लोकसभा चुनाव 2019 में मिली हार के बाद से ही मानो कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते बुधवार, 3 जुलाई को पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी ने अपना इस्तीफ़ा दिया और अब इसी राह पर चलते हुए पार्टी के एक और वरिष्ठ और दिग्गज नेता ने भी अपना पद छोड़ दिया है, जिसके बाद से ही पार्टी में हलचल मची हुई है।
राहुल गाँधी के बाद अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने छोड़ा पद
बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी राहुल गाँधी के इस्तीफ़े को मंजूरी मिलने के बाद से ही अपना इस्तीफ़ा पार्टी को सौंप दिया है। हरीश रावत किस तरह राहुल गाँधी की राह पर चल रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राहुल की तरह ही हरीश ने भी लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए ये फैसला लिया है। उन्होंने इस्तीफ़ा देने के पीछे यही कारण बताया और पार्टी से राहुल गाँधी की तरह ही उनका इस्तीफ़ा भी मंज़ूर करने को कहा है।
लोकसभा चुनाव में हरीश रावत को बुरी तरह मिली थी हार
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हरीश रावत को इस लोकसभा चुनाव में बड़ी हार का मुँह देखना पड़ा था। उत्तराखण्ड के नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से कांग्रेस टिकट पर मैदान में उतरे हरीश रावत को जनता ने नकार दिया था जिसके चलते उन्हें करीब तीन लाख 40 हजार वोटों से बीजेपी प्रत्याशी के हाथों करारी हार मिली थी। ये सीट बीजेपी-कांग्रेस दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही थी जहाँ बीजेपी नेता अजय भट्ट ने इस सीट से अपनी जीत दर्ज कराते हुए इतिहास रचा। हालांकि चुनाव से पहले इस सीट पर दोनों ही उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही थी। जहाँ कांग्रेस से हरीश रावत पांच उम्मीदवारों में से पार्टी के एक बड़े नाम के रूप में देखे जा रहे थे।
पार्टी में एक-के-बाद-एक चल रहा है इस्तीफों का दौर
बीते दिनों जब से पार्टी के मुखिया राहुल गांधी और उनका इस्तीफ़ा सुर्ख़ियों में रहा उसके बाद अब कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर इस्तीफों का दौर मानों दोबारा चल पड़ा हो। राहुल गाँधी के इस्तीफे को पार्टी द्वारा मंजूरी मिलते ही अब पार्टी के बड़े नेता अपने इस्तीफे की पेशकश पर अड़ते हुई दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद ही कई प्रदेश अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया था। लेकिन जब राहुल गांधी ने इस्तीफे को लेकर बयान देते हुए कहा था कि पार्टी का कोई भी बड़ा नेता हार की ज़िम्मेदारी नहीं ले रहा है। तो ऐसे में अब हरीश रावत के इस्तीफे के बाद यही उम्मीद लगाई जा रही है कि कांग्रेस के कुछ और नेता भी हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं।
राहुल ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद दे दिया था अपना इस्तीफ़ा
खबरों के अनुसार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के तुरंत बाद ही 25 मई को हुई कांग्रेस पार्टी की कार्य समिति की विशेष बैठक में ही राहुल गांधी ने खुद को हार का कुसूरवार बताते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफ़े की पेशकश की और पार्टी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था। हालांकि समय की नजाकत और अध्यक्ष पद के उपयोगी चेहरे के अभाव में कार्य समिति के सदस्यों ने राहुल के इस्तीफ़े को स्वीकार नहीं करते हुए उन्हें बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से ही राहुल गांधी लगातार अपने इस्तीफ़े की पेशकश पर अड़े थे, और छोटे-बड़े हर कांग्रेसी नेता को मनाने और उनसे कांग्रेस का नेतृत्व करते रहने का आग्रह किया था जिसके बाद भी राहुल अपना ये फैसला नहीं बदल रहे थे। लेकिन अंत में पार्टी को उनका इस्तीफ़ा मंज़ूर करना ही पड़ा और अब नया अध्यक्ष चुनने की कवायत पार्टी में जारी है।