आस्था का मामला है ज्योतिष: इनामुल हक़

निर्देशक अनीस बज्मी की हाल में रिलीज हुई फिल्म पागलपंती में यूं तो सितारों की भरमार है, लेकिन इन तमाम बड़े सितारों के बीच जिस शख्स ने अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीता- वो हैं इनामुल हक। इस फिल्म में इनामुल ने नीरव मोदी के किरदार को जीने की कोशिश की है। एक्टर इनामुल हक ने एयरलिफ्ट, लखनऊ सेंट्रल, जॉली एलएलबी, नक्काश जैसी कई फिल्मों से बॉलीवुड में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। इनामुल फिल्म पागलपंती को अपना मास सिनेमा डेब्यू मानते हैं। अपने स्ट्रगल को बेचकर नाम कमाने से इन्हें परहेज है। इनामुल अपने 20-25 साल के स्ट्रगल को जंग कहते हैं। साल 2009 में इनकी पहली फिल्म फिराक आई। इनामुल का मानना है कि जंग जीतने के क्रम में उन्होंने अबतक कुछ किले फतह किए हैं, झंडे गाड़ने अभी बाकी हैं।

दर्शकों को लेकर इनामुल की सोच

यूपी के सहारनपुर में जन्मे इनामुल अपने दर्शकों से न सिर्फ प्यार करते हैं बल्कि उन्हें इंटलिजेंट भी बताते हैं। बकौल इनामुल, आज ऑडियंस सिनेमा लिटरेट हो चुकी है, उन्हें बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। यही वजह है कि इनामुल अपने किरदार में दोहराव नहीं चाहते ताकि अपनी ऑडियंस के सामने हर बार कुछ नया और मजेदार पेश कर सकें।

ज्योतिष और बॉलीवुड का कनेक्शन

बॉलीवुड और ज्योतिष के गहरे कनेक्शन पर इनामुल करते हैं कि ये आस्था का मामला है। फिल्म पागलपंती भी ज्योतिष के इर्द-गिर्द घूमती है। शनि की साढ़ेसाती और उससे जुड़े भ्रम को मजाकिया अंदाज में परोसा गया है। ज्योतिष पर भरोसा है या नहीं पूछने पर इनामुल कहते हैं कि चीजें लकी होती हैं. जो ज्योतिष मानते हैं वो मानें दूसरों पर थोपें नहीं और जो नहीं मानते हैं वो ज्योतिष मानने वालों को कोसें नहीं। वो आगे कहते हैं कि बॉलीवुड ही नहीं हर जगह और हर काम में ईश्वर को याद किया जाना चाहिए।

क्या है इनामुल का मूलमंत्र

अपने फैन्स को फिल्म से परे निजी तौर पर संदेश के तौर पर इनामुल वही कहते हैं जो उनकी मां कहती हैं। ‘नीयत साफ, मंजिल आसान’. इसी मूलमंत्र पर इनामुल खुद भी चलते हैं और अपने चाहने वालों से उम्मीद करते हैं कि वो भी इस मूलमंत्र को अपनाए। फिल्म पागलपंती के बाद इनामुल हक को आप आने वाली वेब सीरीज ‘हंसमुख’ में देख पाएंगे।

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