हिन्दू धर्म के अनुसार भादो माह की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है। 6 सितंबर से शुरू होने वाले महालक्ष्मी व्रत 21 सितंबर तक चलेगा। बता दें कि इस व्रत की शुरुआत हमेशा राधा अष्टमी के दिन से ही होती है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार महालक्ष्मी व्रत विशेष रूप से लक्ष्मी माता को समर्पित माना जाता है। धन, वैभव और समृद्धि के लिए इस दौरान लोग व्रत रखते हैं। आज हम आपको महालक्ष्मी व्रत के विशेष महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इस व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के साथ ही इसके महत्व के बारे में।
हिन्दू धर्म में लक्ष्मी माता को विष्णु जी का पत्नी माना जाता है। इसके साथ ही उनकी पहचान धन की देवी के रूप में भी किया जाता है। लक्ष्मी माता को हर्षो उल्लास और विनोद की देवी माना जाता है। कहते हैं कि यदि इस व्रत को विधि पूर्वक श्रद्धा भाव से रखा जाय तो इससे लक्ष्मी माता का आशीर्वाद आपके जीवन पर बना रह सकता है। माना जाता है कि जीवन में धन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए यदि महालक्ष्मी व्रत रखा जाए तो इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है।
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महालक्ष्मी व्रत वास्तव में धन की समस्याओं से निजात पाने के लिए रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से विशेष रूप से धन से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को विधि विधान के साथ पूरे सोलह दिनों तक रखने का विधान है। हालाँकि यदि आप इस व्रत को 16 दिन के लिए नहीं रख सकते तो कम से कम महालक्ष्मी व्रत के दौरान किसी भी तीन दिन व्रत जरूर रखें। ऐसी मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत रखने से भगवान विष्णु की भी कृपा मिलती है। यदि आप सिर्फ तीन दिनों का व्रत रखते हैं तो आपको मुख्य रूप से पहले दिन, आठवें दिन और आखिरी दिन यानि की सोलहवें दिन व्रत रखना चाहिए।
महालक्ष्मी व्रत के दौरान इन बातों का रखें ख़ास ख्याल
आपको बता दें कि मुख्य रूप से महालक्ष्मी व्रत के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता आपको पड़ सकती है। ये व्रत आप भले ही कितने दिनों का भी रखें लेकिन इसे रखते हुए निम्नलिखित बातों का ध्यान जरूर रखें।
- इस व्रत के दौरान केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
- एक कलश में पानी भरकर उसमें पान और नारियल रखकर उसे पूजा स्थल पर रखें।
- इस व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना भी ख़ासा महत्वपूर्ण माना जाता है।
- महालक्ष्मी व्रत के दौरान लक्ष्मी माता की पूजा के लिए कमल के फूलों का प्रयोग जरूर करें।
- पूजन में फल फूल के साथ ही सोने चांदी के सिक्के भी रखें।
- इस व्रत के दौरान लक्ष्मी माता के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना की जानी चाहिए।
बहरहाल महालक्ष्मी व्रत रखे जाने के विशेष महत्व के बारे में अब आप जान चुके होंगें। इस दौरान व्रत रखकर आप भी अपनी धन से जुड़ी समस्याओं से निजात पा सकते हैं।