होली विशेष: 18 मार्च को है रंगों का त्यौहार, जानें इस दिन का अपना लकी अंक और रंग

होली हिन्दुओं का सबसे प्रचिलित और मशहूर त्यौहार है। आज के समय में रंगों का यह त्यौहार केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बेहद ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिन्दुओं का यह प्रमुख त्यौहार प्राचीन काल से वसंत ऋतु के स्वागत के रूप में मनाया जा रहा है, और यह जीवन में नई चीज़ों और नई शुरुआत का प्रतीक माना गया है।

होली का यह शुभ और पावन त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। फाल्गुन मास में होने वाले एक और महत्वपूर्ण व्रत-त्यौहार की बात करें तो वो है फाल्गुन पूर्णिमा व्रत। हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है, जिससे इस त्योहार का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

एस्ट्रोसेज के इस होली विशेष ब्लॉग में हम जानेंगे होली और फाल्गुन पूर्णिमा व्रत के महत्व के बारे में, साथ ही जानेंगे ये दोनों महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार को किस-किस तरीके से देशभर में मनाया जाता है और साथ ही जानेंगे इस वर्ष के लिए इन दोनों ही महत्वपूर्ण व्रत-त्योहारों का शुभ मुहूर्त क्या है। इसके अलावा इस दिन का अपना लकी रंग और राशिनुसार उपायों की संपूर्ण जानकारी जानने के लिए आप इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

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होली 2022: महत्व और ज्योतिषीय महत्व

रंगों का त्योहार होली देश और दुनिया भर में बड़े ही उत्साह और मस्ती के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और उन्हें रंग लगाते हैं। माना जाता है पुरानी दुश्मनी को दूर करने के लिए इससे बेहतर कोई दिन हो ही नहीं सकता है। इस दिन को अलग-अलग जगहों पर लोग अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं। इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं, लोग जिसे अपने रिश्तेदारों और प्रियजनों के साथ खाते हैं, रंगों से खेलते हैं, संगीत बजाते हैं और उसपर नृत्य करके इस दिन का खुलकर लुफ्त उठाते हैं।

होली का त्यौहार दो दिनों तक मनाया जाता है। पहला दिन होलिका दहन के नाम से जाना जाता है जिसे, विष्णु भक्त प्रहलाद की राक्षस राजा हिरण्यकश्यप की बहन होलिका पर जीत के उपलक्ष्य के तौर पर मनाया जाता है। होलिका दहन के दिन सूर्यास्त के समय या बाद में होलिका की चिता जलाई जाती है और इसे बुराई का अंत माना जाता है। इसके बाद अगले दिन को धुलंडी के नाम से जाना जाता है। जिस दिन रंगों पानी और गुलाल के साथ लोग उत्साह से होली का त्यौहार मनाते हैं और स्वादिष्ट और विशेष व्यंजनों का आनंद लेते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बात करें तो होली के दिन चंद्रमा और सूर्य आकाश में एक दूसरे के एकदम विपरीत छोर पर स्थित होते हैं। इन दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रहों का यह स्थान बेहद ही शुभ माना जाता है। जहां सूर्य कुंभ राशि और मीन राशि में होता है वहीं चंद्रमा सिंह और कन्या राशि में स्थित होता है।

इसके अलावा वास्तु शास्त्र के जानकारों का यह भी मानना है कि, यह अवधि घर, वाहन या संपत्ति के लिए वास्तु पूजा कराने के लिए बेहद ही शुभ होती है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करती है और हमारे जीवन में बुरी नजर से सुरक्षा प्रदान करती है और आपके सभी स्वास्थ्य परेशानियों को होलिका दहन की अग्नि में जलाकर अच्छे स्वास्थ्य का वरदान देती है। इस दिन बहुत से लोग पवन देवता की पूजा करने के लिए और उनका आभार प्रकट करने के लिए पतंग भी उड़ाते हैं।

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होली 2022: शुभ मुहूर्त

जैसा की हमनें पहले भी बताया कि होली का यह त्यौहार दो दिनों तक मनाया जाता है। होली 2022 का पहला दिन होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च, 2022 को मनाया जाएगा और इसके बाद अगले दिन यानी 18 मार्च, 2022 को रंगों वाली होली खेली जाएगी।

होलिका दहन मुहूर्त

होलिका दहन मुहूर्त: 21:20:55 से 22:31:09 तक

अवधि: 1 घंटे 10 मिनट

भद्रा पुँछा: 21:20:55 से 22:31:09 तक

भद्रा मुखा: 22:31:09 से 00:28:13 तक

होली 18, मार्च को

अधिक जानकारी: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है यदि आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें

होली के त्यौहार को बहुत सी जगहों पर धुलेंडी या धुली के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष होली 18 मार्च, 2022 को मनाई जाएगी।

फाल्गुन पूर्णिमा व्रत 2022: महत्वपूर्ण मुहूर्त और अनुष्ठान

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष के दिन मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह आखिरी पूर्णिमा तिथि होती है और ऐसे में इस दिन रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है। बहुत सी जगहों पर भक्त इस दिन को लक्ष्मी जयंती के रूप में भी मनाते हैं। हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी का दर्जा प्राप्त है। 

मान्यता है कि जो भक्त फाल्गुन पूर्णिमा के दिन व्रत उपवास पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ रखते हैं और चंद्रमा की पूजा करते हैं उन्हें भगवान का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। इसके अलावा ऐसे जातकों को अपने वर्तमान और भूत काल के सभी पापों से भी छुटकारा मिल जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा व्रत 2022: शुभ मुहूर्त

फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत इस वर्ष 17 और 18 मार्च 2022 को किया जाएगा। इस बात का ध्यान दें कि जिन क्षेत्रिय स्थानों पर लोग चंद्रमा को अर्ग्य देते हैं और पूजा करते हैं वहां 17 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा उपवास किया जाएगा और जहां पर पूजा के लिए सूर्य उदय को महत्व दिया जाता है वहां फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत इस वर्ष 18 मार्च को किया जाएगा।

फाल्गुन पूर्णिमा व्रत मुहूर्त

मार्च 17, 2022 को 13:32:39 से पूर्णिमा आरम्भ

मार्च 18, 2022 को 12:49:54 पर पूर्णिमा समाप्त

अधिक जानकारी: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है यदि आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें

फाल्गुन पूर्णिमा 2022: पूजन अनुष्ठान

  • फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भक्तों को जल्दी उठना चाहिए और पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए क्योंकि इसे बेहद ही शुभ माना गया है। हालांकि यदि किसी भी कारणवश आप पवित्र नदी में जाकर इस दिन स्नान नहीं कर सकते हैं तो इस दिन अपने स्नान के पानी में ही कुछ बूंदे गंगाजल की मिलाकर घर पर ही उससे स्नान करने के बाद भक्तों को घर पर ही या मंदिर जाकर भगवान विष्णु की पूजा का विधान बताया गया है। 
  • विष्णु पूजा के बाद सत्यनारायण की कथा का पाठ करें। 
  • इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। 
  • इस दिन की पूजा में ‘गायत्री मंत्र’ और ‘ॐ नमो नारायण’ इन 2 मंत्रों का लगातार 108 बार जप करना विशेष फलदाई माना गया है। 
  • इसके अलावा इस दिन ज़रूरतमंद लोगों को अपनी क्षमता के अनुसार भोजन कपड़े और धान का दान करें। ऐसा करने से व्यक्ति का सोया भाग्य जाता है और जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।

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राशि अनुसार इस तरह से मनाएं होली: जीवन में साल भर बने रहेंगे खुशियों के रंग 

मेष राशि: उत्सव के पंचम भाव में चंद्रमा की स्थिति होने के कारण और नक्षत्र स्वामी शुक्र (आनंद का ग्रह) मंगल के साथ स्थित होने के कारण होली के रंगारंग कार्यक्रमों का कार्यभार मेष राशि के जातक स्वयं ही करना चाहेंगे और इस दिन मेष राशि के जातकों के अंदर एक अलग ही उत्साह और जोश देखने को मिलेगा। इस राशि के जातक होली को खुलकर जीने के लिए अपना ग्रुप बना सकते हैं और इस दिन का आनंद लेने के लिए आप इसका नेतृत्व भी खुद ही करना चाहेंगे।

वृषभ राशि:  पंचम भाव का स्वामी बुध दशम भाव में बृहस्पति के साथ शनि द्वारा शासित राशि में स्थित होने के कारण (जो देरी को दर्शाता है) मुमकिन है कि वृषभ राशि के जातक होली के दिन छुट्टी ले सकते हैं और आप अपना उत्सव थोड़ी देरी से शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा इस राशि के जातक सभी खुशनुमा और जीवन तरंगों का उपयोग करते हुए इस दिन होली खेलेंगे और अपने घर पर आप बहुत से लोगों को आमंत्रित भी कर सकते हैं। विशेष तौर पर विपरीत लिंग के लोगों को जिनके साथ आप खुलकर इस दिन का आनंद उठाएंगे।

मिथुन राशि: पंचम भाव का स्वामी शुक्र अष्टम भाव में आक्रामक मंगल और शनि के साथ स्थित होने के कारण मिथुन राशि के जातकों के पास एक से अधिक पर होली खेलने का अवसर प्राप्त हो सकता है। क्योंकि आमतौर पर देखा गया है कि इस राशि के जातकों के ढेर सारे दोस्त होते हैं। रंग बिरंगे रंगों के गुलालों का चयन लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में मददगार साबित होगा इस दिन को और भी यादगार बनाने के लिए आप पहले से ही इसकी तैयारी कर सकते हैं। आपके साथ साथ अन्य लोग भी इस दिन का आनंद उठाएंगे।

कर्क राशि: पंचम भाव का स्वामी मंगल, शुक्र और शनि के साथ मित्रता के सप्तम भाव में स्थित होने के कारण कर्क राशि के जातक अपने मित्रों और परिवार के लिए पहले से ही सब कुछ योजना बना लेंगे और सभी को घर पर आमंत्रित करेंगे। आपको ज्यादातर पानी से होली खेलना पसंद होता है। ऐसे में आप इस दौरान पानी के गुब्बारे और पानी के साथ ज्यादा नजर आने वाले हैं। इस दिन आप अच्छी मेजबानी करेंगे और स्वादिष्ट भोजन और यादगार पार्टी के माध्यम से लोगों को लुभाने में कामयाब रहने वाले हैं।

सिंह राशि: पंचम भाव का स्वामी गुरु सप्तम भाव में मित्रता और साझेदारी के सप्तम भाव में स्थित होने के कारण दोहरे ग्रह बुध के साथ सिंह राशि के जातक दिन के लिए एक से अधिक निमंत्रण होने के बावजूद किसी भी पार्टी में जाने से पहले चिंतन करेंगे और मुमकिन है कि अंत में आप कहीं भी नहीं जाएंगे। हालाँकि आप इस दिन का आनंद लेने के लिए अकेले किसी थिएटर में जाकर मूवी देख सकते हैं। अगर आप होली खेलने किसी पार्टी में भी जाने की योजना बनाएंगे तो मुमकिन है कि आप सबसे पहले उस पार्टी से बाहर आ भी जाए।

कन्या राशि: पंचम भाव का स्वामी शनि पंचम भाव में ही मौजूद होने के कारण, कन्या राशि के जातक इस होली पर सभी घटनाओं और पीआर गतिविधियों को संभालने वाले होंगे। क्योंकि आप एक अच्छे योजनाकार होते हैं। इस दिन आप अपने किसी पुराने दोस्त से मिलेंगे। आप रंगों से खेलते समय खुद भी सावधान रहेंगे और इस बात को भी सुनिश्चित करेंगे कि आपके आसपास मौजूद अन्य लोग भी सावधान और सतर्क रहें।

तुला राशि: पंचम भाव का स्वामी शनि सप्तम भाव के स्वामी मंगल और शुक्र के साथ चतुर्थ भाव में स्थित होगा। इसलिए भले ही तुला राशि के जातक सभी के साथ अच्छी तरह से मिल जाते हैं, फिर भी उन्हें इस विशेष दिन को मनाने के लिए अपने करीबी दोस्तों की आवश्यकता होगी। वे जमकर मस्ती करते और पार्टी का भरपूर आनंद लेते नजर आएंगे। इस दिन आप बॉलीवुड संगीत को पीछे छोड़ कर ढ़ोल की तान पर भी थिरकते नज़र आ सकते हैं।

वृश्चिक राशि: पंचम भाव का स्वामी गुरु अष्टम भाव के स्वामी बुध के साथ चतुर्थ भाव में स्थित होने के कारण वृश्चिक राशि के जातकों को इस दिन की शुरुआत करने के लिए आपको अपने दोस्तों से उचित ऊर्जा और जोश प्राप्त होगा। लेकिन एक बार आप पार्टी शुरू कर देंगे तो आप को रोकना नामुमकिन हो सकता है। इस राशि के जातक आम तौर पर मूडी स्वभाव के होते हैं। ऐसे में इस दिन आपका मूड ही निर्धारित करेगा कि इस दिन आप मैदान में उतरकर होली खेलेंगे या दूर बैठकर ही रंगों का नजारा लेंगे।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों को शनि के साथ दूसरे घर में मौजूद पंचम भाव का स्वामी मंगल होने के कारण धनु जातकों को होली के रंग में पूरी तरह से डूबा हुआ देखा जाएगा। इस दिन धनु राशि के जातक खुद तो खुलकर इस दिन का आनंद ले रहे होंगे साथ ही दूसरों को भी इस दिन का मजा लेने के लिए प्रेरित करते नजर आएंगे। सरल शब्दों में कहें तो आप होली पार्टी की जान रहने वाले हैं।

मकर राशि: पंचम भाव के स्वामी शुक्र के पहले घर में शनि और मंगल के साथ होने के कारण, मकर राशि के जातक अपने प्रियजनों की खातिर कुछ समय के लिए होली खेलेंगे,  लेकिन आपकी पार्टी जल्दी ही खत्म हो जाएगी और आप रंगों को साफ सुथरा कर लेंगे। क्योंकि आपको गंदा रहना ज्यादा पसंद नहीं लगता है। रंगो के इस त्यौहार पर भी आप अपने आप में और साफ-सुथरे रहकर ही इस दिन का आनंद लेना पसंद करेंगे।

कुंभ राशि: पंचम भाव का स्वामी बुध चंद्र राशि में गुरु के साथ स्थित होने के कारण, कुंभ राशि के जातक अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते नजर आएंगे और संभवत: हर उस पार्टी में जाएंगे, जिसमें आपको आमंत्रित किया गया है। आप मौज-मस्ती करना पसंद करते हैं और होली के उत्सव का आनंद लेने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करने से भी नहीं कतरायेंगे।

मीन राशि: पंचम भाव का स्वामी चंद्रमा छठे भाव में स्थित होने के कारण और बृहस्पति और चंद्रमा से दृष्टिगत होने के कारण, मीन राशि के जातक सबसे पहले  होली के रंगों में रंगे नजर आएंगे। यदि इस दिन आप किसी पार्टी की मेजबानी करते हैं तो आप सभी को खुश करने का प्रयत्न करेंगे और एक अच्छे मेजबान साबित होंगे और इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि आप के मेहमानों के लिए हर चीज समय पर मौजूद हो।

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जीवन में सुख समृद्धि के लिए राशि अनुसार इन रंगों से अवश्य खेले होली

मेष राशि

शुभ रंग : लाल और पीला

वृषभ राशि  

शुभ रंग: सफेद चंदन, सफेद और नीला

मिथुन राशि

शुभ रंग : हरा और नीला

कर्क राशि 

शुभ रंग: सफेद और पीला चंदन, सफेद, पीला

सिंह राशि 

शुभ रंग : लाल और मैजेंटा (गुलाबी)

कन्या राशि

शुभ रंग: सफेद चंदन, सफेद और हरा

तुला राशि

शुभ रंग: सफेद चंदन, सफेद और हरा

वृश्चिक राशि

शुभ रंग : लाल, सफेद, सफेद चंदन

धनु राशि

शुभ रंग: पीला चंदन, पीला और लाल

मकर राशि

शुभ रंग : नीला और हरा

कुंभ राशि

शुभ रंग: नीला, सफेद चंदन, सफेद

मीन राशि

शुभ रंग: पीला चंदन, पीला और लाल

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

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