गोपाष्टमी के दिन इस मुहूर्त में करें गौ पूजा

गौ संरक्षण और गौ संवर्धन के निमित्त की जाने वाली पूजा गोपाष्टमी 4 नवंबर 2019 को है। धार्मिक दृष्टि से देखें तो गोपाष्टमी पर्व हिन्दू संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। दरअसल इस पर्व का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है। शास्त्रों के अनुसार, गाय की रक्षा के कारण ही भगवान श्री कृष्ण का नाम गोविन्द पड़ा था। गौ-गोप और गोपियों के संरक्षण के लिए भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा से सप्तमी तक गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। इसी कारण अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व मनाया जाने लगा।

गोपाष्टमी के दिन गौ पूजन का है विधान

गोपाष्टमी के दिन गौ पूजन का विधान है। सनातन परंपरा में गाय को पूजा जाता है। गाय को माता का स्थान प्राप्त है। जिस प्रकार एक माँ अपनी संतान के सुख के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देती है। उसी प्रकार गाय भी मनुष्यों के सुखी जीवन को बनाए रखने के लिए बेहद लाभकारी होती है। गाय का दूध अमृत समान होता है। गोपाष्टमी के दिन गौ पूजा कर मनुष्य गाय माता के प्रति अपनी कृतज्ञता को दर्शाता है। 

ये भी पढ़ें : जानिए उपवास रखने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

गोपाष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गोपाष्टमी का इस साल 4 नवंबर को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार गोपाष्टमी तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर रात्रि 2 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होगी और उसके बाद अगले दिन 5 अक्टूबर 2019 की प्रातः 4 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। 

गोपाष्टमी के दिन ऐसे होती है गौ माता की पूजा

गोपाष्टमी के दिन परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होकर गौ माता की पूजा करते हैं। गोपाष्टमी की पूजा विधि पंडित द्वारा संपन्न करायी जाती है। बाद में प्रसाद भी वितरण किया जाता है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य गौ माता का पूजन कर उसके वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक महत्व को समझकर गौ रक्षा व गौ संवर्धन का संकल्प लेते हैं।

गोपाष्टमी की पूजा विधि

  • गोपाष्टमी के दिन गायों की विशेष पूजा करने का विधान निर्मित किया गया है। 
  • कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रात: काल जल्दी उठें।
  • गाय को स्नान कराएँ। 
  • इसके पश्चात् गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करना चाहिए। 
  • संभव हो तो गायों के साथ कुछ दूर तक चलें।
  • गोपाष्टमी के दिन गौपाष्टमी व्रत का अवश्य सुनें या पढ़ें।
  • गोपाष्टमी के दिन गायों को भोजन कराना चाहिए।
  • गाय के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
  • और उनके मस्तक पर तिलक लगाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है। घर-परिवार में ख़ुशियाँ आती हैं और कार्यक्षेत्र में तरक्की का मार्ग प्रशस्त होता है। 

संबंधित न्यूज़: जानिए आख़िर कैसे पानी में समा गई भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी

इस प्रकार आप गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौ पूजन कर गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *