ज्येष्ठ पूर्णिमा विशेष : इन आसान उपायों से दूर होगी आपके जीवन की हर समस्या

सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा पड़ती है। इस तरह हिन्दू पंचांग में एक साल में 24 पूर्णिमा की तिथि पड़ती है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा देवता अपने सभी कलाओं से पूर्ण होते हैं और इनकी पूजा करना इस दिन पुण्य फलदायी माना गया है। किसी भी जातक की कुंडली में चंद्रमा मन और माता के कारक माने गए हैं। ऐसे में वे जातक जो मानसिक तौर पर तनाव ज्यादा महसूस करते हैं उन्हें चंद्रमा देवता की पूजा जरूर करनी चाहिए। पूर्णिमा के शुभ दिन पर कई जगहों पर भगवान सत्यनारायण की पूजा भी की जाती है।

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हिन्दू पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ अपने अंतिम पड़ाव पर है और 24 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के समापन के साथ ही आषाढ़ महीने की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अपनाए जाने वाले कुछ उपायों की जानकारी देने वाले हैं जिससे आपके जीवन के दुख दूर होंगे और घर व परिवार में सुख, शांति व समृद्धि का प्रवेश होगा लेकिन उससे पहले ज्येष्ठ पूर्णिमा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा कर देते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2021

साल 2021 में ज्येष्ठ पूर्णिमा 24 जून यानी कि आज ही के दिन पड़ रहा है। 24 जून 2021 को गुरुवार की सुबह के 03 बजकर 34 मिनट और 39 सेकंड से पूर्णिमा का शुभारंभ होगा और 25 जून 2021 की रात्रि के 12 बजकर 11 मिनट और 28 सेकंड पर इसका समापन हो जाएगा। 

आइये अब आपको ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अपनाए जाने वाले विशेष उपायों की जानकारी दे देते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा को अपनाएं ये उपाय’

  • मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी जगत के पालनकर्ता भगवान श्री हरि विष्णु के साथ पीपल के पेड़ पर वास करती हैं। ऐसे में इस दिन यदि कोई जातक इस दिन एक लोटे में कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल पेड़ के जड़ में अर्पित करता है तो उसे रुका हुआ धन प्राप्त होता है। खासकर के ऐसे जातक जो कारोबार करते हैं उन्हें इस दिन ये उपाय जरूर आजमाना चाहिए। इससे कारोबार में मुनाफा होता है और जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • ऐसे जातक जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है या फिर विवाह बार-बार टल जा रहा है, उन्हें इस दिन सफ़ेद वस्त्र धारण कर के भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करना चाहिए। इससे उनके जीवन में विवाह संबंधी समस्याएं खत्म होंगी।
  • मान्यता है कि चंद्रमा की चांदनी रोशनी हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होती है। खासकर के वो महिलाएं जो गर्भवती हैं उन्हें इस दिन चांदनी रात में चंद्रमा की रौशनी को अपनी नाभि पर पड़ने देना चाहिए। इससे उनका गर्भ स्वस्थ रहता है।
  • वैसे जातक जिनके वैवाहिक जीवन में अशांति छाई हुई है या फिर वैवाहिक जीवन में किसी वजह से तनाव बना हुआ है। उन्हें इस दिन चंद्रमा देवता को दूध का अर्घ्य देना चाहिए। इससे उनके वैवाहिक जीवन में शांति आएगी और तनाव भी कम होगा। यह कार्य पति या पत्नी में से किसी एक द्वारा भी किया जा सकता है लेकिन यदि दोनों ही इस कार्य को करें तो और भी बेहतर नतीजे मिलने की संभावना रहती है।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के पावन दिन पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर हल्दी से तिलक लगाएं। इसके बाद अगली सुबह किसी लाल कपड़े में उन कौड़ियों को बांधकर उस स्थान पर रख दें जहां आप धन रखते हैं। माता लक्ष्मी की कृपा से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो जायेगी।
  • वैसे जातक जिनकी कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष हो तो उन्हें इस पावन दिन पीपल और नीम के त्रिवेणी के नीचे शिवाष्टक या फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इससे उनके ग्रह दोष खत्म होंगे।
  • पूर्णिमा के दिन भाग्योदय के लिए किसी कुएं में जातकों को एक चम्मच दूध डालना चाहिए। इससे उन्हें उनके जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होगी।

पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को किसी मंदिर में जाकर सुगंधित अगरबत्ती अर्पित कर उनकी पूजा करने से जातकों के आर्थिक जीवन में सुधार आता है।

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