सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रहों में से एक बृहस्पति ग्रह का वैदिक ज्योतिष में बेहद महत्व बताया गया है। यह बृहस्पति ग्रह जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति में होता है तो ऐसे व्यक्ति समृद्ध, बुद्धिमान, शिक्षित, उदार, कमांडिंग, आध्यात्मिक, सुसंस्कृत और उदार बनते हैं।
बृहस्पति को अंग्रेजी में जुपिटर, हिंदी में गुरु ग्रह के नाम से जाना जाता है। यह पूजा, प्रार्थना और भक्ति का प्रतीक है। यह विशालकाय ग्रह धन और बच्चों के साथ अपने संबंध के चलते धन और बच्चों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है।
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जिन व्यक्तियों की कुंडली में बृहस्पति अनुकूल स्थिति में होता है और मजबूत होता है ऐसे लोगों को अपने जीवन में बच्चों का सुख, आध्यात्मिक सफलता, और धन का पर्याप्त आशीर्वाद मिलता है। लेकिन वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में यह प्रतिकूल स्थिति में होता है या दुर्बल अवस्था में होता है ऐसे लोगों को जीवन में धन का अभाव और संतान सुख से वंछित भी रहना पड़ सकता है।
बृहस्पति ग्रह या गुरु ग्रह एक राशि में तकरीबन 13 महीनों के लिए रहता है। एक राशि में बृहस्पति की इस लंबी अवधि के चलते ही इसका प्रभाव भी लंबे समय तक चलता है और गहरा भी होता है। बृहस्पति ग्रह सभी 12 राशियों में से मीन और धनु राशि पर शासन करता है। जहां कर्क राशि में यह उच्च का होता है वहीं मकर राशि में यह दुर्बल या नीच का होता है। इसके अलावा जहां बृहस्पति ग्रह के सूर्य चंद्रमा और मंगल ग्रह के साथ अनुकूल संबंध होते हैं वहीं, बुध और शुक्र ग्रह के साथ इसके दुश्मनी वाले रिश्ते होते हैं।
बृहस्पति शरीर के अंगों जैसे लीवर, बड़ी आंत, वसा और किडनी का शासक है।
कुंभ राशि में बृहस्पति गोचर: 20 नवंबर, 2021
बृहस्पति ग्रह 20 नवंबर 2021 को सुबह 11 बजकर 23 मिनट को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। तो आइए जानते हैं, इस गोचर का सभी 12 राशियों पर कैसा प्रभाव देखने को मिलेगा।
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बृहस्पति गोचरफल
मेष राशि
मेष चंद्र राशि के लिए बृहस्पति नवम और बारहवें घर का स्वामी है और आय, लाभ और इच्छा के ग्यारहवें घर में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृष चंद्र राशि के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के दशम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए बृहस्पति सप्तम और दशम भाव का स्वामी है, जो भाग्य और आध्यात्मिकता के नवम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है और अष्टम भाव में गोचर कर रहा है, जो अचानक हानि या लाभ और विरासत में है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि के लिए बृहस्पति पंचम और आठवें भाव का स्वामी है। विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और ऋण, शत्रु और दैनिक मजदूरी के छठे भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी है, जो प्रेम, रोमांस और संतान के पंचम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए, बृहस्पति दूसरे और पांचवें घर का स्वामी है और माता के चौथे घर जो आराम और विलासिता में गोचर कर रहा है। गुरु के …..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के लिए, बृहस्पति पहले और चौथे घर का स्वामी है, जो साहस, भाई-बहनों और यात्राओं के तीसरे घर में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है, जो स्वयं और व्यक्तित्व के दूसरे भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान …..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुम्भ राशि के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और पहले भाव और व्यक्तित्व में ही गोचर कर रहा है। इस गोचर में …..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के लिए बृहस्पति दशम भाव और प्रथम भाव का स्वामी है और हानि, विदेशी लाभ और मोक्ष के बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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