काहल राजयोग 2023: इस राजयोग ने बनाया अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का किंग, क्या आपकी कुंडली में हैं ये योग?

काहल राजयोग 2023: एस्ट्रोसेज आपके लिए यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसमें आपको कुंडली में बनने वाले दुर्लभ काहल राजयोग के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही जानेंगे, यह योग कुंडली में कब बनता है और क्यों है यह योग इतना ख़ास? काहल राजयोग का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है। 

ऐसा कहा जाता है कि यदि काहल योग किसी व्यक्ति की कुंडली में बनता है, तो उस व्यक्ति में शानदार नेतृत्व क्षमता के गुण पाए जाते हैं और ये लोग थोड़े गुस्सैल किस्म के होते हैं। ऐसे जातक अपने जीवन में शक्ति, पैसा, लक्ज़री, पद और सफलता पाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। 

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हालांकि, आपको बता दें कि इस योग के बारे में और भी रोचक तथ्य है जिससे हम आपको अवगत कराएंगे। यह दुर्लभ योग का निर्माण शनि देव के स्वामित्व वाली राशि कुंभ लग्न की कुंडली में होता है। क्या आपका लग्न भी कुंभ है और क्या आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में ये योग हैं या नहीं? हम इस बारे में विस्तारपूर्वक बात करेंगे। लेकिन, सबसे पहले जानते हैं कि काहल योग और इसके महत्व के बारे में।

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क्या है काहल योग?

वैदिक ज्योतिष में काहल योग को अत्यंत दुर्लभ योगों में से एक माना जाता है। इस योग का महत्व इतना है कि यह योग दुर्लभ राजयोगों की सूची में शीर्ष पर आता है। काहल राजयोग का संबंध ज्यादातर पराक्रम से जोड़कर देखा जाता है इसलिए ये अक्सर सेना और पुलिस अधिकारियों की कुंडली में पाया जाता है। हालांकि, ये योग अन्य लोगों की कुंडली में भी मौजूद हो सकता है। 

काहल शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है जिसका अर्थ “ड्रम” है। जैसे कि ड्रम के बार-बार बजने से उससे निकलने वाली ध्वनि की गुणवत्ता में सुधार आता है और ऐसा ही प्रभाव काहल योग का भी व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। एक व्यक्ति को अपने पेशेवर जीवन में नेतृत्व करने के लिए अनेक प्रकार के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। यह योग जातक को जीवन में धन, समृद्धि, सफलता, प्रसिद्धि और शक्ति पाने के लिए साहस और आक्रामकता प्रदान करता है। साथ ही, जीवन की समस्याओं से पार पाने के लिए आपको जोश और आत्मविश्वास से भर देता है।

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कुंडली में कब बनता है काहल योग?

कुंडली में काहल योग उस समय बनता है जब विलासिता और भौतिक सुखों के भाव यानी कि चौथे भाव के स्वामी नौवें भाव के स्वामी के साथ युति करते हैं। इसके अलावा, लग्न भाव के स्वामी या तो चौथे भाव में बैठे हो या अपनी राशि में मौजूद हों, या नौवें भाव के स्वामी की राशि में हो या फिर उच्च राशि में हो, तब भी काहल योग का निर्माण होता है।

जब कुंडली में चौथे भाव के स्वामी और दसवें भाव के स्वामी दृष्टि के माध्यम से जुड़े हों या फिर युति कर रहे हों, ऐसे में भी काहल योग बनता है। किसी जातक की कुंडली में यह योग कितना बली और प्रभावी होगा यह लग्नेश की स्थिति पर निर्भर करता है। हमारे द्वारा बताई गई स्थितियां तब ही पूरी होंगी जब आपका कुंभ लग्न हो इसलिए काहल योग सदैव कुंभ लग्न की कुंडली में ही बनता है। 

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काहल योग का महत्व

  • ज्योतिष के अनुसार, काहल योग किसी व्यक्ति को जीवन में सेटल होने में सहायता करता है। विशेष रूप से उन जातकों को जिन्होंने जीवन में कई बार असफलताओं का सामना किया है। 
  • यदि किसी की कुंडली में काहल योग होता है, तो ऐसा व्यक्ति समाज में सम्मानित और उच्च पद प्राप्त करता है।
  • यह जातक किसी संगठन जैसे कंपनी आदि के प्रमुख बन सकते हैं या फिर ये लोग सेना का नेतृत्व करते हैं। 
  • इस योग से जातक के अंदर नेतृत्व क्षमता के गुण जन्म लेते हैं।  
  • जिन जातकों की कुंडली में काहल योग मज़बूत होता है, तो यह उन्हें मान-सम्मान, प्रसिद्धि, सौभाग्य और समृद्धि आदि प्रदान करता है। साथ ही, इन जातकों को पेशेवर जीवन में मात दे पाना बहुत मुश्किल होता है। 
  • कुंडली में यह योग प्रबल होने पर व्यक्ति स्वभाव से गुस्सैल और आक्रामक होता है। 
  • काहल योग के चलते जातक को जीवन में कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। 
  • कुंडली में लग्नेश मज़बूत स्थिति में होने पर जातकों के नेता बनने की संभावना बनी रहती है। साथ ही, ऐसे लोग दुनिया पर भी शासन कर सकते हैं। 

इसके विपरीत, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में यह योग मज़बूत नहीं है, तो ऐसे जातक आलसी हो सकते हैं और ज्यादातर इन लोगों को दूसरों द्वारा पसंद नहीं किया जाता है।

इन मशहूर हस्तियों की कुंडली में मौजूद हैं काहल योग 

अमिताभ बच्चन: अमिताभ बच्चन की कुंडली कुंभ लग्न की है जिसके अधिपति देवता शनि महाराज हैं। उनकी कुंडली में शनि देव शुक्र ग्रह की राशि वृषभ के चौथे भाव में बैठे हैं। शुक्र नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि कन्या राशि के आठवें भाव में स्थित होकर आठवें भाव के स्वामी बुध के साथ नीच भंग राजयोग बना रहे हैं। साथ ही, दसवें भाव के स्वामी मंगल भी शुक्र के साथ काहल योग का निर्माण कर रहे हैं।

काहल योग से शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए करें ये उपाय 

काहल योग से शुभ फलों की प्राप्ति के लिए शनि ग्रह के इन उपायों को आज़माएं।   

  • गरीब और जरूरतमंद लोगों को पुराने जूते दान करें। 
  • जातक अपने दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में नीलम रत्न पंचधातु की अंगूठी में धारण करें। 
  • कंस्ट्रक्शन में लगे 108 श्रमिकों को भोजन कराएं। 
  • शनिवार के दिन शनि होरा या शनि नक्षत्र के अंतर्गत घर या कार्यालय में शनि यंत्र की स्थापना करें।    

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