वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत ग्रहण को विशेष मान्यता दी गई है। यदि वह सूर्यग्रहण हो तो उसका महत्व और भी ज्यादा हो जाता है क्योंकि सूर्य को जगत का कारक, जगत का पिता और जगत की आत्मा भी माना जाता है। इस प्रकार सूर्य पर ग्रहण लगना जगत के प्रकाश जगत की ऊर्जा पर ग्रहण लगने के समान है और इसका प्रभाव समस्त प्राणी मात्र पर पड़ना स्वाभाविक ही है।
ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि वर्ष 2022 में प्रथम सूर्य ग्रहण कब लगेगा, उसका समय क्या होगा, कहां कहां दिखाई देगा और उस ग्रहण का प्रभाव आपकी राशि पर क्या दिखाई देगा, यह सब कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
2022 का पहला सूर्य ग्रहण
यदि पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण की बात की जाए तो वर्ष 2022 का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 30 अप्रैल, 2022 की रात्रि (1 मई 2022 की प्रातः) 00:15:19 से शुरू होकर प्रातः काल 04:07:56 बजे तक रहेगा। अप्रैल के महीने में लगने वाला यह सूर्य ग्रहण 2022 आंशिक सूर्यग्रहण होगा।
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ज्योतिष के अनुसार यह सूर्य ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में घटित होगा। इसके परिणाम स्वरूप मेष राशि और भरणी नक्षत्र से संबंधित जातकों के लिए विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा और ऐसे जातकों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यह वर्ष 2022 का पहला सूर्य ग्रहण होगा।
30 अप्रैल घटित होने वाला सूर्य ग्रहण कहां कहां दिखाई देगा
यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के अतिरिक्त अटलांटिक क्षेत्र, प्रशांत महासागर और दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए भारत में इस सूर्य ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण का सूतक
30 अप्रैल 2022 को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक एक दिन ग्रहण प्रारम्भ होने से तेल 12 घंटे पूर्व से ही प्रारंभ हो जाएगा और ग्रहण की समाप्ति के साथ ही समाप्त होगा। इसलिए इसी समय से सूतक संबंधित सभी नियम प्रभावी होंगे और यदि आप बालक, वृद्ध अथवा रोगी नहीं हैं, तो भोजन और शयन आदि कार्य सूतक के दौरान नहीं करना चाहिए और इस समय को भगवान की भक्ति में लगाना चाहिए।
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ग्रहण और गर्भवती महिलाएं
जिन – जिन क्षेत्रों में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, वहां पर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण समय विशेष रूप से ध्यान में रखना चाहिए और ग्रहण काल में बरती जाने वाली सावधानियों पर पूरा ध्यान देना चाहिए और जहां तक संभव हो, इन सभी सावधानियों पर ध्यान देते हुए ही जीवन यापन करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि यदि इस दौरान सावधानी न बरती जाए तो इसका दुष्प्रभाव गर्भवती के संतान पर पड़ता है इसलिए कुछ विशेष कार्य होते हैं, जिन्हें सूर्य ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए। इन विशेष कार्यों में सिलाई, कढ़ाई, काटना, बुनना, सिलना, आदि नहीं करने चाहिए और इस दौरान घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए। जहां तक संभव हो, इस दौरान धार्मिक पुस्तकों का पाठ करना चाहिए और शयन करने से भी बचना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें क्या ना करें
सूर्य ग्रहण के दौरान एक ऐसे कार्य होते हैं, जिन्हें नहीं करना चाहिए जबकि कुछ शुभ कार्यों के लिए यह समय बहुत अच्छा होता है। अब आइए जानते हैं कुछ विशेष बातें जो सूर्य ग्रहण से जुड़ी हैं:
अन्नं पक्वमिह त्याज्यं स्नानं सवसनं ग्रहे।
वारितक्रारनालादि तिलैदम्भौर्न दुष्यते।।
—(मन्वर्थ मुक्तावली)
सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान सूर्य की पूजा विभिन्न सूर्य स्रोतों के द्वारा करनी चाहिए तथा आदित्य हृदय स्तोत्र आदि का पाठ करना काफी अच्छा परिणाम देता है। पका हुआ अन्न और कटी हुई सब्जियों का त्याग कर देना चाहिए क्योंकि वे दूषित हो जाती हैं। हालांकि घी,तेल, दही, दूध, दही, मक्खन, पनीर, अचार, चटनी, मुरब्बा जैसी चीजों में कुशा रख देने से ग्रहण काल में दूषित नहीं होते हैं। यदि कोई सूखा खाद्य पदार्थ है तो उसमें कुशा रखने की आवश्यकता नहीं होती।
स्पर्शे स्नानं जपं कुर्यान्मध्ये होमं सुरार्चनम।
मुच्यमाने सदा दानं विमुक्तौ स्नानमाचरेत।।
— (ज्ये. नि.)
अर्थात ग्रहण काल के प्रारंभ में स्नान और जप करना चाहिए तथा ग्रहण के मध्य काल में होम अर्थात यज्ञ और देव पूजा करना उत्तम रहता है। ग्रहण के मोक्ष होने के समय दान करना चाहिए तथा पूर्ण रूप से ग्रहण का मोक्ष होने पर स्नान करके स्वयं को पवित्र करना चाहिए।
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चन्द्रग्रहे तथा रात्रौ स्नानं दानं प्रशस्यते।
चाहे चंद्र ग्रहण हो अथवा सूर्य ग्रहण रात्रि के समय दौरान स्नान दान करना प्रशस्त माना गया है।
सूर्य ग्रहण का राशिफल
यह सूर्य ग्रहण मेष राशि के अंतर्गत भरणी नक्षत्र में घटित हो रहा है इसलिए विशेष रूप से मेष राशि के लिए अधिक प्रभावशाली रहेगा और उन्हें जातकों को, जो मेष राशि से संबंध रखते हैं, उन्हें विशेष रूप से सावधानी बरतनी होगी। सूर्य ग्रहण का राशिफल यह जानने में मदद करेगा कि यह सूर्य ग्रहण विभिन्न राशियों के लिए कैसा रहने वाला है:
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण प्रथम भाव में पड़ेगा जिसके कारण आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। वाहन चलाते समय सावधानी रखें क्योंकि किसी प्रकार की शारीरिक दुर्घटना हो सकती है। मानसिक तनाव आपके ऊपर हावी रहेगा। इससे बचने के लिए प्रतिदिन ध्यान अथवा प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए। अपने शरीर पर खास तौर से ध्यान दें क्योंकि शारीरिक समस्या होने के योग सबसे ज्यादा रहेंगे।
वृषभ राशि
आपकी राशि से बारहवें भाव में सूर्य ग्रहण आकार लेगा जिसकी वजह से आर्थिक तौर पर यह समय उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। आपको धार्मिक क्रियाकलापों पर खर्च करने का अवसर मिलेगा और आपका मन भी करेगा कि उन पर खर्च करें। इससे धन का व्यय जरूर होगा लेकिन गलत कार्यों पर नहीं अपितु अच्छे कार्यों पर। अवांछित यात्रा करने के योग बनेंगे। यात्रा पर जाने से पूर्व आपको तैयारी रखनी चाहिए ताकि किसी तरह की असुविधा से बचा जा सके। शारीरिक समस्या से बचने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना आवश्यक होगा।
मिथुन राशि
आपकी राशि से एकादश भाव में इस ग्रहण का प्रभाव होने के कारण आपके लिए यह समय उन्नति दायक साबित होगा। आपको आर्थिक लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे। जो इच्छाएं लंबे समय से अटकी हुई थीं, वे पूरी होंगी जिससे आपका मन भी खुश होगा और आप अपने मित्रों के साथ इस समय का पूरा आनंद लेंगे। आर्थिक तौर पर यह समय आपको उपलब्धि दिलाएगा। आप की महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी। इसके साथ ही धन का निवेश भी लाभदायक साबित होगा। निजी संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी।
कर्क राशि
आपकी राशि से दशम भाव में सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहेगा जिसके कारण आपके लिए यह समय अच्छा रहने वाला है। व्यापारिक समझौतों में आपको लाभ होगा। कुछ नए लोगों से मुलाकात होगी जो आपके व्यवसायिक संबंधों को मजबूत बनाएगी। नौकरी करने वाले लोगों के लिए यह समय अच्छा रहेगा। आपको अपनी मेहनत का फल मिलेगा और आप का प्रदर्शन कामयाबी हासिल करेगा।
सिंह राशि
आपकी राशि से नवम भाव में ग्रहण का प्रभाव होने के कारण पिता के स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। उनके साथ आपके संबंध बिगड़ सकते हैं इसलिए आप थोड़ा सा ध्यान रखें। मानहानि होने की संभावना भी बन सकती है इसलिए कहीं पर भी जाएं, सोच समझ कर ही बातचीत करें और व्यवहार भी संतुलित रखें। भाग्य में कुछ कमी रहेगी जिससे बनते हुए कार्य बिगड़ सकते हैं। संतान से संबंधित समस्याएं भी आप को चिंतित कर सकती हैं। बेवजह की चिंताओं से दूर रहना हितकर होगा।
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कन्या राशि
सूर्य ग्रहण आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा जिसकी वजह से आपको शारीरिक समस्याओं के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि इस दौरान शारीरिक कष्ट हो सकते हैं। मानसिक तनाव के साथ किसी तरह की दुर्घटना भी हो सकती है इसलिए थोड़ी सावधानी रखें। इस दौरान सेहत का ध्यान तो रखें ही। यदि आप आध्यात्मिक गतिविधियों में रुझान बढ़ाएंगे तो यह समय आपको बहुत लाभ देगा। आपके भौतिक सुखों में कुछ कमी आएगी और पारिवारिक सदस्यों की चिंता परेशान कर सकती है।
तुला राशि
आपकी राशि से सप्तम भाव में सूर्य ग्रहण का प्रभाव होगा जिसकी वजह से दांपत्य जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति बढ़ेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और आपको उनको लेकर डॉक्टर के यहां जाना पड़ सकता है। व्यवसायिक साझेदारी के लिए यह समय थोड़ा सा कमजोर रहेगा। आपके साझेदार से संबंध बनते बिगड़ते रह सकते हैं। इस दौरान दांपत्य जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। कोई भी नया निवेश सोच समझ कर करना ही बेहतर होगा, नहीं तो लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है। अपने भाई बहनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जीवन साथी को मनाने की कोशिश करें क्योंकि यदि वे रूठे हैं तो इस दौरान आपके कार्य में भी विलंब होगा।
वृश्चिक राशि
आपकी राशि से छठे भाव में सूर्य ग्रहण का प्रभाव होगा जिसकी वजह से इस दौरान आपको अच्छे फलों की प्राप्ति के योग बनेंगे। यदि आप नौकरी की तलाश में हैं और अभी वर्तमान समय में बेरोजगार हैं तो एक अच्छी नौकरी मिल सकती है। पहले से नौकरी कर रहे हैं और अपनी नौकरी बदलना चाहते हैं तो नौकरी बदलने में भी कामयाबी मिल सकती है। इस दौरान आपके कार्यों में कमी आएगी। आप कर्ज चुकाने में सफल रहेंगे। आपके विरोधी शांत हो जाएंगे और आप उन पर विजय प्राप्त करेंगे। यह समय खर्चे बढ़ाएगा और कुछ मानसिक तनाव देगा लेकिन इसके बावजूद जीवन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आपको लाभ होगा।
धनु राशि
आपकी राशि से पंचम भाव में यह ग्रहण आकार लेगा जिसके परिणाम स्वरूप संतान को लेकर आप काफी चिंतित रहेंगे। उनका स्वास्थ्य और उनकी संगति आपके लिए चिंता का विशेष कारण बनेगी। आपको धन प्राप्ति के लिए काफी ज्यादा कोशिश करनी पड़ेगी। अत्यधिक प्रयास के बाद ही आपको सफलता मिलेगी। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और उदर रोगों के प्रति सतर्कता बरतें। इस दौरान मान सम्मान को लेकर किसी पर छींटाकशी न करें, नहीं तो वह आपकी मानहानि का कारण बन सकती है।
मकर राशि
आपकी राशि से चतुर्थ भाव में सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहने का कारण पारिवारिक सुख में कमी होने की संभावना बढ़ेगी। इस दौरान आपके संबंध आपकी मां जी से बिगड़ सकते हैं या आपकी मां जी को कोई स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है। आपको पारिवारिक सुख में कमी महसूस होगी। घरेलू खर्चों में बढ़ोतरी होगी। आप मानसिक रूप से कुछ अस्थिरता महसूस कर सकते हैं। प्रॉपर्टी को लेकर कुछ तनाव हो सकता है और घर में सुख शांति में कमी रहेगी
कुम्भ राशि
यह सूरज ग्रहण आपकी राशि से तीसरे भाव में आकार लेगा जिसकी वजह से आपके पारिवारिक सदस्यों, खासतौर से आपके भाई बहनों को कुछ समस्याओं से पीड़ित होने की संभावना बनेगी। उनको अपने कार्यों में भी विलंब और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। आपकी भी रिस्क लेने की प्रवृत्ति में कमी आएगी। दोस्तों से संबंध बिगड़ सकते हैं। हालांकि दूसरी तरफ आपको धन प्राप्ति के योग बनेंगे। सरकारी क्षेत्र से भी लाभ हो सकता है। विदेशी माध्यमों से आमदनी प्राप्त होने से आपकी खुशी बढ़ेगी। मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले लोगों के लिए ग्रहण का प्रभाव अच्छा रहेगा और उन्हें तरक्की मिलेगी।
मीन राशि
सूर्य ग्रहण आपकी राशि से द्वितीय भाव में होगा जिसकी वजह से आपके कुटुंब को लेकर कुछ समस्याएं सामने आएंगी। कुटुंब के सदस्यों का विवाद बढ़ सकता है जिससे आपके सामने भी समस्या आ सकती है। आर्थिक रूप से यह समय थोड़ा कमजोर रहेगा। हल्की-फुल्की क्षति होने के योग बनेंगे। धन संचय करने में समस्या होगी। वाणी की कठोरता से बनते हुए कार्य बिगड़ सकते हैं और आपके अपने आप से रूठ सकते हैं। इन सभी पर ध्यान दें और खानपान पर विशेष नियंत्रण रखें।
सूर्य ग्रहण के उपाय
आमतौर पर सूर्य ग्रहण का असर लगभग 6 महीने तक प्रभावी रहता है। कुछ ऐसे उपाय हैं, जिन्हें यदि आप अपनाते हैं और पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ उन उपायों को संपादित करते हैं तो सूर्य ग्रहण द्वारा जनित अनेक प्रकार की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। ये उपाय निम्नलिखित हैं:
- मेष राशि अथवा भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को विशेष रूप से सूर्य और मंगल ग्रहों का मंत्र जाप करना चाहिए।
- श्वेतार्क वृक्ष को लगाएं और नियमित रूप से उसको जल देकर पोषित करें।
- इसके अतिरिक्त आप ग्रहण काल में दान कर सकते हैं तो इसका प्रभाव विशेष रूप से आपको ही प्राप्त होगा।
- यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ फलदायक है तो आपको सूर्य अष्टक स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- स्मृति निर्णय के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव का मंत्र जाप करना सर्वाधिक फलदायी माना जाता है।
- नियमित रूप से अपने पिताजी की सेवा करें और हृदय से उनको सम्मान दें।
- ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
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