बुध का कर्क में गोचर: इस अति-महत्वपूर्ण गोचर से किसे मिलेगा लाभ-किसे रहना होगा सावधान?

ज्योतिष में सूर्य की तरह बुध ग्रह को भी बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। अभी हाल ही में जहां 16 जुलाई को देर रात सूर्य का कर्क राशि में गोचर हुआ है वहीं महज कुछ घंटों के अंतराल पर अब बुध ग्रह भी कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में बुध के इस गोचर का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यह गोचर किसके लिए बेहद ही शुभ रहने वाला है इस बात की जानकारी आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं।

इसके साथ ही जानेंगे इस गोचर की अवधि और समय क्या रहने वाला है, इस गोचर के शुभ प्रभाव अपने जीवन में प्राप्त करने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं, और इस गोचर से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण और जरूरी जानकारी जानने के लिए यह लेख अंत तक पढ़ें। सबसे पहले आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध के कर्क राशि में गोचर का समय और अवधि क्या रहने वाली है।

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बुध का कर्क राशि में गोचर: समय और अवधि

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को सबसे छोटा ग्रह माना जाता है लेकिन अपने छोटे होने के बाद यह ग्रह बेहद ही प्रभावशाली होता है क्योंकि यह संचार, अभिव्यक्ति, और संवाद का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा बुध ग्रह को बुद्धि का कारक भी माना गया है। ऐसे में जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह दुर्बल अवस्था में होता है उनकी बौद्धिक क्षमता कमजोर देखी जाती है। 

तमाम विशेषताओं वाला यह बुध ग्रह 17 जुलाई को कर्क राशि में गोचर करने जा रहा है। बात करें समय और अवधि की तो, बुध का कर्क राशि में गोचर 17 जुलाई, 2022 की देर रात 12:01 बजे होगा और 1 अगस्त, 2022 की सुबह 3:38 बजे तक यानी कि सिंह राशि में गोचर करने तक इसी राशि में स्थित रहेगा। 

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कुंडली में मजबूत बुध के लाभ

बुध ग्रह को ग्रहों के राजकुमार का दर्जा भी प्राप्त है। ऐसे में कहा जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत अवस्था में होता है उनकी वाणी बेहद शानदार होती है। वह अपने ज्ञान के दम पर अपने जीवन में सफलता के हर मुकाम को प्राप्त करते हैं। ऐसे लोगों को व्यापार में सफलता मिलती है, अपनी वाणी से यह सब का मन मोह लेते हैं और इनकी गणित बेहद ही शानदार होती है। 

हालांकि इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में कमजोर अवस्था में बुध मौजूद होता है उन्हें तमाम शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और व्यापार और नौकरी में बार-बार हानि होती है और जीवन को लेकर हमेशा उलझन बनी रहती है।

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कर्क राशि में बुध का प्रभाव

बुध का यह गोचर कर्क राशि के प्रथम यानी लग्न भाव में होने जा रहा है। ऐसे में इस गोचर के दौरान व्यापारी जातकों को लाभ मिलेगा, नौकरीपेशा जातक अपने कार्य क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहेंगे। इस राशि के जातक जो सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं उनके पास कार्य का बोझ ज्यादा रहने वाला है लेकिन बावजूद इसके वह एक दूसरे की मदद के लिए तैयार नजर आएंगे। इसके साथ ही इस गोचर अवधि के दौरान कुछ जातकों को विदेश यात्रा का भी मौका मिल सकता है।

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कुंडली में बुध को मजबूत करने के उपाय

  • जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर अवस्था में होता है उन्हें पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। आप अगर पन्ना रत्न धारण कर रहे हैं तो उसे सोने या फिर चांदी में जड़वा कर अपनी कनिष्ठा उंगली में धारण करें। (हालांकि हम सलाह देते हैं कि कोई भी रत्न विद्वान ज्योतिषी से परामर्श के बाद ही धारण करें)। 
  • बुध ग्रह को मजबूत करने और उसके अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है। 
  • बुधवार के दिन किसी किन्नर को ज़रूरी वस्तुओं और वस्त्र का दान करें। 
  • मुमकिन हो तो बुधवार के दिन व्रत करें। 
  • बुधवार के दिन बुध के तांत्रिक मंत्र या बीज मंत्र का जाप करें। 
  • अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा हरे रंग को शामिल करें और गायों को विशेष तौर पर ताजा हरा चारा खिलाएं।

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध के इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस गोचर से किसे सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी और किन राशियों के लिए यह गोचर खुशियों की सौगात लेकर आ रहा है।

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कर्क में बुध गोचर भविष्यफल

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे भाव यानी कि लघु यात्रा, भाई-बहन और साहस के भाव तथा छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा और शत्रु के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार और संवाद के भाव तथा पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, मनोरंजन और संतान के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल दौरान ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा चौथे भाव यानी कि आराम, सुख और संपत्ति के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और विदेश यात्रा के भाव तथा तीसरे भाव यानी कि बल, भाई-बहन और संचार के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध धन योग कारक ग्रह है क्योंकि यह आपके धन भाव पर शासन करता है। बुध आपके दूसरे भाव यानी कि धन और बचत के भाव तथा ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध प्रथम भाव यानी कि व्यक्तित्व के भाव तथा दशम भाव यानी कि करियर और पेशे के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध बारहवें यानी कि व्यय, विदेश यात्रा और हानि के भाव तथा नौवें भाव यानी कि भाग्य, प्रसिद्धि और धर्म के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें भाव यानी कि विरासत और अनिश्चितता के भाव तथा ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें भाव यानी कि साझेदारी, संगठन और वैवाहिक सुख के भाव तथा दसवें भाव यानी कि करियर और पेशे के भाव का स्वामी है। बुध का कर्क राशि में गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा के भाव तथा नौवें भाव यानी कि भाग्य और धर्म के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, मनोरंजन और संतान के भाव तथा आठवें भाव यानी कि अनिश्चितता, विरासत और अकस्मात कार्यक्रमों के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे भाव यानी कि भवन, आराम, भूमि और संपत्ति के भाव तथा सातवें भाव यानी कि साझेदारी, विवाह और संगठन के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)

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