने साथ लेकर नहीं जा सके। सावित्री के पति के प्राण को यमराज को लौटाना पड़ा और सावित्री को ताउम्र सुहागन का वरदान देना पड़ा।

करवा चौथ पर इन बातों का विशेष रखें ध्यान

करवा चौथ पर कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं इन बातों को।

  • करवा चौथ के दिन 16 श्रृंगार किया जाता है। सोलह श्रृंगार के बिना व्रत अधूरा माना जाता है।
  • इस दिन काले, नीले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन लाल और पीले कपड़े पहनना विशेष रूप से फलदायी होता है।
  • इसके अलावा, करवा चौथ के दिन तामसिक भोजन जैसे- लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस पावन दिन में ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
  • करवा चौथ के दिन न तो पति से झगड़ा करना चाहिए और न ही किसी भी व्यक्ति का अपमान करना चाहिए।

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करवा चौथ के दिन करें ये आसान उपाय

करवा चौथ के दिन कुछ उपाय करने से आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी और आपकी हर मनोकामना पूरी होगी। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।

आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए

करवा चौथ के दिन लाल कपड़े में पांच या 11 हल्दी की गांठ रखकर भगवान गणेश को अर्पित करें। ऐसा करने से आपको भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होगी और आपको आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा। साथ ही, घर में धन का आगमन होगा। 

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए

यदि आप किसी प्रकार के कर्ज या लोन के बोझ से दबे हुए हैं तो करवा चौथ के दिन गणेश जी को घी और गुड़ का भोग लगाएं। फिर भगवान गणेश की आरती करें और प्रार्थना करें। पूजा के बाद ये घी और गुड़ गाय को खिला दें।

दांपत्‍य जीवन में खुशहाली

वैवाहिक जीवन में कोई किसी प्रकार के समस्या का सामना कर रहे हैं तो करवा चौथ के दिन गणेश जी को दूर्वा घास अर्पित करें। साथ ही, गुड़ की 21 गोलियां बनाकर अर्पित करें। ऐसा करने से दांपत्‍य जीवन में खुशहाली आएगी। 

रिश्ते में मधुरता लाने के लिए

यदि पति-पत्नी के बीच रिश्ते में कई समय से मनमुटाव चल रहा हो और रिश्ता टूटने की कगार पर आ गया हो तो इस दिन 5 गुड़ और सूजी के लड्डू, और 5 केले गाय को अपने हाथों से खिलाएं। ऐसा करने से आपके रिश्ते में मधुरता देखने को मिलेगी और जो भी विवाद या झगड़ा चल रहा था वह सुलझ जाएगा।

करवा चौथ के दिन राशि अनुसार रंग की पहनें साड़ी 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन महिलाएं अगर राशि के अनुसार साड़ी पहनें तो और भी अधिक शुभ माना जाएगा। आइए जानते हैं आपके लिए राशि अनुसार कौन से रंग की साड़ी मानी जाएगी शुभ।

मेष राशि

मेष राशि के स्वामी मंगल हैं इसलिए इस राशि की सुहागिन महिलाओं को करवा चौथ के दिन लाल या फिर नारंगी रंग की साड़ी पहनना चाहिए। ऐसा करना आपके लिए शुभ माना जाएगा।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं और बुध का शुभ रंग हरा है इसलिए वृषभ राशि की महिलाओं को इस दिन हल्के गुलाबी रंग के कपड़े पहनना चाहिए। ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के स्वामी बुध है। ऐसे में मिथुन राशि की महिलाओं को हरे रंग की साड़ी पहनना चाहिए। इस रंग की साड़ी पहनने से आपको सौभाग्य की प्राप्ति होगी।

कर्क राशि

कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं इसलिए इस राशि की महिलाओं को चमकीले रंग की साड़ी पहनना चाहिए। किसी भी रंग में चमकीली साड़ी पहनना आपके लिए फलदायी साबित होगा।

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सिंह राशि

सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं। ऐसे में, इस राशि की महिलाओं को लाल, नारंगी और गोल्डन रंग की साड़ी पहनना चाहिए क्योंकि यह सभी रंग मंगल के हैं।

कन्या राशि

कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। ऐसे में, कन्या राशि की महिलाओं को करवा चौथ के दिन पीले या हरे रंग की साड़ी पहननी चाहिए।

तुला राशि

तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ के दिन सिल्वर, हल्का गुलाबी या गुलाबी रंग के कपड़े पहनना चाहिए क्योंकि शुक्र एक चमकीला ग्रह हैं।

वृश्चिक राशि

इस राशि की महिलाओं को लाल रंग के कपड़ों का चुनाव करना चाहिए। साथ ही, संभव हो तो चूड़ियां भी लाल रंग की पहनें क्योंकि इस राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं।

धनु राशि

धनु राशि की महिलाओं को पीले या सुनहरे रंग की साड़ी या लहंगा पहनना चाहिए क्योंकि इस राशि के स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं।

मकर राशि

मकर राशि की महिलाओं के लिए नीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होगा क्योंकि इस राशि के स्वामी शनि हैं और शनिदेव का शुभ रंग नीला है।

कुंभ राशि

शनि कुंभ राशि के स्वामी भी हैं इसलिए इस राशि की महिलाओं को नीले रंग के कपड़ों का चुनाव करना चाहिए।

मीन राशि

मीन राशि के स्वामी बृहस्पति यानी गुरु ग्रह हैं और ऐसे में, इस राशि की महिलाओं को पीले या सुनहरे रंग के कपड़े का चयन करना चाहिए।

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