जुलाई 2023: मई-जून की तपती गर्मी से राहत दिलाने का काम करता है जुलाई का महीना और यही वजह है कि सभी को जुलाई के महीने का बेसब्री से इंतज़ार रहता है। जून का महीना अब हमसे विदा लेने और जुलाई दस्तक देने को तैयार है। ऐसे में, आप भी यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि यह माह आपके लिए क्या कुछ लेकर आएगा? कौन से त्योहारों एवं व्रतों को इस महीने किया जाएगा। सबसे जरूरी, जुलाई 2023 में राशिचक्र की सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में किस तरह के परिवर्तन देखने को मिलेंगे और किन उतार-चढ़ावों का सामना करना होगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में, इसलिए इसे पढ़ना जारी रखें।
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जैसे कि हम जानते हैं कि सूर्य देव की आग उगलती गर्मी में जुलाई का महीना बारिश की ठंडी बौछार लेकर आता है। लेकिन जुलाई 2023 का महत्व इससे कहीं अधिक है क्योंकि धार्मिक दृष्टि से भी इसका एक अलग स्थान है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, जुलाई साल का सातवां महीना होता है और इस माह का आरंभ यह दर्शाता है कि साल का पहला भाग बीत चुका है और हम वर्ष के दूसरे भाग में प्रवेश कर गए हैं यानी कि अब इस साल को खत्म होने में सिर्फ 6 महीने बाकी हैं। आइये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं जुलाई 2023 का पंचांग।
जुलाई 2023 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
जुलाई 2023 के पंचांग की बात करें तो, इस महीने का आरंभ अनुराधा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की द्वादशी यानी कि 01 जुलाई 2023 को होगा जबकि इस माह का समापन 31 जुलाई 2023,सोमवार को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होगा। वैसे तो, इस महीने में अनेक व्रत एवं त्योहारों को मनाया जाएगा, उसके बारे में भी हम चर्चा करेंगे, लेकिन अब आपको रूबरू करवाते हैं जुलाई 2023 के धार्मिक महत्व से।
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क्यों है जुलाई का महीना धार्मिक दृष्टि से इतना महत्वपूर्ण?
हम सभी जानते हैं कि जुलाई में बारिश के मौसम का आगाज़ हो जाता है। इस दौरान सुहावना मौसम और हरियाली प्रकृति की सुंदरता में चार चांद लगा देती है। हालांकि, आपको बता दें कि जुलाई 2023 का धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व है और इस माह को सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि इस माह में एक के बाद एक कई व्रत और त्यौहार किये जाते हैं जैसे गुरु पूर्णिमा, कर्क संक्रांति, पद्मिनी एकादशी आदि।
हालांकि, आपक बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, जुलाई महीने का आरंभ जहां आषाढ माह में होगा, तो वहीं इसका अंत श्रावण महीने के तहत होगा। इन दोनों महीनों को ही सनातन धर्म में विशेष दर्जा दिया गया है। अगर हम पंचांग की बात करें तो, आषाढ़ का महीना हिंदू नववर्ष का चौथा महीना होता है जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, जून और जुलाई में पड़ता है। इस माह की शुरुआत के साथ ही वर्षा ऋतु का भी आरंभ हो जाता है।
यह महीना ज्येष्ठ माह के बाद और श्रावण महीने से पहले आता है। इस माह का नाम पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर रखा गया है। धार्मिक दृष्टि से भी यह महीना इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस महीने में ही जगन्नाथ रथयात्रा, योगिनी एकादशी, आषाढ़ अमावस्या और गुप्त नवरात्रि जैसे पर्व पड़ते हैं। वर्ष 2023 में इस महीने का आरंभ 05 जून को हुआ था और इसकी समाप्ति 03 जुलाई को होगी।
जुलाई 2023 में लगेगा सावन: भगवान शिव का प्रिय महीना
भगवान शिव के भक्तों को सावन के महीने का वर्ष भर इंतज़ार रहता है क्योंकि इस माह को देवों के देव महादेव का प्रिय माह माना गया है। शिव जी की आराधना के लिए सावन के महीने को सर्वश्रेष्ठ माना गया है और इस माह से जुड़ी मान्यता है कि सावन में जो भी भक्त नियमित रूप से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और सावन में पड़ने वाले हर सोमवार का व्रत करते हैं। शिवशंकर उनकी हर मनोकामना को पूरा करते हैं।
हालांकि, साल 2023 का सावन कई मायनों से बेहद ख़ास होने वाला है क्योंकि इस बार आपके पास शिव जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे दो माह का समय होगा। सरल शब्दों में कहें तो, सावन महीने की शुरुआत 04 जुलाई 2023 को होगी और समापन 31 अगस्त 2023 को होगा यानी कि भोलेशंकर के भक्तों पर सिर्फ 30 दिन न होकर पूरे 59 दिनों का समय होगा। साथ ही, सावन में पड़ने वाले सावन सोमवार के व्रतों की संख्या 8 होगी और ऐसे में, भक्त शिवजी की कृपा प्राप्त करने के लिए 8 सावन सोमवार के व्रत रख सकेंगे। आपको बता दें कि इस बार 2 महीने का सावन पड़ने की वजह अधिकमास है। विक्रम संवत 2080 के अनुसार, इस वर्ष अधिकमास लग रहा है।
यदि आपके मन में भी प्रश्न उठ रहा है कि ऐसा कैसे संभव है, तो आपको बता दें कि वैदिक पंचांग के अनुसार चंद्र वर्ष में 354 और सौर वर्ष में 365 दिन होते हैं। इन दोनों के बीच 11 दिनों का अंतर देखने को मिलता है और हर तीन साल के अंतराल पर पड़ने से यह अंतर 33 दिनों का हो जाता है। इसी प्रकार, प्रत्येक तीसरे साल में 33 दिनों का अलग अतिरिक्त महीना बन जाता है जिसे अधिकमास कहा जाता है और इसकी वजह से ही वर्ष 2023 में सावन दो महीनों का हो रहा है। आइये आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं साल 2023 में सावन सोमवार की तिथियों पर।
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सावन सोमवार व्रत की तिथियां 2023
सावन सोमवार व्रत | तिथि |
सावन का पहला सोमवार | 10 जुलाई, 2023 |
सावन का दूसरा सोमवार | 17 जुलाई, 2023 |
सावन का तीसरा सोमवार | 24 जुलाई, 2023 |
सावन का चौथा सोमवार | 31 जुलाई, 2023 |
सावन का पांचवां सोमवार | 07 अगस्त, 2023 |
सावन का छठा सोमवार | 14 अगस्त, 2023 |
सावन का सातवां सोमवार | 21 अगस्त, 2023 |
सावन का आठवां सोमवार | 28 अगस्त, 2023 |
अब हम बात करेंगे जुलाई 2023 में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की।
जुलाई 2023 के व्रत एवं त्योहारों की तिथियां
तिथि | त्यौहार |
1 जुलाई 2023, शनिवार | प्रदोष व्रत(शुक्ल) |
3 जुलाई 2023, सोमवार | गुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत |
6 जुलाई 2023, गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी |
13 जुलाई 2023, गुरुवार | कामिका एकादशी |
14 जुलाई 2023, शुक्रवार | प्रदोष व्रत(कृष्ण) |
15 जुलाई 2023, शनिवार | मासिक शिवरात्रि |
16 जुलाई 2023, रविवार | कर्क संक्रांति |
17 जुलाई 2023, सोमवार | श्रावण अमावस्या |
29 जुलाई 2023, शनिवार | पद्मिनी एकादशी |
जुलाई 2023 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व
प्रदोष व्रत(शुक्ल) (1 जुलाई 2023): हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत महत्व दिया गया है जो कि पंचांग के अनुसार, हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। प्रत्येक माह में प्रदोष व्रत दो बार आता है और सोमवार के दिन पड़ने वाले इस व्रत को सोम प्रदोष कहा जाता है। इसी प्रकार, यदि प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है, वहीं जब शनिवार को पड़ता है, तो इस व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। जुलाई में आने वाला प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ेगा इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। हालांकि, आपको बता दें कि यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है।
गुरु-पूर्णिमा (3 जुलाई 2023): प्रत्येक वर्ष गुरु पूर्णिंमा का पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जाता है जो गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का पर्व प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन ही वेदों और महाभारत ग्रंथ के रचियता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को व्यास जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। साथ ही, गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु पूजन की परंपरा का आरंभ व्यास जी के पांच शिष्यों द्वारा किया गया था। इसके अलावा, आषाढ़ माह में आने वाली इस पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
संकष्टी चतुर्थी (6 जुलाई 2023): संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करने का विधान है। संकष्टी चतुर्थी के व्रत से जुड़ी मान्यता है कि जो भी भक्त इस व्रत को सच्चे हृदय से करता है विघ्नहर्ता गणेश उसके जीवन में उत्पन्न तमाम समस्याओं और संकटों का नाश कर देते हैं इसलिए संकष्टी चतुर्थी पर श्रीगणेश की पूजा पूरे विधि-विधान से करना फलदायी साबित होता है।
कामिका एकादशी (13 जुलाई 2023): वर्षभर में आने वाली 24 एकादशियों में से एक है कामिका एकादशी जिसे पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है। सावन माह में आने वाली यह एकादशी कई मायनों में ख़ास होती है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा एवं उनका आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो जातक कामिका एकादशी का व्रत श्रद्धाभाव से करता है उसके जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही, जगत पालनहार विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है।
मासिक शिवरात्रि (15 जुलाई 2023): मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इस व्रत को हर महीने में आने वाली शिवरात्रि यानी कि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। मासिक शिवरात्रि को सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है जो कि एक वर्ष में 12 बार आती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जीवन में आने वाले कष्टों एवं बाधाओं को दूर करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है और शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है जिससे भक्तों को भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कर्क संक्रांति (16 जुलाई 2023): हिंदू धर्म के साथ-साथ सूर्य को वैदिक ज्योतिष में भी विशेष स्थान प्राप्त है और यह समय-समय पर एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। जब कभी भी सूर्य अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तो उस घटना को संक्रांति कहा जाता है और अब सूर्य देव 16 जुलाई 2023 को मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए यह कर्क संक्रांति कहलाएगी। हालांकि, एक साल में 12 बार सूर्य अपना राशि परिवर्तन करते हैं और इस प्रकार, एक वर्ष में 12 संक्रांति आती हैं। सूर्य गोचर की अवधि को दान-पुण्य तथा सभी तरह के धार्मिक कार्यों को करने के लिए शुभ माना जाता है।
श्रावण अमावस्या (17 जुलाई 2023): हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को विशिष्ट माना जाता है जो कि प्रत्येक महीने में एक बार आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव को माना गया है और यही वजह है कि अमावस्या तिथि पर पितरों की शांति एवं तर्पण आदि कार्य किये जाते हैं। इसी क्रम में सावन महीने की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है और इस अवसर पर वृक्षारोपण करना शुभ होता है क्योंकि ऐसा करने से जातक के जीवन से समस्याएं दूर होती हैं।
पद्मिनी एकादशी (29 जुलाई 2023): अधिकमास या फिर मलमास कहे जाने वाले महीने में आने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को पुरुषोत्तमी और कमला एकादशी भी कहा जाता है। यह एकादशी सर्वाधिक विशेष माना गयी है क्योंकि यह अन्य एकादशियों के समान हर महीने नहीं आती है, बल्कि 3 साल में एक बार आती है इसलिए इस एकादशी का व्रत करने से व्रती को सालभर की सभी एकादशी व्रत के समान पुण्य मिलता है। साथ ही, यह एकादशी विष्णु जी को समर्पित होती है।
जुलाई में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
जहां तक सवाल है इस महीने में होने वाले ग्रहण और गोचर का, तो जुलाई 2023 में कई महत्वपूर्ण ग्रहों की राशि और स्थिति में परिवर्तन देखने को मिलेगा। हालांकि, जुलाई में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: लाल ग्रह के नाम से विख्यात मंगल ग्रह 01 जुलाई 2023 को रात 01 बजकर 52 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: प्रेम के कारक ग्रह शुक्र अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए 7 जुलाई 2023 की सुबह 03 बजकर 59 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
बुध का कर्क राशि में गोचर: बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध 8 जुलाई, 2023 की रात 12 बजकर 05 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
बुध का कर्क राशि में उदय: वाणी के कारक ग्रह बुध 14 जुलाई, 2023 को कर्क राशि में अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए उदित होंगे।
सूर्य का कर्क राशि में गोचर: ग्रहों के राजा के नाम से प्रसिद्ध सूर्य महाराज 16 जुलाई 2023 की सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे।
शुक्र सिंह राशि में वक्री: विलासिता और ऐश्वर्य के कारक ग्रह कहे जाने वाले शुक्र देव 23 जुलाई 2023 की सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर सिंह राशि में वक्री हो जाएंगे।
बुध का सिंह राशि में गोचर: बुध ग्रह 25 जुलाई 2023 की सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
ग्रहण और गोचरों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करने के बाद अब हम आपको अवगत कराएंगे कि क्या शेयर बाजार में निवेश करना आपके लिए होगा फलदायी? आइये जानत्ते हैं जुलाई 2023 के लिए क्या कहती है शेयर बाज़ार भविष्यवाणी।
जुलाई 2023: शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी
जिन लोगों की शेयर मार्केट में दिलचस्पी हैं और जो शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए एस्ट्रोसेज यह विशेष सेक्शन लेकर आया है जिसमें हम आपको शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी प्रदान करेंगे। यदि हम बात करें जुलाई महीने की तो, सूर्य देव 16 जुलाई को कर्क राशि में मौजूद होंगे जबकि 23 जुलाई 2023 को शुक्र सिंह राशि में वक्री हो जाएंगे। शेयर बाज़ार भविष्यवाणी कहती है कि सूर्य का कर्क राशि में जाना शेयर मार्केट के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस अवधि में शेयर बाज़ार में मंदी और तेज़ी दोनों ही देखने को मिल सकती हैं। जुलाई 2023 के लिए शेयर मार्केट भविष्यवाणी को विस्तारपूर्वक पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
जुलाई मासिक भविष्यवाणी 2023: 12 राशियों का राशिफल
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए यह महीना मिलाजुला रहने वाला है क्योंकि प्रमुख ग्रह बृहस्पति, राहु और केतु इस माह…..विस्तार से पढ़ें
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए यह महीना औसत रहेगा क्योंकि बृहस्पति चंद्र राशि के बारहवें भाव में राहु के साथ मौजूद है। इसके साथ ही, वक्री…..(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
इस महीने के दौरान मिथुन राशि के जातक को बेहतरीन परिणाम देखने को मिलेंगे। इस माह बृहस्पति तथा राहु ग्यारहवें भाव में…..(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
करियर, वित्त और स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्रों में आपको इस महीने औसत परिणाम प्राप्त होंगे। चंद्र राशि के दसवें भाव में बृहस्पति के गोचर के कारण जातकों को नौकरी में …..(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए यह महीना अनुकूल रहेगा। इस महीने बृहस्पति नौवें भाव में मौजूद हैं और चंद्र राशि पर दृष्टि डालते हैं, वहीं शनि सातवें भाव में हैं और यह भी …..(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
इस महीने के दौरान राहु दूसरे व केतु आठवें भाव में मौजूद है, जिसके चलते रिश्तों के लिहाज से यह माह आपके लिए ….(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
इस माह पहले भाव में राहु व सातवें भाव में केतु की मौजूदगी के चलते तुला राशि के जातक अपने भविष्य को लेकर असुरक्षा की भावना …..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
इस माह छठे भाव में राहु की मौजूदगी से इस राशि के जातक दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्प के साथ प्रयास को जारी रख सकेंगे और सभी चुनौतियों…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
आर्थिक विकास और करियर के क्षेत्र में यह महीना आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। दूसरे भाव के स्वामी के रूप में शनि तीसरे भाव में मौजूद है, जिसके परिणामस्वरूप…..(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
आर्थिक जीवन की बात करें तो मकर राशि के जातकों को मिले जुले परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इस माह शनि की स्थिति के परिणामस्वरूप धन प्रवाह…..(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को इस महीने करियर, आर्थिक, पारिवारिक और स्वास्थ्य इन सभी क्षेत्रों में मिले जुले परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। खासतौर से करियर व स्वास्थ्य पर …..(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
इस माह राहु, केतु और शनि तीनों प्रतिकूल स्थिति में मौजूद है, जिसके फलस्वरूप मीन राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य, करियर, प्रेम व वैवाहिक जीवन …...(विस्तार से पढ़ें)
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