गुरु का गोचर मकर राशि में : इन राशियों को कोरोना वायरस से रहना होगा सावधान

कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को इस समय अपनी चपेट में ले रखा है। चीन से फैला यह वायरस आज विश्व के लगभग हर देश में अपने पैर पसार चुका है। हर देश अपने नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए जरुरी कदम उठा रहा है। कोरोना क्या है? इससे कैसे बचें? इस तरह के कई लेख इन दिनों सोशल मीडिया के समुद्र में तैर रहे हैं।

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वैज्ञानिक अपनी तरह से इस वायरस से निपटने की सलाह दे रहे हैं वहीं ज्योतिष की दृष्टि से भी इस वायरस की पड़ताल की जा रही है। ऐसे में आज हम अपने इस लेख में आपको बताने वाले हैं कि गुरु ग्रह के गोचर के दौरान किन राशि के जातकों को इस वायरस से खतरा हो सकता है और कौन सी राशियों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। 

गुरु ग्रह के गोचर का आपके स्वास्थ्य पर असर  

गुरु महाराज यानि बृहस्पति को ज्योतिष में बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। इनको आकाशीय कौंसिल में मंत्रिपद हासिल है !  इसलिए गुरु के “ गोचर” को ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है ! इस समय यह अपनी मूलत्रिकोण राशि “ धनु” में विचरण कर रहे हैं और यह 29 मार्च को सांय 19:10 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 29 जून 2020 तक मकर राशि में ही रहेंगे ! 

गुरु की कुंडली में स्थिति का आपके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है, अगर यह कुंडली में शुभ अवस्था में विराजमान हैं तो यह व्यक्ति को सकारात्मक बनाता हैं, उसे जरूरी जीवन बल प्रदान करता है! “गुरु” ग्रह को ज्योतिष में संरक्षक की भूमिका में रखा गया है , अकेले गुरु की शुभ स्थिति से ही व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की उच्चतम सीमा को प्राप्त कर सकता है! 

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कोरोना के संक्रमण से बच सकती हैं यह राशियां

“गुरु” शब्द दो शब्दों का समन्वय है , “ गु” यानी अंधकार और “रु” यानी अंधकार को दूर भागने वाले , इसलिए गुरु का अर्थ है अंधकार को दूर भगाकर ज्ञान का प्रकाश करने वाला! गुरु ग्रह चूंकि व्यक्ति को जागरुक बनाता है इसलिए गुरु की अच्छी स्थिति से व्यक्ति स्वास्थ्य को लेकर भी सावधान रहता है। इस समय गुरु ग्रह का मकर राशि में गोचर  मेष, कन्या और मीन राशि के जातकों के स्वास्थ्य दृष्टिकोण से अति शुभ रहेगा। गुरु महाराज की शुभ स्थिति से इन राशियों की सकारात्मकता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। गुरु महाराज इन राशियों को जरुरी जीवन बल प्रदान करेंगे, साथ ही संरक्षक की भूमिका में भी रहेंगे! इसलिए इन राशियों पर कोरोना वायरस का असर “ ना “के बराबर या बिल्कुल नहीं रहेगा! फिर भी इन राशियों को थोड़ा जागरूक रहने की आवश्यकता रहेगी ! 

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कोरोना के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं यह राशियाँ –

वृषभ, वृश्चिक, मकर, कुम्भ राशि वाले जातकों को इस समयावधि में अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सचेत और जागरूक होने की आवश्यकता रहेगी! इस अवधि में आप लापरवाह, नकारात्मक विचारों से भरे हुए, तनावग्रस्त रहेंगे जिसके कारण आपको भय और पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थितियां आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी हमला करेंगी, जिसके कारण आप आसानी से संक्रमित हो सकते हैं ! इसलिए आपको इस समय कोरोना वायरस से बचने के लिए अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की जरुरत है। इसके लिए आप सकारात्मक लोगों के बीच रहें, प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ें योग-ध्यान करें। नियमित प्राणायाम आपके लिए संजीवनी का काम करेगा। हालांकि इन राशि के जातकों की कुंडली में गुरु यदि शुभ स्थिति में विराजमान हैं तो इन्हें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। 

आइये जानते हैं कि गुरु का गोचर स्वास्थ के लिहाज़ से  व्यक्तिगत रूप से आपके लिए क्या फल लेकर आ रहा है –

1) मेष राशि– मेष राशि वालों के लिए गुरु का भ्रमण दशम राशि में होगा, इस राशि में यह राशि स्वामी मंगल के साथ स्थित होगा, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभता का संकेत कर रहा है। इस गोचर में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अपने चरम पर होगी। फिर भी स्वयं को किसी व्यायाम या शारीरिक क्रिया इत्यादि में लगाना इस राशि के जातकों के लिए शुभ होगा। 

2) वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर खराब फल लेकर आ सकता है। गुरु अपने गोचर में शुक्र पर दृष्टि करेंगे जो कि वृषभ राशि के लिए लग्नेश और षष्ठेश की भूमिका में रहता है। इससे आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आप पर भय और तनाव भी हावी रहेंगे, जो इस स्थिति में इजाफा करेंगे।

3) मिथुन राशि- लग्नेश की पापी ग्रहों के मध्य स्थिति और संरक्षक गुरु का गोचर में उससे सम्बन्ध न होना, स्वास्थ के दृष्टिकोण से इस राशि के जातकों के लिए चिंताजनक हो सकता है। इस समय अनिश्चितता और तनाव आप पर हावी हो सकते हैं, जो कि स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं। इस समय कुछ जातकों को सांस से संबंधित शिकायत हो, वह सावधान रहें। इस समय आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी रहेगी। 

4) कर्क राशि-  कर्क राशि के लिए गुरु का गोचर शुभ रहेगा, लग्नेश पर गुरु की दृष्टि , उसका पंचमेश मंगल के साथ उच्च का होना इस राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ रहेगा। यह ग्रह स्थिति स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों के लिए बहुत शुभ रहेगी। इस समयावधि में कर्क राशि वाले खुद को उत्साहित और ऊर्जावान महसूस करेंगे। फिर भी खान पान के मामले में सावधानी रखना आपके लिए जरुरी है।

5) सिंह राशि- सिंह राशि के लिए षष्ठम भाव में गुरु का गोचर अच्छा नहीं रहेगा, यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए शुभ नहीं है। गुरु पंचमेश होकर नीच राशि में रहेंगे, जिससे आपके स्वभाव में नकारात्मकता उत्पन्न हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इस समय खान पान का विशेष ध्यान रखें और गरिष्ठ भोजन के सेवन से बचें अन्यथा दिक्कतें और बढ़ सकती हैं। इस समय इस राशि के जातकों को एलर्जी इत्यादि से भी सावधान रहना चाहिए। 

6) कन्या राशि- गुरु का आपके पंचम भाव में पंचमेष शनि के साथ होना बहुत शुभ रहेगा। षष्ठेश मंगल का भी उच्च का होना यह दर्शाता है कि इस समय आपकी जुझारू प्रवृति में इजाफा होगा। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता इस समय अपने चरम पर होगी, जो अप्पको सभी बीमारियों से लड़ने में मदद करेगी। 

7) तुला राशि- तुला राशि के लिए गुरु का गोचर शुभ नहीं कहा जा सकता। इस समय लग्नेश शुक्र की अष्टम में स्थिति और उस पर गुरु की दृष्टि स्वास्थ्य के लिए शुभ परिस्थितियों का निर्माण नहीं कर रहे। गुरु की षष्ठेश होकर चतुर्थ में मारक मंगल के साथ होना यह दर्शाता है कि खान पान की वजह से आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह समय आपको मोटापा, लाइफस्टाइल से समबन्धित बीमारियां भी दे सकता है। गुरु की यह स्थिति प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी लाती है जो काफी बीमारियों को भी न्योता दे सकती है ।

8) वृश्चिक राशि- वृश्चिक के लिए यह गुरु का गोचर स्वास्थ्य के लिहाज़ से ज्यादा लाभप्रद स्थितियां उत्पन्न नहीं कर रहा है। एक से ज्यादा ग्रहों की स्थिति आपके तीसरे भाव में यह दर्शाती है कि किसी भी प्रकार की अति  करना आपके स्वास्थ्य के लिए खराब हो सकता है, चाहे वह खान पान की अति हो, या कार्य की अति हो, आपको दिक्कत दे सकते हैं। इसलिए अपनी इच्छाओं पर काबू रखना आपके लिए बढ़िया परिणाम देगा। इस समय यदि आप योग-ध्यान इत्यादि करते हैं तो स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।  

9) धनु राशि- धनु राशि के लिए गुरु का गोचर स्वास्थ्य को लेकर शुभ स्थितियों का निर्माण कर रहा है। इस समय आप स्वास्थ्य को लेकर जागरूक अवस्था में रहेंगे। आप खुद को सकारात्मक विचारों से भरने का प्रयत्न्न करेंगे , जिससे हर हिसाब से यह गोचर आपके लिए शुभ रहेगा, और आपको शुभ परिणाम की तरफ लेकर जाएगा । 

10) मकर- गुरु द्वादशेश होकर आपके लगन में भ्रमण करेंगे, जो स्वास्थ्य के लिहाज़ से शुभ संकेत नहीं दे रहा। इस समय आप थकान, चिड़चिड़ापन,महसूस करेंगे। आप के अंदर अधिक गुस्सा और नकारात्मकता हावी रहेगी, जिससे आपकी ऊर्जा में कमी आएगी। यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करेगा। इसलिए इस समय शांत रहें और नकारत्मकता को अपने ऊपर हावी न होने दें। 

11) कुंभ राशि- कुंभ राशि के लिए गुरु का गोचर उनके द्वादश भाव में हो रहा है, जो कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शुभ नहीं रहेगा। गुरु की लग्नेश के साथ स्थिति, यह दर्शाती है कि इस समय संक्रमण की शिकायत अधिक हो सकती है। एक से अधिक ग्रहों की द्वादश भाव में स्थिति नींद न आना, चिड़चिड़ापन आदि देता है और इससे खानपान को लेकर भी आप अव्यवस्थित रह सकते हैं। तो इस समय आपको अपने खान पान का ध्यान रखना चाहिए, पानी का अधिक सेवन करना चाहिए, जिससे स्वास्थ्य सम्बन्धी शिकायतें आपकी दूर होंगी। नकारात्मकता और तनाव से दूर रहना आपकी स्थिति को और नियंत्रण में लाएगा।  

12) मीन राशि- मीन राशि वालों के लिए गुरु का गोचर स्वास्थ्य के लिहाज़ से बहुत शुभ रहेगा। इसके साथ भाग्येश मंगल का उच्च का होना अति शुभ संकेत दे रहा है। यह गोचर दर्शाता है कि इस समय आपको भाग्य का हर समय साथ मिलेगा। आपके लिए परिशतियाँ शुभ रहेंगी, जो कि आपके अच्छे स्वास्थ्य में भी दिखलाई देंगी। इस समय आप जोश और उत्साह से भरे रहेंगे जो कि स्वास्थ्य के लिए अनुकूल रहेगा।

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