जून के महीने में इन तीन राशियों पर बरसेगी माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा

साल का छठा महीना यानी जून का महीना दस्तक दे चुका है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में यह जानने की जिज्ञासा होगी कि यह नया महीना हमारे लिए कितना खास, अनोखा और उपयोगी होने वाला है। यदि आप भी यह जानना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि ऐस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको इस बात से अवगत कराएंगे कि जून का महीना आपके लिए कैसा रहेगा? 

इस दौरान किन राशि वालों को भाग्य का साथ मिलेगा? साथ ही जानेंगे किन राशि वालों के लिए यह महीना कुछ खास अनुकूल नहीं रहने वाला है?

जून के इस महीने को अपने लिए कैसे बनाएँ खास? विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करके जानें जवाब

15 जून से शुरू हो जाएगा आषाढ़ का महीना

आगे बढ़ने से पहले हम आपको सबसे पहले यहां यह बता दें कि 14 जून तक ज्येष्ठ माह चलने वाला है और उसके बाद 15 जून से आषाढ़ का महीना शुरू हो जाएगा। आषाढ़ का महीना जुलाई 13 को खत्म होगा।

आषाढ़ माह में आएंगे ये बड़े व्रत और त्योहार

आइए अब जान लेते हैं कि आषाढ़ के महीने में कौन-कौन से व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं:

15 जून, 2022: मिथुन संक्रांति

17 जून, 2022: संकष्टी गणेश चतुर्थी

19 जून, 2022: पितृ दिवस

21 जून, 2022: कालाष्टमी

24 जून, 2022: योगिनी एकादशी

26 जून, 2022: प्रदोष व्रत

27 जून, 2022: रोहिणी व्रत , मास शिवरात्रि

29 जून, 2022: अमावस्या

30 जून, 2022: गुप्त नवरात्र प्रारंभ , चंद्र दर्शन

01 जुलाई, 2022: पूरी जगन्नाथ रथ यात्रा

03 जुलाई, 2022: वरद चतुर्थी , संत थॉमस डे

04 जुलाई, 2022: कौमार षष्ठी , सोमवार व्रत

05 जुलाई, 2022: षष्टी

07 जुलाई, 2022: दुर्गाष्टमी व्रत

10 जुलाई, 2022: बकरीद (ईद-उल-अज़हा) , आषाढ़ी एकादशी

11 जुलाई, 2022: जया पार्वती व्रत प्रारंभ , प्रदोष व्रत , सोम प्रदोष व्रत , जनसंख्या दिवस

13 जुलाई, 2022: सत्य व्रत , व्यास पूजा , पूर्णिमा , सत्य व्रत , पूर्णिमा व्रत , गुरु पूर्णिमा

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

आषाढ़ माह क्यों है खास?

आषाढ़ मास यानी हिंदू पंचांग के अनुसार चौथा महीना। आषाढ़ माह से ही चातुर्मास का आरंभ हो जाता है। चातुर्मास यानी वह समय अवधि जब हम शुभ और मांगलिक कार्य नहीं कर सकते हैं। चातुर्मास का पहला महीना श्रावण का महीना होता है जिसे आम भाषा में सावन का महीना भी कहा जाता है और सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। 

यह समय ध्यान, योग, और अध्ययन, करने के लिए बेहद ही उत्तम माना जाता है। इसके अलावा क्योंकि इस महीने का सीधा संबंध भगवान शिव से होता है ऐसे में इस दौरान भगवान और उनके साथ साथ भगवान विष्णु की पूजा को बेहद शुभ और फलदाई माना गया है। 

इसके अलावा इस माह में जो भी एकादशी, प्रदोष व्रत, या मासिक शिवरात्रि, पड़ती है उनका भी विशेष महत्व होता है क्योंकि एकादशी का सीधा संबंध भगवान विष्णु से होता है वहीं प्रदोश व्रत और मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक बेहद पवित्र दिन माना गया है। इसके अलावा आषाढ़ मास में ही गुप्त नवरात्रि भी पड़ती है।

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

आषाढ़ माह में क्या करें?

यूं तो जून के महीने में आषाढ़ माह के 15 दिन ही होंगे हालांकि इस दौरान वर्षा ऋतु प्रारंभ हो जाती है। ऐसे में संक्रमण का खतरा बन जाता है इसलिए इस महीने में उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इस दौरान व्यक्ति को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है। इसके लिए आप संतुलित और पौष्टिक आहार ही लें। साथ ही अपनी दिनचर्या को अनुशासित बनाकर रखें।

जून के पूरे महीने में इन 3 राशियों पर होगी महालक्ष्मी की विशेष कृपा 

  • वृषभ राशि: जून का महीना विशेष तौर पर वृषभ राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा। इस दौरान आपको पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने की संभावना है। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। पारिवारिक जीवन में खुशहाली रहेगी। इसके साथ ही आर्थिक लाभ के कई शुभ अवसर आपको प्राप्त होने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा कुछ वृषभ राशि के जातक इस दौरान विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं।
  • सिंह राशि: इसके अलावा जून का यह महीना विषेशतौर पर सिंह राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहेगा। इस दौरान आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक जीवन में संपन्नता मिलेगी। इसके अलावा समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। यदि आपने कहीं निवेश किया है या निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो इससे भी आपको अच्छा मुनाफा प्राप्त होने के संकेत मिल रहे हैं। कार्यक्षेत्र पर आपको कोई बड़ा पद या कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। कड़ी मेहनत के साथ काम करें इससे भी आपको लाभ मिलेगा।
  • तुला राशि: इसके अलावा जिस तीसरी राशि के लिए जून का महीना वरदान साबित होगा वो है तुला राशि। इस दौरान आपको धन लाभ होगा, नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में कई ऐसे अवसर प्राप्त होंगे जिससे आपको लाभ मिलेगा, जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें अच्छे अवसर प्राप्त होंगे, प्रमोशन के योग बनेंगे। यदि आप व्यापारी हैं तो आप अच्छा खासा मुनाफा कमाने में भी कामयाब रहेंगे। इसके अलावा कुछ तुला राशि के जातकों को कामकाज के सिलसिले में यात्रा का योग भी मिल सकता है और इस यात्रा से आपको लाभ होगा।

ये राशियां रहें थोड़ा सतर्क: जून के महीने की शुरुआत इनके लिए नहीं है अनुकूल

मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि, जून महीने की शुरुआत इन तीन राशि के जातकों के लिए कुछ खास अनुकूल नहीं रहने वाली है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपको कड़ी मेहनत के बावजूद शुभ फल नहीं प्राप्त होगा। इसके अलावा बॉस और सहकर्मियों के साथ टकराव के भी योग बनते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से संबंधित है उन्हें भी अपने पार्टनर के साथ धोखाधड़ी या व्यापार में नुकसान की स्थिति उठानी पड़ सकती है। ऐसे में आपको सावधान रहने की सलाह भी दी जा रही है।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए वास्तु शास्त्र के इन उपायों से करें जून की शुरुआत

  • यदि आपको व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है और आप को ऐसा लग रहा है कि माँ लक्ष्मी आपसे रूठ चुकी हैं तो अपने कार्यस्थल के ईशान कोण में लगातार सात गुरुवार तक सूखी हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बना लें। 
  • अपने जीवन में माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अपने घर में नृत्य करती हुई गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। कोशिश करें यह प्रतिमा पर ऐसी जगह पर रखें जहां सबकी नजर पड़ती रहे। 
  • इसके अलावा आर्थिक संपन्नता और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने घर में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर भगवान की प्रतिमा अवश्य लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि कुबेर देव की प्रतिमा या मूर्ति रखने का शुभ स्थान उत्तर दिशा माना गया है वहीं मां लक्ष्मी की प्रतिमा आप उत्तर कोण, ईशान कोण, या पूर्व दिशा में रख सकते हैं। 
  • इसके अलावा माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अपने घर में एकाक्षी नारियल स्थापित करें और इसकी नियमित रूप से पूजा करें। 
  • साथ ही वास्तु शास्त्र के अनुसार शंख को घर में रखने से घर का वास्तु दोष दूर होता है और साथ ही माँ लक्ष्मी का आगमन घर में होने लगता है। ऐसे में अपने घर में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करें। ध्यान रखें यह शंख लाल कपड़े में लपेट कर रखना है। या आप चाहें तो पूजा वाली जगह पर इसमें पवित्र जल डालकर रख दें और नियमित रूप से इसकी पूजा करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.