दुर्लभ महा-संयोग- 19 वर्षों बाद नव संवत्सर में शुभ संयोग;ज्योतिषियों से जानें इसका महत्व

नव संवत्सर कई महीनों में खास रहने वाला है। नव संवत्सर अर्थात हिंदू नव वर्ष। इस वर्ष 22 मार्च 2023 से नव संवत्सर 2080 शुरू हो रहे हैं। देश के जाने माने और विद्वान ज्योतिषी नव संवत्सर को बेहद ही खास मान रहे हैं। ऐसा क्यों? इस बारे में जानने के लिए हमारा यह विशेष ब्लॉग अंत तक पढ़ें। 

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दरअसल ज्योतिषियों के अनुसार अमूमन तौर पर देखा जाए तो सावन में चार या पांच सोमवार ही आते हैं जबकि इस वर्ष नव संवत्सर में 8 सोमवार होने वाले हैं। इसके अलावा सावन 59 दिनों का होगा। सिर्फ इतना ही नहीं विक्रम संवत 2080 इस बार 12 की जगह 13 माह का होने वाला है।

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नव संवत्सर 2080: जानें अर्थ और महत्व 

हिंदू नव वर्ष या जिसे हम नव संवत्सर भी कहते हैं इसकी शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। चैत्र का महीना हिंदू कैलेंडर का पहला महीना भी माना गया है। इस साल नव संवत्सर 2080 22 मार्च, 2023 से प्रारंभ हो रहे हैं। इसी दिन से नवरात्र शुरू होने वाली है। हिंदू नव वर्ष बेहद ही शुभ योग अर्थात शुक्ल योग और ब्रह्मा योग में शुरू हो रहा है। 

ज्योतिषियों के अनुसार कहा जाता है कि, इन शुभ योगों में अगर व्यक्ति कोई भी काम करें तो उसमें उसे विशेष सफलता अवश्य मिलती है। इसके अलावा यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि हिंदू कैलेंडर में जहां 12 महीने ही होते हैं वहीं इस वर्ष नव संवत्सर 2030 कुल 13 महीनों का होने वाला है। 

ऐसे में यह खासियत भी इस वर्ष के महत्व को बढ़ाने वाली है। इसके अलावा नव संवत्सर में सावन का महीना जो कि भगवान शिव को समर्पित होता है वह 2 महीनों का होने वाला है। इस वर्ष सावन का महिना 4 जुलाई से प्रारंभ होगा और 17 जुलाई तक रहेगा। इसके बाद 18 जुलाई से मलमास शुरू हो जाएगा जो 16 अगस्त तक रहेगा। इसके बाद 17 अगस्त से दोबारा सावन का महिना शुरू हो जाएगा जो की 31 अगस्त तक रहेगा। यही वजह है कि सावन महीना इस साल 2 महीनों का होगा।

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ज्योतिषियों के अनुसार यह अति शुभ और दुर्लभ संयोग तकरीबन 19 वर्षों बाद बन रहा है। इससे पहले ऐसा शुभ योग 2004 में बना था जब शिव भक्तों को कुल 8 सोमवार भगवान शिव की भक्ति और उनके प्रसन्नता हासिल करने के लिए प्राप्त हुए थे। इसके अलावा जहां चातुर्मास भी हर साल 4 महीनों का होता है वहीं इस साल चातुर्मास भी 5 महीने का होने वाला है और भगवान विष्णु 5 महीने तक योग योग निद्रा में रहने वाले हैं।

नोट कर लें सावन सोमवार की तारीख 

पहला सोमवार – 10 जुलाई, 2023 

दूसरा सोमवार – 17 जुलाई, 2023 

तीसरा सोमवार – 24 जुलाई, 2023 

चौथा सोमवार – 31 जुलाई, 2023 

पांचवा सोमवार – 7 अगस्त, 2023 

छठा सोमवार – 14 अगस्त, 2023 

सातवां सोमवार – 21 अगस्त, 2023 

आठवां सोमवार – 28 अगस्त, 2023

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हिंदू धार्मिक मान्यताओं में नव संवत्सर का महत्व 

दरअसल जिस तरह से अलग-अलग संप्रदाय के लोग अलग-अलग नववर्ष या संवत्सर मनाते हैं वैसे ही हिंदू या सनातन धर्म को मानने वाले नव वर्ष के रूप में नव संवत्सर मनाते हैं। इसे गुड़ी पड़वा भी कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन से नया पंचांग प्रारंभ होता है। 

इसके अलावा कहा जाता है कि भगवान राम और युधिष्ठिर का राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था। साथ ही प्रकृति में इसी दिन से नए बदलाव दिखने मिलते हैं। 

शक्ति और भक्ति का प्रतीक और माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित अति पावन नवरात्रि का त्योहार भी इसी दिन से प्रारंभ होता है। ऐसे में इस दिन भगवान गणेश जी, ब्रह्मा जी, देवी-देवताओं, यक्ष, गंधर्व, ऋषि, मुनि, ज्योतिषियों, ब्राह्मण, वेद पुराण, धर्म शास्त्र, इत्यादि की पूजा का विधान बताया गया है।

नव संवत्सर का देश और दुनिया पर प्रभाव 

  • नव संवत्सर को पिंगल नाम से जाना जाएगा।
  • इस वर्ष के राजा बुध होंगे, मंत्री शुक्र होंगे, और मेघेश गुरु होंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था, व्यापार, शेयर बाजार, कृषि, मनोरंजन क्षेत्र, बारिश, फैशन, पत्रकारिता, मीडिया आदि के क्षेत्र के लिए यह साल बेहद ही शुभ रहने वाला है। 
  • महामारी और प्राकृतिक आपदा से दुनिया को राहत मिलेगी। 
  • लोग इस दौरान अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक होंगे। 
  • आयुर्वेद, ज्योतिष, योग और अध्यात्म से जुड़े लोगों को मान सम्मान मिलेगा। 
  • इसके अलावा भारत के साथ-साथ विश्व के कई देशों का प्रजातंत्र मजबूत होगा।

नव संवत्सर में इन राशियों का होगा भाग्योदय 

वहीं बात करें लकी राशियों की जिनका नव-संवत्सर में भाग्योदय होने वाला है तो वो हैं, मेष राशि, वृषभ राशि, सिंह राशि, तुला राशि। 

इन चार राशियों को हिन्दू नववर्ष में चौतरफा लाभ मिलेगा, सभी बिगड़े काम बनेंगे, नौकरी और व्यापार में सफलता मिलेगी और परिवार के लोगों और अच्छे स्वास्थ्य का भी भरपूर साथ मिलेगा। 

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