देखा जाए तो हिन्दू धर्म जितना सरल है उतना ही पेचीदा भी है। भारत में हर सौ किलोमीटर पर भाषा और बोली के साथ ही लोगों की धार्मिक मान्यताएं भी बदल जाती हैं। आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आज से पहले आप शायद ही जानते होंगें। इस मंदिर की सबसे अजीबो गरीब बात ये है की यहाँ हनुमान जी को एक नारी के रूप में पूजा जाता है। जी हाँ बिल्कुल ठीक सुना अपने, अब इसके पीछे का रहस्य क्या है ये जानने के लिए आपको इस लेख को पूरा पढ़ना होगा। तो देर किस बात की आइये जानते हैं देश के किस हिस्से में है ये अनोखा हनुमान मंदिर और क्या है इसका इतिहास।
मध्यप्रदेश में इस जगह स्थापित है ये अजीबो गरीब मंदिर
आपको बता दें कि हनुमान जी का ये अजीबो गरीब मंदिर असल में मध्यप्रदेश के छत्तीसगढ़ से सटे विलासपुर नाम के जगह पर है। विलासपुर में जिस जगह पर ये मंदिर है उस जगह को गिरिजाबंध के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए अमूमन लोग इस हनुमान मंदिर को गिरिजाबंध हनुमान मंदिर के नाम से भी जानते हैं। भारत के समस्त धार्मिक स्थलों में से मध्यप्रदेश के इस मंदिर को बेहद अलग माना जाता है। इस मंदिर में विशेष रूप से महामाया देवी की पूजा अर्चना भी की जाती है। इस मंदिर को देश के अन्य हनुमान मंदिर से जो चीज अलग करती है वो है यहाँ हनुमान जी की नारी रूप में की जाने वाली पूजा। मान्यता है कि यहाँ पिछले कई हज़ार वर्षों से केसरी नंदन के नारी रूप की पूजा की जाती है।
करीबन दस हज़ार वर्ष पुराना है इस मंदिर का इतिहास
विशेषज्ञों की माने तो मध्यप्रदेश के विलासपुर में स्थित ये हनुमान मंदिर करीबन दस हज़ार वर्ष पुराना है। तब से लेकर आजतक यहाँ हनुमान जी के नारी रूप की पूजा की जाती है। इस मंदिर को विलासपुर से सटे रतनपुर के राजा ने बनवाया था। मान्यता है कि वहां के राजा को हनुमान जी ने नारी के रूप में दर्शन दिए थे, इसलिए उन्होनें वहां उनके नारी रूप में प्रतिमा बनवाई। इस मंदिर को बेहद खास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ व्यक्ति जिस मनोकामना के साथ जाता है उसकी पूर्ती जरूर होती है। हनुमान जी के इस रूप को बेहद मनमोहक माना जाता है, यहाँ प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में लोग हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं।
इसलिए होती है यहाँ हनुमान जी के नारी रूप की पूजा
पौराणिक मान्यता के अनुसार रतनपुर के जिस राजा ने हनुमान जी का ऐसा मंदिर बनवाया, वो असल में काफी बीमार रहता था। अपनी बीमारी को दूर करने के लिए उसने हनुमान भक्ति करनी शुरू कर दी। एक दिन राजा के सपने में हनुमान जी आये लेकिन राजा पहले चौंक गया क्योंकि उन्होनें हनुमान जी के ऐसे रूप को पहले कभी कहीं नहीं देखा था। माना जाता है कि हनुमान जी ने राजा को नारी के रूप में दर्शन दिया और उससे उनके उसी रूप का मंदिर बनवाने का निर्देश भी दिया। इसलिए रतनपुर के राजा ने हनुमान जी के नारी स्वरुप का मंदिर बनवाया। इसके साथ ही राजा की बीमारी भी ठीक हो गयी। इसी मान्यता को लेकर हर दिन इस मंदिर में हज़ारों भक्त अपनी मनोकामना की पूर्ती के लिए आते हैं।