कामिका एकादशी : वो व्रत जिससे हजार गौ दान जितना फल प्राप्त होता है

सनातन धर्म में एकादशी तिथि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। यह तिथि खास तौर से जगत के पालनकर्ता भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती है। यही वजह है कि इस तिथि को हरिवासर अर्थात हरि का दिन भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को एक-एक एकादशी की तिथि पड़ती है। ऐसे में साल के 12 महीनों में कुल 24 एकादशी की तिथि पड़ती है। हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। 

जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट

अब चूंकि आषाढ़ महीना खत्म होने वाला है और सावन की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में सावन महीने की पहली एकादशी व्रत यानी कि कामिका एकादशी के बारे में बताने वाले हैं।

कब है कामिका एकादशी?

हिन्दू पंचांग के अनुसार कामिका एकादशी प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी कि ग्यारहवीं तिथि को मनाया जाता है। साल 2021 में एकादशी तिथि 03 अगस्त को मंगलवार के दोपहर 12 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 04 अगस्त 2021 को दोपहर 03 बजकर 17 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। इस तरह साल 2021 में कामिका एकादशी का व्रत 04 अगस्त को बुधवार के दिन रखा जाएगा।

कामिका एकादशी पारण मुहूर्त : 05:44:22 से 08:25:23 तक, 05 अगस्त को

अवधि  : 02 घंटे 41 मिनट 

आइये अब आपको कामिका एकादशी का महत्व बता देते हैं।

कामिका एकादशी महत्व

कामिका एकादशी का एक और नाम पवित्रा एकादशी भी है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप की पूजा होती है। यह एकादशी इस मायने से भी विशेष है क्योंकि यह सावन के पवित्र महीने में पड़ती है। इसके अलावा जो भी जातक कामिका एकादशी का व्रत रखता है उसे पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों के अनुसार कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले जातकों को एक हजार गौ दान जितना फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके कष्ट दूर होते हैं। 

साथ ही हर एकादशी की तरह कामिका एकादशी में पवित्र नदियों और कुंड में स्नान का विशेष महत्व है। पुराणों के अनुसार कामिका एकादशी में पवित्र नदियों व कुंडों में स्नान करने से जातकों को अश्वमेध यज्ञ जितना फल प्राप्त होता है। इस व्रत की कथा मात्र सुन लेने से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

आइये अब आपको कामिका एकादशी की पूजन विधि बता देते हैं।

कामिका एकादशी पूजा विधि

कामिका एकादशी की तिथि को सुबह जल्दी उठें। इसके बाद सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर लें। पीले रंग के वस्त्र धारण करेंगे तो और भी बेहतर है। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात भगवान विष्णु को फल, फूल, दूध, तिल, पंचामृत आदि अर्पित करें। इस दिन भगवान विष्णु को विशेष तौर पर तुलसी पत्र अवश्य अर्पित करें। व्रत वाले पूरे दिन भगवान विष्णु का भजन कीर्तन करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाकर उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद अपना व्रत खोलें।

ये भी पढ़ें: किसी भी एकादशी पर इन चीज़ों के दान से जीवन में बनी रहती है आर्थिक संपन्नता

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोसेज के साथ। धन्यवाद !

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.