जून में 5 महत्वपूर्ण ग्रहों का परिवर्तन: देशव्यापी प्रभाव के साथ इन राशियों के लिए साबित होंगे बेहद शुभ!

मई तो गयी अब जून में ज्योतिषीय लिहाज से क्या कुछ अहम और खास होने वाला है जिसका आम जनजीवन और देश दुनिया पर प्रत्यक्ष प्रभाव देखने को मिल सकता है? यदि आपके मन में भी इस तरह के सवाल हैं तो ऐस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम इसका जवाब लेकर आए हैं। दरअसल जून का महीना बेहद ही खास होने वाला है क्योंकि इस दौरान तीन अहम ग्रहों का गोचर होगा तो वहीं 2 महत्वपूर्ण ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन से भी देश-दुनिया में अहम बदलाव की आशंका बन रही है। 

सबसे पहले यह जान लेते हैं कि जून के महीने में कब-कब और कौन कौन से ग्रह स्थिति और राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। इसके अलावा इस दौरान दो महत्वपूर्ण ग्रहों की युति का शुभ संयोग भी बन रहा है, ऐसे में इसका क्या प्रभाव रहने वाला है यह जानने के लिए यह ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।    

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जून में इन ग्रहों का होगा परिवर्तन 

  • बुध वृषभ में मार्गी (3 जून 2022): 25 अप्रैल को बुध का वृषभ में गोचर हुआ था। इसके बाद से ही बुध ग्रह तकरीबन 70 दिनों की अवधि के लिए वृषभ में आ गए थे। इसी राशि में पहले बुध वक्री हुए, फिर अस्त हुए और अब 03 जून को मार्गी होने जा रहे हैं। समय की बात करें तो बुध मार्गी शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 07 मिनट पर होंगे।
  • शनि कुंभ राशि में वक्री (5 जून 2022): शनि ग्रह को ज्योतिष में महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त होता है। गोचर की बात करें तो यह एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए तकरीबन 2.5 वर्षों का समय लेते हैं। हालांकि इस दौरान शनि ग्रह तमाम परिवर्तन करते रहते हैं। इसी कड़ी में 05 जून को शनि ग्रह स्वयं अपनी राशि में वक्री होने जा रहे हैं। समय की बात करें तो, शनि का यह परिवर्तन शनिवार को सुबह 4:14 बजे होगा।
  • सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (15 जून 2022): सूर्य ग्रह यानि नवग्रहों के राजा भी जून के महीने में अपना महत्वपूर्ण गोचर करने जा रहे हैं। बता दें सूर्य ग्रह एक राशि में तकरीबन एक महीने की अवधि के लिए रहता है और फिर राशि परिवर्तन कर लेता है। इस कड़ी में अब सूर्य ग्रह राशि चक्र की तीसरी राशि मिथुन में गोचर करने जा रहे हैं। इसे मिथुन संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। समय की बात करें तो, यह गोचर बुधवार को दोपहर 11 बजकर 58 मिनट पर होगा। 
  • शुक्र का वृषभ राशि में गोचर (18 जून 2022): सुख-सुविधाओं और विलासिता का ग्रह शुक्र भी जून के महीने में राशि परिवर्तन करने जा रहा है। इस दौरान शुक्र वृषभ राशि में आ जाएंगे जहां पहले से ही बुध मार्गी अवस्था में मौजूद होंगे। शुक्र गोचर के समय की बात करें तो, यह शनिवार सुबह 8 बजकर 6 मिनट पर होगा।
  • मंगल का मेष राशि में गोचर (27 जून 2022): मंगलकारी ग्रह मंगल जिसे ज्योतिष में लाल और उग्र ग्रह का दर्जा दिया गया है वो भी जून के आखिरी दिनों में मेष में गोचर कर जाएगा। मंगल का यह गोचर सोमवार सुबह 5 बजकर 39 मिनट पर होगा।  

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जून में दो ग्रहों की अद्भुत युति का भी है संयोग 

जून के महीने में बुध और शुक्र ग्रह की युति का भी योग बन रहा है। दरअसल बुध अप्रैल महीने से ही वृषभ राशि में मौजूद है और अब इसी राशि में शुक्र का प्रवेश होने से बुध-शुक्र युति का भी योग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार बुध-शुक्र युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है और इस योग को एक बेहद ही शुभ योग का दर्जा दिया गया है। 

शुक्र एवं बुध दोनों ही स्वाभाविक शुभ ग्रह हैं। दोनों ही पवित्र एवं सात्विक ग्रह हैं। बुध और शुक्र की युति से बनने वाला लक्ष्मी नारायण योग व्यक्ति के वैभव में वृद्धि करता है। ऐसे में मुमकिन है कि इस समय अवधि में व्यापार के क्षेत्र से जुड़े जातकों को धन लाभ होगा। 

इन राशियों के लिए शुभ 

वृषभ राशि, सिंह राशि, धनु राशि इन तीन राशियों के लिए जून का महीना विशेष शुभ फलदायी रहने वाला है। इस महीने आपके आर्थिक लाभ के योग बनेंगे, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी, नई नौकरी तलाश रहे जातकों को शुभ समाचार मिलेगा, व्यापारी जातकों को नई डील्स और तमाम लाभ मिलेंगे, इसके अलावा इस दौरान आपके रिश्तों में भी मजबूती आएगी और प्रेम संबंध मजबूत होंगे। 

कुल मिलाकर इन तीन राशियों के लिए जून का महीना यादगार समय बनकर आने वाला है। 

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देश-दुनिया (स्वास्थ्य-व्यापार-आर्थिक हालात) में आएंगे क्या बड़े बदलाव  

बुध ग्रह के मार्गी होने के प्रभाव स्वरूप व्यापारिक गतिविधियों में सुधार होगा और कामकाज में तेजी आएगी। लोगों को अपनी बुद्धि की वजह से फायदा होगा और राजनीति में बुद्धिमान और अक्लमंद लोगों का वर्चस्व बढ़ेगा। बुध ग्रह के मार्गी होने का सबसे ज्यादा प्रभाव व्यापार पर पड़ सकता है। बिजनेस में तरक्की देखने को मिलेगी और धन का आगमन सुचारू रूप से होगा। 

शनि वक्री होने के प्रभाव स्वरूप कार्य क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। इस दौरान लोगों को आजीविका के लिए दौड़ भाग करनी पड़ सकती है। इसके अलावा वक्री शनि नए व्यापार में संकट और परेशानी की वजह भी बन सकता है। शनि वक्री जन आंदोलनों, राजनीतिक परिवर्तन, की भी वजह बन सकता है।

सूर्य गोचर के प्रभाव स्वरूप राजनीति में विपक्ष सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना कर सकता है। वहीं सत्ताधारी पार्टी अपनी नीतियों, रणनीति, और निर्णय से लोकप्रियता बटोर सकती है। अर्थव्यवस्था के लिहाज से बात करें तो इस दौरान कृषि क्षेत्र में वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही इस दौरान अचल संपत्ति, हथियार, और सैन्य उपकरणों में निवेश भी किया जा सकता है। चूंकि सूर्य का संबंध स्वास्थ्य से भी जोड़कर देखा जाता है ऐसे में सूर्य के इस गोचर के दौरान मौजूदा कोरोनावायरस की चौथी लहर से लड़ने के लिए लोगों में उचित शक्ति भी प्राप्त हो सकती है।

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ज्योतिष में शुक्र ग्रह का संबंध आध्यात्मिक क्षेत्र, सौंदर्य, प्रेम, भौतिक सुखों, से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में शुक्र गोचर के दौरान प्रेम संबंधों, वैवाहिक जीवन, दांपत्य सुख, यौन जीवन में काफी सुधार देखने को मिल सकता है। इसके अलावा शुक्र गोचर के प्रभाव स्वरूप मौसम और जलवायु पर भी खासा प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा कला और संस्कृति, फिल्म इंडस्ट्री, व्यवसाय, विलासिता की वस्तुओं, न्याय और राजनीति के क्षेत्र से संबंधित लोगों को भी गोचर काल के दौरान शुभ फल प्राप्त होने के योग बन रहे हैं।

अंत में बात करें मंगल ग्रह के गोचर की तो मंगल ग्रह को ज्योतिष में भूमि, सेना, पराक्रम, ऊर्जा आदि का कारक ग्रह माना गया है। ऐसे में इस गोचर के प्रभाव स्वरूप मंगल गोचर के इर्द-गिर्द युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में मंगल को युद्ध का कारक माना गया है। युद्ध की यह स्थिति देश या फिर दुनिया में कहीं भी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा मंगल के इस गोचर के प्रभाव स्वरूप भारत की छवि में बदलाव आने की भी योग बन सकते हैं। इसके साथ ही इस दौरान देश की सेना के शौर्य में इजाफा देखने को मिल सकता है जिसके चलते कई देशों को भारत के प्रति अपने विचारों में बदलाव करना पड़ेगा।

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