बुध राहु युति 2023: 2 ग्रहों की युति से बनेगा अशुभ ‘जड़त्व योग’- 4 राशियों होंगी प्रभावित!

जड़त्व योग 2023: एक बार फिर ज्योतिष की दुनिया में होने वाली एक महत्वपूर्ण घटना के बारे में अपने रीडर्स को जानकारी देने के लिए हम आपके सामने यह खास ब्लॉग लेकर आएं हैं। जिससे आपको इस महत्वपूर्ण ज्योतिष्य घटना की जानकारी पहले से हो सके। यहाँ हम बात करेंगे अप्रैल के महीने में मेष राशि में बुध और राहु की युति से बनने वाली एक बेहद ही अशुभ ‘जड़त्व योग’ के बारे में।

Varta Astrologers

मेष राशि में बुध का गोचर 31 मार्च, 2023 को 02 बजकर 44 मिनट होगा। इस दौरान बुध और राहु की मेष राशि में युति होने से जड़त्व योग का निर्माण होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस योग का निर्माण कुंडली में होता है तो जातकों के जीवन में आर्थिक नुकसान, तंगी, मानसिक तनाव, आदि होने के योग बनने लगते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आज हम जानेंगे अप्रैल के महीने में मेष राशि में बनने वाले इस अशुभ योग का किन चार राशियों पर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

यहां हम जिन 4 राशियों के बारे में बात कर रहे हैं बुध या तो उनके शुभ भावों को पर शासन करता है या फिर मेष राशि इनके केंद्र या त्रिकोण भाव में होती है। 

क्या होता है जड़त्व योग और कैसे होता है इसका निर्माण? 

जड़त्व योग एक ही भाव में बुध और राहु की युति से बनता है। यह कुंडली में बुध से बनने वाला एक अशुभ योगा है जिससे जातकों को आर्थिक नुकसान, तंगहाली, मानसिक तनाव आदि झेलने पड़ सकते हैं। हालांकि यही योग जातकों को बुद्धि, विद्या का वरदान, और शानदार सोच, का वरदान देने के लिए भी जाना जाता है।

बुध ग्रह बुद्धि का ग्रह माना जाता है और राहु को भ्रम से जोड़कर देखा जाता है लेकिन यह दोनों ग्रह जब मिलते हैं तो ऐसे जातकों को नाम, प्रसिद्धि और सफलता प्राप्त करने में निश्चित तौर पर मदद मिलती है।  कई जाने-माने लेखक, अभिनेता, दार्शनिक आदि की कुंडली में बुध और राहु का यह संयोजन देखने को मिलता है। इसमें कहना गलत नहीं होगा कि कई बार नकारात्मक दोष भी कुंडली में किसी के लिए लाभ की वजह बन सकते हैं। बस जरूरी है कि वो ग्रह कुंडली में शुभ स्थान पर मौजूद हो। अशुभ योगों के बारे में सुनकर लोग डरने लगते हैं असल में वह दोष भी हमारे जीवन में सफलता की सीढ़ी बन सकते हैं। व्यक्ति चाहे तो कुंडली में मौजूद ग्रहों की उपस्थिति या नकारात्मक स्थिति को बदलकर उससे शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।

बृहत् कुंडली में छिपा है आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

जड़त्व योग का महत्व

बात करें जड़त्व योग के महत्व की तो ज्योतिष में राहु और बुध की युति व्यक्ति को असाधारण बोलने का कौशल, बुद्धिमता, विश्लेषणात्मक शक्ति, और कल्पना शक्ति प्रदान करने के लिए जानी जाती है। बुध और राहु की युति जातकों में हास्य भावना, अभिनय, रंगमंच, लेखन, कला, को बढ़ावा देती है। वहीं दूसरी तरफ इस युति के साथ जन्म लेने वाले जातकों के मन में आस्पष्ट विचार, नतीजे पर पहुंचने में मुश्किलें, और दिन में सपने देखने जैसी दिक्कतें हो सकती है। इसके अलावा इस युति के प्रभाव स्वरूप जातकों के जीवन में निरंतर उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है।

जड़त्व योग: 4 राशियों पर विशेष प्रभाव

मिथुन राशि: बुध ग्रह आपके लग्न और चतुर्थ भाव का स्वामी है और राहु और बुध की युति आपके 11वें भाव में होने जा रही है। इस युति के प्रभाव स्वरूप जातकों को अचानक से धन लाभ और आपके सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके अलावा इस अवधि में आपको सफलता भी हासिल होगी। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी तरह का सामाजिक या कार्यक्षेत्र से जुड़ा संबंध बनाते समय सावधान रहें। अन्यथा लोग आपको बहला कर आपको गलत रास्ते पर ले जा सकते हैं जिससे आपको नुकसान होने की आशंका बढ़ जाती है।

सिंह राशि: बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव पर शासन करता है और राहु और बुध की युति आपके नवम भाव में होने जा रही है। इस समय अवधि के दौरान आप धार्मिक गतिविधियों में कम शामिल होंगे और आप अपनी नॉर्मल दिनचर्या से भी खिन्न रहने वाले हैं। इस समय अवधि में यदि आप सावधान नहीं रहते हैं तो पिता और गुरुओं से आपके रिश्ते पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस समय अवधि के दौरान किसी भी लंबी दूरी की यात्रा करने से बचें अन्यथा आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है। यदि व्यापार करते हैं तो इस समय मेंकोई भी नया काम या फिर नया निवेश करना आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा। हालांकि इस राशि के जो जातक रिसर्च के क्षेत्र से जुड़े हैं या साइंटिस्ट हैं उन्हें अवश्य ही लाभ मिलेगा।

धनु राशि: बुध आपके सातवें और दशम भाव पर शासन करता है और राहु के साथ पंचम भाव में युति करेगा। ऐसे में यह समय लेखक और फिलॉस्फर्स लोगों के लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि जिन लोगों की कुंडली में बुध अशुभ ग्रहों के प्रभाव में मौजूद है इस अवधि में उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेष तौर पर यदि आप लेखन के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो मुमकिन है कि इस दौरान आप अपने काम पर ज्यादा ध्यान एकत्र ना कर पाए क्योंकि इस समय अवधि में आपके संतान का स्वास्थ्य आपके लिए परेशानी की वजह बन सकता है।

मीन राशि: बुध आपके चौथे और सातवें भाव पर शासन करता है और राहु के साथ दूसरे भाव में युति करने जा रहा है। ऐसे में इस समय अवधि के दौरान आप धन संचित करने में असफल हो सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि फालतू चीजों पर इस समय अवधि के दौरान खर्च करने से बचें। आपके जीवन में इस अवधि में आर्थिक तंगी बनी रहेगी। इसके अलावा परिवार के लोगों से अनबन होने की भी प्रबल आशंका बन रही है।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

जड़त्व योग के दुष्प्रभाव से बचाएंगे ये उपाय 

  • बुध बीज मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का 108 बार जप करें। 
  • किन्नरों को नीले रंग के वस्त्र दान करें। 
  • भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें। 
  • अपने घर या कार्यक्षेत्र पर बुद्ध यंत्र स्थापित करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *