सूर्य ग्रहण जल्द: एक दशक के बाद लगने वाले कंकणाकृति सूर्य ग्रहण का विश्वव्यापी प्रभाव!

सूर्य ग्रहण 2023: इस साल यानी वर्ष 2023 में कुल 2 सूर्य ग्रहण घटित होने वाले हैं। ज्योतिष के अनुसार दोनों ही ग्रहण यानी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का काफी महत्व बताया गया है। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे वर्ष 2023 के पहले सूर्य ग्रहण के बारे में, इससे पड़ने वाले प्रभाव के बारे में, और साथ ही पहले सूर्य ग्रहण का विश्व पर क्या कुछ असर देखने को मिलेगा इस बारे में। इस वर्ष जो पहला सूर्यग्रहण घटित होगा उस दौरान सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में स्थित होगा जिसका स्वामी मंगल ग्रह को माना गया है।

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एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी प्रदान करेंगे। हमारी हमेशा से यही पहल रहती है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषय घटना की जानकारी समय से पहले हम अपने रीडर्स को दे सकें ताकि आप उनसे अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पहले ही अवगत रहें। 

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क्या होता है सूर्य ग्रहण?

सामान्य शब्दों में बात करें तो सूर्य ग्रहण एक ऐसी प्राकृतिक घटना को बोला गया है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है और इन प्राकृतिक कक्षीय में विचरण के परिणाम स्वरूप सूर्य का प्रकाश चंद्रमा द्वारा पूरी या फिर आंशिक रूप से रुक जाता है। इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के कुछ हिस्सों तक नहीं पहुंच पाता है और कुछ घंटों के लिए एक विशिष्ट समय अवधि के दौरान सूर्य ग्रहण का अनुभव किया जाता है।

हालांकि ग्रहण किस उदय राशि या फिर किस राशि में होने वाला है इसके आधार पर उसके परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि ग्रहण के दौरान छाया ग्रह ‘राहु’ भी सूर्य के साथ समान राशि में स्थित होकर सूर्य के सकारात्मक प्रभाव को कम करता है। ग्रहण से मानव जनजीवन में निश्चित बदलाव और बड़े परिवर्तन देखे जाते हैं। न केवल व्यक्तियों बल्कि दुनिया भर में होने वाली घटनाओं पर भी ग्रहण के प्रभाव महसूस किया जाता है। ग्रहण का यह समय परिवर्तन और व्यक्तिगत विकास के लिए एक शक्तिशाली समय माना गया है।

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सूर्य ग्रहण 2023: दिन और समय 

समय की बात करें तो, साल का पहला ग्रहण 20 अप्रैल, 2023 को सुबह 07 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक लगेगा। यह साल का पहला सूर्य ग्रहण है और हिंदू पंचांग के अनुसार यह वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लगेगा। दृश्यता की बात करें तो यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। हालांकि देश के जाने-माने ज्योतिषियों की राय है कि साल के पहले सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश के साथ-साथ दुनिया के कोने-कोने में देखने को मिलेगा। 

कंकणाकृति सूर्यग्रहण 2023 

साल का पहला सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्यग्रहण होने वाला है। स्वाभाविक है कि आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कंकणाकृति सूर्यग्रहण क्या होता है? तो चलिये आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कंकणाकृति सूर्यग्रहण एक प्रकार का मिश्रित ग्रहण है जो एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है और धीरे-धीरे कुल सूर्य ग्रहण में बदल जाता है और फिर वापस एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि अंतिम कंकणाकृति सूर्यग्रहण 2013 में लगा था।

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सूर्य ग्रहण 2023: दृश्यता 

साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण जो कि 20 अप्रैल, 2023 गुरुवार के दिन लगने जा रहा है यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में घटित होगा। मंगल ग्रह के स्वामित्व वाली मूल त्रिकोण राशि और सूर्य की उच्च राशि मेष और उससे जुड़ी अश्विनी नक्षत्र में राहु के प्रभाव भी होंगे। इसके साथ ही शनि अपनी तीसरी दृष्टि से सूर्य पर दृष्टि डालेगा क्योंकि यह अपनी ही राशि कुम्भ राशि में गोचर करेगा। 

नीचे दी गयी सूची में जाने की साल का पहला सूर्य ग्रहण किन किन जगहों पर नजर आने वाला है: कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, तिमोर, न्यूज़ीलैंड।

नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया सूर्य ग्रहण का समय भारतीय समयानुसार है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य मान नहीं होगा इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं होगा और ना ही इसका सूतक काल प्रभावी होगा।

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सूर्य ग्रहण 2023: सूतक काल 

इस साल का पहला ग्रहण यानी सूर्य ग्रहण 20, अप्रैल 2023 को पड़ रहा है। बात करें सूतक काल की तो आमतौर पर सूतक सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है। दरअसल सूतक काल उस अशुभ समय को कहा गया है जिस दौरान कई शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इसके अलावा कई नियम और काम भी बताए गए हैं जिन्हें आपको सूतक काल के दौरान अवश्य अपनाना चाहिए। खासकर अगर आपके घर में बुजुर्ग लोग, छोटे बच्चे या गर्भवती महिला है तो। 

सूतक काल की सम्पूर्ण जानकारी, उसके दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी और इस दौरान किए जाने वाले काम का दिशानिर्देश जानने के लिए एस्ट्रोसेज के साथ बने रहें। हम इससे संबंधित ब्लॉग लेकर जल्द आपके सामने पेश होंगे।

सूर्य ग्रहण देश-दुनिया पर प्रभाव 

  • साल के पहले सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु दोनों अश्विनी नक्षत्र में होंगे इसलिए अश्विनी नक्षत्र द्वारा शासित जातकों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इस दौरान आप कमजोरी, सुस्ती या अपने जीवन में ऊर्जा की कमी महसूस कर सकते हैं। 
  • सूर्य ग्रह आंखों का कारक है। ऐसे में विशेष रुप से मेष राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान या इसके आसपास आंखों से संबंधित परेशानी हो सकती है। 
  • इसके अलावा इस ग्रहण के प्रभाव स्वरूप देश के कई बड़े शहरों में कुछ हिंसक घटनाएं देखने को मिल सकती है। साथ ही कई राज्य किसी ना किसी तरह के संक्रमण से पीड़ित नजर आ सकते हैं। 
  • ग्रहण के प्रभाव स्वरूप विभिन्न प्रकार के बुखार, एलर्जी, और वायु जनक विषाणुओं में वृद्धि होने की प्रबल आशंका बन रही है। 
  • इस ग्रहण के समय राशिफल को देखें तो उदय राशि और राशि दोनों ही मेष राशि होगी क्योंकि चंद्रमा भी मेष राशि में ही गोचर करेगा। ऐसे में मुमकिन है कि ग्रहण के समय लोग अवसाद और चिंता, परेशानी आदि से घिर सकते हैं। 
  • हमारे देश की सरकार और दुनियाभर की प्रमुख सरकारों को अपने नेताओं की कुंडली के आधार पर छोटी या बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि सूर्य को सरकार का कारक माना गया है। 
  • सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य मेष राशि में होगा और इसका स्वामी मंगल ग्रह है इसीलिए मुमकिन है कि इस दौरान देश और दुनिया में आग से संबंधित कुछ दुर्घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। 
  • राहु के साथ मंगल की मूलत्रिकोण राशि में सूर्य की उपस्थिति कुछ ऐसे देशों में युद्ध की गतिविधियों को गति दे सकती है जो पहले से ही युद्धग्रस्त हैं।
  • चूंकि ग्रहण के समय सूर्य और राहु मेष राशि में रहेंगे ऐसे में इस दौरान कुम्भ राशि में गोचर कर रहे शनि की दृष्टि मेष राशि पर पड़ने से देश के उत्तरपूर्वी राज्यों में सूर्य का तापमान बढ़ सकता है।
  • इस सूर्य ग्रहण का असर के रूप में आवश्यक वस्तुओं जैसे किराना और अन्य घरेलू सामानों की कीमतों में बढ़ सकता है। महंगे आइटम जैसे सोने के गहने और धातु से बनी अन्य सभी वस्तुएं जैसे पीतल आदि, जिनकी कीमत पहले से ही बहुत अधिक है, में और तेजी आ सकती है।

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