गोमेद रत्न किसे पहनना चाहिए, भूल कर भी ना पहने ऐसा गोमेद

रत्न इंसान की ज़िदगी पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे में बहुत से लोग अब अपने ज्योतिषियों से पूछ कर उनके हिसाब से उचित रत्न धारण करने लगे हैं। लेकिन कई बार हम अनजाने में गलत रत्न धारण कर लेते हैं।  ऐसे में रत्न इंसान की ज़िंदगी में सकारात्मक नतीजे नहीं दे पाता है इसलिए ही कहा गया है कि रत्न धारण करने से पहले इंसान को पूरी जानकारी और समझ होनी चाहिए कि वो कौन सा रत्न पहन रहा है और उससे उसके जीवन में क्या प्रभाव पड़ सकता है.

कहा जाता है कि इंसान को ग्रहों की अनुकूलता और प्रतिकूलता के अनुसार ही रत्‍न धारण करना चाहिए।  ऐसा करने से ही रत्न बेहतर परिणाम देते हैं। यूँ तो ऐसे कई रत्न होते हैं लेकिन इसी में से एक रत्‍न है गोमेद। आज इस लेख के द्वारा हम आपको बताने जा रहे हैं कि गोमेद रत्न किसे और किस सफलता प्राप्ति के लिए पहनना सही होता है।

इन लोगों को पहनना चाहिए गोमेद:

अगर कोई व्यक्ति वकालत, न्‍याय और राज-काज से संबंधित कोई कार्य कर रहा है और उसमें वो और बेहतर करना चाहता है तो इसके लिए उन्हें  गोमेद पहनना चाहिए।

जिस किसी भी इंसान की राशि या लग्‍न मिथुन, तुला, कुंभ या वृष हो उन लोगों को भी गोमेद रत्न अवश्‍य पहनना चाहिए।

अगर किसी इंसान की कुंडली के केंद्र में राहु विराजमान हो अर्थात उसकी कुंडली के  1, 4, 7, 10 वें भाव में राहु विराजमान हो तो उसे भी गोमेद अवश्‍य धारण करना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में दूसरे, तीसरे, नौवें या ग्याहरवें भाव में राहु विराजमान हो तो उनको भी गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक होगा।

किसी की कुंडली में अगर राहु अगर अपनी राशि से छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो उस व्यक्ति को भी गोमेद पहनना चाहिए। ये उनके लिए हित-कर होता है।

अगर राहु शुभ भावों का स्‍वामी हो और खुद किसी कुंडली के छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो ऐसे लोगों का भी गोमेद धारण करना लाभदायक होता है।

किसी की कुंडली में यदि राहु अगर अपनी नीच राशि अर्थात धनु में हो तो ऐसे इंसान को भी गोमेद पहनना चाहिए।

राहु को मकर राशि का स्‍वामी बताया जाता है। अत: मकर राशि वाले लोगों के लिए भी गोमेद धारण करना लाभ फलों को बढ़ाता है।

राहु अगर शुभ भाव का स्‍वामी है और सूर्य के साथ युति बनाए या दुष्‍ट हो अथवा सिंह राशि में स्थित हो तो ऐसे भी जातकों को गोमेद धारण करना चाहिए।

राहु राजनीति का मारकेश है ऐसे में जो लोग राजनीति में सक्रिय हैं या सक्रिय होना चाहते हैं उनके लिए गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक बताया जाता है।

शुक्र, बुध के साथ अगर राहु की युति हो रही हो तो भी ऐसे जातक को गोमेद अवश्य पहनना चाहिए।

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गोमेद पहनने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

राहु को एक छाया ग्रह बताया जाता है यानी की इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है। राहु जिस भी भाव, राशि, ग्रह, नक्षत्र  के साथ जुड़ जाता है उसके अनुसार ही अपना फल देने लग जाता है। राहु जब नीच का या अशुभ होकर प्रतिकूल फल देने लगता है तो ज्योतिष के जानकार लोग गोमेद पहनने की सलाह देते हैं। गोमेद राहु का रत्न है अतः इसे पहनने से शुभ और अशुभ फल दोनों मिल सकते हैं। इसी वजह से कहा गया है कि गोमेद धारण करने से पहले उसका पूरा ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है।

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अगर गोमेद में किसी प्रकार का धब्बा हो तो उसको धारण करने से आकस्मिक मृत्यु का भय बना रहता है।

अगर गोमेद में लाल रंग के छींटे दिखाई दे तो वह आर्थिक नुकसान कराता है और पेट की समस्यायें उत्पन्न करता है।

अगर गोमेद में किसी प्रकार का गड्ढा दिखाई दे तो वह पुत्र और व्यापार को हानि पहुंचा सकता है।

अगर गोमेद में चीरा या क्रास हो तो वह शरीर में रक्त सम्बन्धी विक़ार उत्पन्न करता है।

अगर गोमेद में किसी प्रकार की कोई चमक न हो तो शरीर को लकवा भी हो सकता है।

गोमेद धारण करने की विधि

शनिवार के दिन अष्टधातु या चॉदी की अॅगूठी में जड़वाकर षोड़षोपचार पूजन करने के बाद निम्न ‘‘ऊॅ रां राहवे नमः” मंत्र की कम से कम एक माला जाप करके मध्यमा उँगली में धारण करना चाहिए।

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