जुलाई का पहला ग्रह गोचर जल्द, जानें इससे जुड़ी पांच खास बातें

जुलाई का महीना शुरू हो चुका है और इसी के साथ जुलाई महीने के पहले ग्रह गोचर पर सबकी निगाह टिकी हुई है। साल 2021 के जुलाई महीने के पहले सात दिनों के अंदर ही बुध ग्रह का गोचर होने जा रहा है। चूंकि ज्योतिष शास्त्र मानता है कि प्रत्येक गोचर का प्रभाव पूरी दुनिया के जीव-जंतुओं पर पड़ता है। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको जुलाई महीने के पहले गोचर से जुड़ी पांच खास बातें बताने जा रहे हैं।

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01 – कब हो रहा है बुध का गोचर?

साल 2021 के जुलाई महीने का पहला गोचर 07 तारीख को बुधवार की सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर बुध की स्वराशि मिथुन में होगा। बुध मिथुन राशि में 25 जुलाई 2021 को रविवार की सुबह 11 बजकर 31 मिनट तक बने रहेंगे। इसके बाद वे चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे।

ऐसे में आपके लिए यह जानना भी जरूरी हो गया है कि बुध ग्रह का गोचर इतना खास क्यों है। आइये अब आपको बुध ग्रह का वैदिक ज्योतिष में क्या महत्व है, इसकी भी जानकारी दे देते हैं।

02 – बुध ग्रह का वैदिक ज्योतिष में महत्व

वैदिक ज्योतिष में बुध को सभी नौ ग्रहों के बीच राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। बुध ग्रह वैदिक ज्योतिष में उन ग्रहों में शुमार है जिसकी गोचर अवधि काफी कम दिनों की होती है। अमूमन बुध का गोचर 14 से 15 दिनों का ही होता है। सभी बारह राशियों में बुध का आधिपत्य मिथुन और कन्या राशि पर है। वहीं सभी 27 नक्षत्रों के बीच बुध अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामी है। बुध कन्या राशि में उच्च का होता है जबकि मीन राशि में यह नीच हो जाता है। 

बुध शुभ ग्रहों यानी कि गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा के साथ युति करने पर सामान्य परिस्थिति में शुभ फल देता है। वहीं क्रूर ग्रह यानी कि शनि, मंगल, सूर्य, केतु और राहु के साथ युति करने पर नकारात्मक फल देता है। आइये अब आपको बता देते हैं कि यदि किसी जातक की कुंडली में बुध मजबूत स्थान पर विराजमान हो तो उसे क्या फल प्राप्त होते हैं।

03 – बुध यदि मजबूत हो तब

बुध यदि किसी जातक की कुंडली में मजबूत स्थिति में हो तो वह जातक एक अच्छा वक्ता होता है। ऐसे जातक की संवाद शैली सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। जातक गणित में अच्छा होता है। इसके अलावा वह कुशाग्र बुद्धि का होता है। ऐसे जातकों की तर्कशक्ति भी कमाल की होती है और ये हर विषय को तार्किक दृष्टि से ही देखते हैं। चूंकि बुध कुंडली में व्यापार का भी कारक होता है। ऐसे में जिस पर बुध की कृपा होती है वह जातक व्यापार में काफी सफलता हासिल करता है। संचार के क्षेत्र में भी ऐसे जातकों को सफलता मिलती है।

आइये अब जानते हैं कि यदि किसी जातक की कुंडली में बुध कमजोर स्थिति में हो तो उसके जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

04 – बुध यदि कमजोर हो तब

बुध यदि किसी जातक की कुंडली में कमजोर स्थिति में हो तो उस जातक को अपनी बात दूसरों को समझाने में समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातक शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहते हैं। खासकर इन्हें किसी भी विषय को समझने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कारोबार में हानि होती है और गणना करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही बुध यदि ज्यादा कमजोर स्थिति में हो तो जातकों को कई रोग जैसे कि नसों की समस्या, बहरापन, चर्म रोग आदि का सामना करना पड़ता है।

ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध कमजोर स्थिति में हो, उन्हें बुध शांति के उपाय करने चाहिए। आइये अब आपको वे उपाय बता देते हैं जिनकी मदद से बुध ग्रह को शांत किया जा सकता है।

05 – बुध शांति के उपाय

  • बुधवार के दिन व्रत रखें। नमक न खाएं। अनाज भी ग्रहण न करें। फलाहार पर रहें। ज्यादा समस्या होने पर सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं।
  • बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करें। उन्हें दूर्वा अर्पित करें। बुध के नकारात्मक प्रभाव से छुटकारा मिलेगा।
  • बुधवार के दिन हरे वस्त्र धारण करें। हरा रंग बुध देवता को बेहद प्रिय है। चूंकि बुधवार का दिन बुध देवता को समर्पित होता है। ऐसे में इस दिन हरे रंग का वस्त्र धारण करने से बुध देवता की आप पर विशेष कृपा होगी।
  • बुधवार के दिन गौ माता को हरी घास खिलाएं।
  • घर की स्त्रियों का सम्मान करें। बहनों से अच्छे संबंध बना कर रखें। 
  • हरी घास, साबुत मूंग, हाथी के दाँत से निर्मित वस्तु आदि का दान करने से भी बुध देवता बेहद प्रसन्न होते हैं।

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