होली हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार होने के साथ-साथ बेहद महत्वपूर्ण पर्व में से एक माना गया है। इस वर्ष होली 28 मार्च और 29 मार्च के दिन मनाई जाएगी। यूं तो होली का यह दिन हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए खास महत्व रखता है लेकिन इस वर्ष का होली के इस त्योहार को जो बात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण बना रही है वह है होली के दिन बनने वाले चार ग्रहों का शुभ संयोग।
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होली के त्यौहार की शुरुआत होती है होलिका दहन से जो इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन यानी 28 मार्च रविवार के दिन की जाएगी। इसके बाद अगले ही दिन यानी 29 मार्च सोमवार के दिन रंग वाली होली खेली जाएगी। 28 मार्च के दिन सुबह में 1:00 बज कर 53 मिनट पर भद्रा समाप्त हो जाएगा इसलिए इस वर्ष होलिका दहन प्रदोष व्रत में किया जाना बेहद शुभ फलदाई रहने वाला है।
हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार बताएं तो, इस वर्ष की होलिका दहन के समय वृद्धि योग रहने वाला है। ऐसे में वृद्धि योग होने की वजह से इस वर्ष होलिका दहन और भी ज्यादा शुभ होने वाली है।
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वृद्धि योग क्या होता है? जैसा की नाम से ही साफ जाहिर होता है कि, वृद्धि योग किसी भी काम में वृद्धि और उन्नति प्रदान करने वाला योग होता है। ऐसे में इस योग के दौरान जो कोई भी कार्य किया जाता है उसमें व्यक्ति को उन्नति मिलती है और साथ ही जीवन में वृद्धि होती है।
यह तो हो गई एक योग की बात इसके बाद होलिका दहन वाले दिन सुबह से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है। ऐसे में जानकारों के मुताबिक इस दौरान होलिका पूजन करना बेहद ही शुभ और मंगलकारी साबित हो सकता है।
क्या होता है सर्वार्थ सिद्धि योग? सर्वार्थ सिद्धि योग में शुभ काम करना बेहद ही पुण्यदायी माना जाता है। कहा जाता है जिस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होता है उस दिन जो कोई भी काम किया जाए उससे व्यक्ति को सिद्धि प्राप्त होती है।
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सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ-साथ होलिका दहन के दिन इस वर्ष अमृत सिद्धि योग भी रहने वाला है। पंचांग की गणना के अनुसार बात करें तो रविवार 28 मार्च को शाम 5 बजकर 36 मिनट से अमृत सिद्धि योग प्रारंभ हो जाएगा और इसी योग के दौरान होलिका दहन किया जाएगा। जिसे बेहद शुभ माना जा रहा है।
क्या होता है अमृत सिद्धि योग? सर्वार्थ सिद्धि योग की ही तरह अमृत सिद्धि योग की बेहद शुभ योग माना जाता है। अक्सर यह दोनों लोग एक साथ ही पड़ते हैं। माना जाता है कि अमृत सिद्धि योग में जो कोई भी काम किया जाता है वह कार्य स्थायित्व प्रदान करता है और व्यक्ति को शुभ फल देता है और यही वजह है कि इस योग में शुभ काम किए जाने का विशेष महत्व बताया गया है।
सिर्फ इतना ही नहीं होलिका दहन की रात इस वर्ष शुक्र अपनी उच्च राशि में स्थित होंगे और सूर्य अपनी मित्र राशि में स्थित होंगे। इसके अलावा इस पर गुरु और शनि एक ही राशि में मौजूद रहेंगे। ऐसे में यह सभी बातें होली और होलिका दहन के मौके पर बेहद ही शुभ संयोग लेकर आने वाली है।
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इसके साथ ही इस वर्ष होली पर एक बेहद ही खास ध्रुव योग भी बन रहा है। इस वर्ष होली पर चंद्रमा का कन्या राशि में गोचर होगा और साथ ही गुरु और शनि मकर राशि में विराजमान रहेंगे।
क्या होता है ध्रुव योग? होली पर वृषभ राशि में मंगल और राहु, कुंभ राशि में बुध और वृश्चिक राशि में केतु की स्थिति के कारण ही इसे ध्रुव योग कहा जा रहा है।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2021
होलिका दहन मार्च 28, रविवार
होलिका दहन मुहूर्त- शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- मार्च 28, रविवार सुबह 03 बजकर 27 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- मार्च 29, सोमवार रात 12 बजकर 17 मिनट पर
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