कजरी तीज 2021: जानें सुहाग की उम्र लंबी करने वाले इस व्रत की पूरी जानकारी !

25 अगस्त, बुधवार को कजरी तीज का त्यौहार मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। यह व्रत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार समेत देश के कई राज्यों में मुख्य रूप से मनाया जाता है। यदि इस व्रत या फिर ज्योतिष से जुड़ी कोई भी जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से संपर्क करने के लिए यहाँ क्लिक करें। 

This image has an empty alt attribute; its file name is vedic-gif.gif

आप सोच रहे होंगे कि यह तीज बाकी अन्य तीज के व्रतों से कैसे अलग है। तो आज हम लेख के माध्यम से आपको इस त्यौहार को मनाये जाने का महत्व और साथ ही इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं।

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात

हिंदू धर्म में कजरी तीज

हिन्‍दू धर्म में पति-पत्‍नी के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले तीज पर्व का बहुत महत्व होता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती है। कुछ जगहों पर अविवाहित लड़कियाँ भी मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। शादीशुदा महिलाएं हर साल अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए करवा चौथ, हरतालिका तीज, हरियाली तीज, वट सावित्री आदि जैसे कई व्रत रखती हैं। इनमें पति की लम्बी उम्र, बेहतर स्वास्थ और तरक्की के लिए किए जाने वाला कजरी तीज एक प्रमुख व्रत हैं। कजरी तीज को कजली तीज, बूढ़ी तीज, बड़ी तीज, और सातूड़ी तीज आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। महिलाएं वैवाहिक जीवन की सुख और समृद्धि के लिए बड़ी श्रद्धा और हर्षों-उल्लास के साथ यह व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करती हैं।

जीवन में चल रही है समस्या! समाधान जानने के लिए प्रश्न पूछे

कजरी तीज शुभ मुहूर्त और समय

25 अगस्त, 2021—बुधवार

अगस्त 24, 2021 को 16:07:13 से तृतीया आरम्भ

अगस्त 25, 2021 को 16:21:00 पर तृतीया समाप्त

नोटः उपरोक्त शुभ मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर के अनुसार कजरी तीज का शुभ मुहूर्त 

कजरी तीज का महत्व 

शास्त्रों के अनुसार पूरे साल मनाए जाने वाले तीन तीज में से कजरी तीज एक है। अखा और हरियाली तीज की तरह ही इस तीज के लिए भी विशेष तैयारी की जाती हैं। इस व्रत को करने वाली सभी महिलाओं को देवी पार्वती का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा माना जाता है कि कजरी तीज के दिन ही पार्वती माता द्वारा शिवजी को पाने के लिए की कठोर तपस्या का फल मिला था। इसी वजह से इस दिन शंकर जी और पार्वती माता दोनों की ही पूजा की जाती है। 

यदि कुवांरी लड़कियाँ इस व्रत को रखें तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है। कजरी तीज के व्रत में स्त्रियों को पूरी तरह निर्जला रहना होता है। इस दिन को निस्वार्थ प्रेम के सम्मान के रूप में मनाते हैं। कजरी तीज में सूर्य ढलने के समय स्नान करके, साफ़ वस्त्र धारण कर शिव-पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा करनी चाहिए। 

क्या आपकी कुंडली में भी मौजूद है राज योग?

कजरी तीज व्रत की पूजन विधि 

सभी व्रत की पूजन विधि एक दूसरे से भिन्न होती है। बाकी दोनों तीज के व्रत से कजरी तीज के दिन की जानें वाली पूजा विधि थोड़ी अलग है। चलिए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि के बारे में –

  • कजरी तीज के दिन सुबह सबसे स्नान करने के बाद साफ़ कपडे पहन लें। 
  • स्त्रियाँ निराहार निर्जला रहकर इस व्रत को करें, तो बेहतर फलों की प्राप्ति होती है। हालाँकि यदि कोई महिला गर्भवती है, तो वो इस व्रत में फलाहार कर सकती है।
  • पूजा करने से पहले मिट्टी से शिव-पार्वती बना लें। यदि यह संभव न हो तो शिव-पार्वती के चित्र की पूजा करें।  
  • इसके बाद सुहाग का सारा सामान, जैसे- चूड़ी, बिंदी, कुमकुम, सिन्दूर, काजल, लाल जोड़ा, मेहँदी आदि मां पार्वती को चढ़ाएं और पूरे विधि-विधान से पूजा करें। 
  • पूजा के बाद किसी ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति दान-दक्षिणा दे। पूजा  में चढ़ाई गयी सुहाग की सामग्री किसी ग़रीब ब्राह्मणी को ही देना चाहिए।
  • घर की सभी बड़ी महिलाओं जैसे सास-ननद आदि के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले।
  • रात में आसामन में चाँद निकलने से पहले फिर से स्नान करें और अच्छे से श्रृंगार करके पूजा करें 
  • चाँदी की अंगूठी व गेहूं के दाने हाथ में लेकर चंद्रमा को जल का अर्ध्य और भोग चढ़ा दें और उसी स्थान पर चार बार घुमकर परिक्रमा करें।
  • इसके बाद महिलाएं अपना व्रत खोल सकती हैं।  

दिलचस्प वीडियो और पोस्ट के लिए एस्ट्रोसेज इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें! एक नजर आज की खास पोस्ट पर:

इन उपायों से बनाएं अपनी कजरी तीज को खास

  • एक दीपक जलाएं और इस बात को सुनिश्चित करें कि दीया बुझने न पाए और कम से कम 24 घंटे तक जलता रहे क्योंकि इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। जरूरत पड़ने पर दिए में अतिरिक्त तेल डाल दें या कांच का ढक्कन लगा दें।
  • इस दिन गरीब/भूखी कन्याओं को अपनी यथासंभव भोजन कराएं और समग्र समृद्धि और सुखी जीवन के लिए उनका आशीर्वाद भी अवश्य लें।
  • यदि आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है तो कजरी तीज के दिन राधाकृष्ण मंदिर में जाकर इलायची चढ़ाएं और फिर अपने साथ हरी इलायची लाकर अपने पास रख लें। इससे आपके भाग्य में वृद्धि होगी।
  • यदि आप अपने दाम्पत्य जीवन में परेशानी का सामना कर रहे हैं तो इस दिन माता पार्वती के मंदिर में जाकर श्रृंगार से संबंधित सभी चीजों का दान करें। ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत होगा।
  • यदि आप आर्थिक समस्याओं से पीड़ित हैं तो कजरी तीज के दिन किसी जरूरतमंद को काले कपड़े दान अवश्य करें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
  • इस दिन शिव पार्वती मंदिर जाएं और उचित विधि-विधान से पूजा करें और फिर अपने पति के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ेगा और आप एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करेंगे।

चाँद देखने के बाद ही खोला जाता है व्रत 

यह व्रत काफी हद तक करवाचौथ से मिलता-जुलता है। कजरी तीज पर चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस व्रत में पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात में आसामन में चाँद निकलने से पहले फिर से स्नान और पूजा  कर के चंद्रमा को जल के छींटे दे और उन्हें रोली, अक्षत और भोग अर्पित करें। रात होने पर चाँद देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है।

कजरी तीज के दिन गेहूं, जौ, चना और चावल के सत्तू में घी और मेवा आदि मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं, और चंद्रोदय के बाद इसी भोजन को ग्रहण करके व्रत तोड़ा जाता है। बहुत सी जगहों पर स्त्रियां कजरी तीज के दिन घर में झूला डालकर उसका आनंद लेती हैं। औरतें इस दिन अपनी सहेलियों के साथ एक जगह एकत्रित होती हैं, और गीत गाते हुए नृत्य आदि करती हैं। 

इस दिन ज़रूर करें गौ माता की पूजा 

हिन्दू धर्म में गाय को संसार का सबसे पवित्र प्राणी और माता का दर्जा मिला है। वेद और पुराणों के अनुसार गौ माता के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए इन्हें कामधेनु भी कहा गया है। गौ माता की पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है और समृद्धि का वास होता है। इसीलिए कजरी तीज के दिन विशेष रूप से गौ माता की पूजा की जाती है। इस दिन गाय को खिलाने के बाद भोजन करना बेहद शुभ माना जाता है। 

रंगीन बृहत कुंडली आपके सुखद जीवन की कुंजी

कजरी तीज के दिन भूल से भी न करें ये काम 

  • इस दिन क्रोध न करने, द्वेष न करने, बुरे विचार न रखने, किसी के बारे में बुरा न बोलने या बुरी बात न फ़ैलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दिन के दौरान इन सभी कामों को शुभ नहीं माना जाता है।
  • इस दिन केवल व्रत और उपवास ही नहीं करना होता है बल्कि पूरे श्रृंगार करके तैयार होने की भी सलाह दी जाती है।
  • यदि आप गर्भवती हैं तो इस दिन उपवास न रखने की सलाह दी जाती है। लेकिन आप मंदिर जाकर पूजा जरूर कर सकती हैं।
  • इस दिन सफेद और काले कपड़े पहनने से बचें क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता है।
  • अगर आप यह व्रत रख रहे हैं तो किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं।

कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अवश्य करें ये काम 

  • पूजा के दौरान लाल रंग के कपड़े और हरी चूड़ियां पहनना आपके और आपके पति के लिए बहुत शुभ और भाग्यशाली माना जाता है।
  •  इस दिन अपने माता-पिता द्वारा भेजे गए उपहारों जैसे कपड़े, श्रृंगार, मिठाई, फल आदि का प्रयोग करें।
  • इस दिन तीज माता की कथाएं और गीत सुनते हैं तो बहुत ही शुभ होता है।

…इसीलिए महिलाएं रखती हैं कजरी तीज का व्रत 

कजरी तीज से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं, आज हम आपको इन्हीं में से एक बताने जा रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन ही पार्वती माता ने शिव जी को अपने कठोर तपस्या के बाद पति के रूप में प्राप्त किया था। देवों के देव महादेव को पति रुप में पाना माता पार्वती के लिए बहुत कठिन था, उन्होंने कई वर्षों तक जप-तपस्या की, जिसके बाद जाकर भगवान शिव जी ने पार्वती माता को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। पुराणों  के अनुसार कुल 108 जन्म लेने के बाद देवी पार्वती भगवान शिव से शादी करने में सफल हो पायी थी। इसलिए इस दिन यदि कोई महिला व्रत रखकर विधि-विधान के साथ माता पार्वती और शिव जी की पूजा अर्चना करे, तो उसे सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद मिलता है। 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

आशा करते हैं कजरी तीज के बारे में इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

One comment

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.