हनुमान चालीसा के ये दोहे दिलाएंगे मुश्किल से मुश्किल रोगों से मुक्ति, जानें अभी

कहते हैं कि इंसान की सबसे बड़ी ताकत है उसका दिमाग और उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है उसका स्वास्थ्य। इंसान ने  इतनी सदियों में जितनी ज्यादा तरक्की की, उतनी ही तेजी से उसका स्वास्थ्य नाजुक होता गया। आलम ये है कि अब अस्पतालों में भीड़ रहती है और कोरोना के बाद से तो यह संख्या न जाने कितने गुना ज्यादा बढ़ चुकी है।

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स्वास्थ्य खराब होने पर डॉक्टर दवा की सलाह देते हैं लेकिन सनातन धर्म के वेदों में बताया गया है कि कुछ मंत्र ऐसे भी होते हैं जिनके जाप से समस्त रोगों का नाश होता है। 

जन्‍मान्‍तर पापं व्‍याधिरूपेण बाधते।

तच्‍छान्तिरौषधप्राशैर्जपहोमसुरार्चनै:।। 

आयुर्वेद के मुताबिक मंत्रों के जप, देवताओं की पूजा व अनुष्ठान से भी कई रोगों का नाश किया जा सकता है। ऐसे में हम आज आपको हनुमान जी से जुड़े वो मंत्र इस लेख में बताएँगे जिनके जाप से जटिल से जटिल रोग भी खत्म हो जाता है।

रोग नाशक मंत्र

हनुमान जी को संकटमोचक माना जाता है। ऐसे में उनके भक्त रोग उया पीड़ा से मुक्त होने के लिए भी उनकी पूजा करते हैं। वैसे तो भगवान हनुमान के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूरी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं लेकिन हनुमान चालीसा के कुछ दोहे ऐसे माने गए हैं जिनका अगर रोगी मंत्र की तरह जाप करे तो उसके मुश्किल से मुश्किल रोगों का नाश हो जाता है। यदि कोई स्वस्थ भक्त इन दोहों का मंत्र की तरह जाप करता है तो उसे स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नहीं आती है। हनुमान चालीसा के ये दोहे हैं :

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार।

बल बुधि बिद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार।

और दूसरा दोहा है :

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।

इन दोहों के जप का अनुष्ठान भी होता है लेकिन वो प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल है इसलिए आपको सलाह है कि आप इन दोहों का दिन में कभी भी मन ही मन जाप कर सकते हैं। इससे आपके सारे रोग भगवान हनुमान हर लेंगे। इस प्रक्रिया को अपने जीवनशैली में ढाल लें और सच्ची श्रद्धा से तब तक जारी रखें जब तक भगवान हनुमान आपके रोग खत्म नहीं कर देते।

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