इस वर्ष देशभर में 15 अगस्त को 73वां स्वतंत्रता दिवस जोर-शोर के साथ मनाया जाना है। क्योंकि 15 अगस्त ही वो दिन था जिस दिन भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। ऐसे में हर वर्ष ये पर्व देश के हर व्यक्ति के लिए बेहद ख़ास महत्व रखता है। इस विशेष दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले से देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके साथ-साथ 15 अगस्त को देशभर के स्कूलों से लेकर दफ्तरों में भी तिरंगा फहराकर इस पर्व को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। ऐसे में शायद ही आप जानते होंगे कि एक ऐसा भी मंदिर है जहाँ आज़ादी का ये जश्न 15 अगस्त को नहीं बल्कि उसके पहले ही मनाए जाने का विधान है।
पशुपतिनाथ मन्दिर में 31 जुलाई को मनाया गया आज़ादी का पर्व
दरअसल तीन दशक पुरानी एक परंपरा के चलते मध्यप्रदेश के मंदसौर शहर के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मन्दिर में हर वर्ष आज़ादी का पर्व मनाया जाता है, लेकिन आपको हैरानी होगी कि सालाना ये पर्व 15 अगस्त को नहीं बल्कि उससे पहले ही मना लिया जाता है। इस वर्ष भी जहाँ देश का हर व्यक्ति अभी से ही 15 अगस्त की तैयारी में लगा हुआ है वहीं इस मंदिर में ये पर्व 31 जुलाई, बुधवार को ही मना लिया गया।
हिन्दू पंचांग के आधार पर मनाया जाता है आज़ादी का पर्व
इसके पीछे का मुख्य कारण ये हैं कि इंदौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर मंदसौर में शिवना नदी के किनारे के इस प्राचीन मंदिर में स्वतंत्रता दिवस असल में हिन्दू पंचांग के आधार पर मनाए जाने का विधान है। जिस कारण ही इस वर्ष ये पर्व 31 जुलाई को ही मना लिया गया।
श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था देश आज़ाद
मंदिर प्रशासन की माने तो यहाँ ये अनूठी परंपरा आज से नहीं बल्कि तीन दशक से भी ज्यादा समय से ऐसे ही चली आ रही है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए पशुपतिनाथ मन्दिर के पुरोहितों और यजमानों की संस्था ज्योतिष एवं कर्मकांड परिषद के अध्यक्ष उमेश जोशी ने बताया कि “15 अगस्त 1947 को जब देश अंग्रेजी राज से आज़ाद हुआ, तब हिंदू पंचांग के मुताबिक श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी। लिहाजा भगवान शिव के मन्दिर में हर साल इसी तिथि के अनुसार ही विशेष पूजा-पाठ कर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।”
अध्यक्ष उमेश जोशी ने ये भी बताया कि, इस बार यह तिथि (श्रावण कृष्ण चतुर्दशी) 31 जुलाई (बुधवार) को पड़ी थी, लिहाजा हमने अपनी परंपरा के अनुसार पशुपतिनाथ मन्दिर में उसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया।
शिव पूजा के दौरान मंदिर में लगाए जाते हैं देशभक्ति के नारे
पशुपतिनाथ मन्दिर में हर वर्ष ये पर्व बेहद धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है। इसके लिए स्वतंत्रता दिवस पर विशेष तौर से भगवान शिव का विशेष शृंगार कर उनकी पूजा-आराधना किये जाने का विधान है। इस दौरान दूर्वा (पूजन में प्रयोग होने वाली खास तरह की घास) के जल से अष्टमुखी शिवलिंग का भव्य अभिषेक किया जाता है और इस पूरे दौरान भक्तगण देशभक्ति के नारे लगाते हुए देश की सुरक्षा हेतु भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की जाती है। मंदिर प्रशासन अनुसार मंदसौर के इस अनोखे पशुपतिनाथ मंदिर में श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की इस परंपरा की शुरुआत वर्ष 1985 से हुई थी जो आजतक ऐसे ही चली आ रही है।
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