गणेश चतुर्थी 2021: राशि अनुसार पूजा और उपाय दिलाएंगे भगवान गणेश का आशीर्वाद

गणेश चतुर्थी हिंदू लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक बेहद ही खास और महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार को प्रथम पूजनीय और विघ्नहर्ता गणेश भगवान के जन्म के सम्मान के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार 10 दिनों तक चलता है और भारत के सबसे खुशियों भरे और रंगीन त्योहारों में से एक माना जाता है। यह भारत में व्यापक रूप से लोकप्रिय है। हमारे देश और हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले हर त्यौहार की ही तरह गणेश चतुर्थी का भी अपना महत्व बताया गया है।

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जैसा कि हर त्यौहार की अलग पूजन विधि, मनाने का तरीका, उद्देश्य, उपवास महोत्सव, दान, पूजा आरती होती है वैसे ही गणेश चतुर्थी की भी पूजन विधि इत्यादि निर्धारित की गई है। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में, हम पाठकों को गणेश चतुर्थी पूजा करने के ज्योतिषीय लाभों के साथ-साथ शुभ मुहूर्त, तिथि, समय, महामारी के दौरान गणेश चतुर्थी अनुष्ठान, राशि अनुसार पूजन विधि और अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए अलग-अलग उपाय और भी बहुत कुछ की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में इन सभी बातों का जवाब जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़े।

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गणेश चतुर्थी का यह त्यौहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के दौरान चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है। इसके अलावा इस त्योहार का आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी के दिन पड़ता है जिस दिन इस दस दिवसीय आनंदमय उत्सव का गणेश विसर्जन के साथ समापन हो जाता है।

आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त।

2021 में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) कब है?

10 सितंबर, 2021 (शुक्रवार)

गणेश पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त11:02:58 से 13:32:52 तक
अवधि2 घंटे 29 मिनट
समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है09:11:59 से 20:52:59 तक

गणेश चतुर्थी पूजा का ज्योतिषीय महत्व

गणेश चतुर्थी की पूजा करने से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं: 

  • कार्य में आ रही किसी भी प्रकार की बाधा दूर होती है। 
  • जीवन में अनुकूल स्थितियां और परिस्थितियां बनती हैं। 
  • व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिकवादी विकास के लिए सिद्धि प्राप्त होती है। 
  • पीड़ित बुध के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। 
  • छात्र जातकों को अनुकूल परिणाम प्राप्त होता है। 
  • कर्ज से मुक्ति मिलती है और जीवन में समृद्धि आती है। 
  • स्वस्थ तन और मन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
  • हर तरह की इच्छाओं की पूर्ति और सफलता प्राप्त होती है। 
  • पीड़ित चंद्रमा के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। 
  • जीवन में सद्भावना और शांति बनी रहती है।

गणेश चतुर्थी 2021: पूजन विधि

  • इस दिन अपने घर में भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित करें। 
  • गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को फल-फूल आदि अर्पित करें। 
  • एक कलश लेकर इसमें शुद्ध जल भर लें। 
  • हल्दी पाउडर, सुपारी का एक टुकड़ा, इत्र, एक या 25 पैसे का सिक्का, नारियल और 5 पान के पत्ते एक जगह रख लें। 
  • नारियल और पान के पत्तों को हल्दी पाउडर से चिन्हित कर लें। 
  • इसके बाद सुपारी पर एक सिक्का डालकर चावल के दानों पर इसे रख दें। 
  • अब इस तैयार की गई खूबसूरत जगह के ऊपर गणपति भगवान की मूर्ति स्थापित कर दें और इस दौरान ‘गणपति बप्पा मोरया’ का उच्चारण करें। 
  • मूर्ति की स्थापना के साथ ही पूजा प्रारंभ हो जाती है। 
  • इसके बाद 5 पान के पत्ते लें और उन्हें फैला कर रख दें। 
  • प्रत्येक पत्ते के ऊपर सुपारी का एक टुकड़ा रख दें और उस पर हल्दी पाउडर डालें। 
  • गणेश चतुर्थी के दिन गणेश प्रतिमा से पर्दा हटायें। 
  • इसके बाद मूर्ति को माला, मुकुट, सुंदर वस्त्र और कंगन आदि चढ़ाएं। 
  • इसके बाद भगवान गणेश को 21 दूर्वा घास और 21 मोदक अर्पित करें। 
  • गणपति बप्पा के माथे पर लाल चंदन का तिलक लगायें। 
  • इसके बाद आरती की थाली में सुगंध, धूप, दीप और दीपक इत्यादि रखें। 
  • भगवान गणेश को प्रणाम करें और 108 बार पाठ करें। 
  • इसके बाद भगवान गणेश उपनिषद का पाठ करें। 
  • अंत में गणेश भगवान की आरती गाएं और अपनी सभी मनोकामना को पूरा करने के लिए गणपति भगवान से आशीर्वाद लें और अनजाने में भी हुई अपनी किसी भूल की उनसे क्षमा मांग कर अनुष्ठान को संपन्न करें।

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कोरोना काल में कैसे करें गणपति विसर्जन?

यूं तो कोरोना का साया काफी हद तक हटने लगा है लेकिन हम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हुए हैं। ऐसे में सलाह यही दी जाती है की कोशिश करें और गणपति विसर्जन के दिन बाहर जाकर भीड़ लगाने से बचें और इस दिन अपने घर में ही किसी बड़े बर्तन, टब या बाल्टी इत्यादि में गणेश भगवान का विसर्जन करें। घर पर विसर्जन करना संभव नहीं है तो आप किसी भी कुंड या तालाब के पास जाकर गणपति विसर्जन कर सकते हैं। 

जो लोग कृत्रिम जलाशयों के पास रहते हैं वह ऐसी जगहों पर गणपति बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं। भीड़ भाड़ में ज्यादा वक्त रहने से बचने के लिए इस बात को सुनिश्चित करें कि गणेश पूजा की समापन आरती और पूजा आदि अपने घरों में ही कर दें। सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन करें और साथ ही मास्क अवश्य पहनकर जायें और साफ-सफाई और दूरी का विशेष ध्यान रखें। 

इसके अलावा इस दौरान आप को विशेष तौर पर इस बात का ध्यान रखना है कि भारी संख्या में एक साथ जुटे नहीं और ना ही जुलूस निकालें। इसके अलावा यदि आप सार्वजनिक जगह पर भगवान गणेश का विसर्जन करने के लिए जा रहे हैं तो इस बात को सुनिश्चित करें कि यदि प्रशासन स्तर पर वहां कोई कर्मचारी है तो आप बप्पा की मूर्ति उन्हें सौंप दें ना कि स्वयं विसर्जन के लिए भीड़ लगाएं।

महत्वपूर्ण गणपति मंत्र

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। 

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।

गणेश चतुर्थी पर वर्जित है चंद्र दर्शन: जानें वजह 

ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना वर्जित होता है क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति को मिथ्या कलंक या मिथ्या दोष हो सकता है। यानी कि उनके ऊपर चोरी करने का झूठा आरोप लग सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि भगवान कृष्ण पर भी कीमती आभूषण चोरी करने का गलत आरोप लगाया गया था। ऐसे में उन्होंने अपनी स्थिति को समझाने के लिए नारद मुनि को बुलाया। 

भगवान कृष्ण की स्थिति को समझने के बाद नारद मुनि ने उन्हें बताया कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि आपने भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा देख लिया था। जिसके परिणाम स्वरुप आप पर मिथ्या दोष लग गया । इसके बाद उन्होंने भगवान कृष्ण को यह भी बताया कि यह श्राप चंद्रमा को भगवान गणेश ने दिया था। जिसके बाद नारद मुनि ने भगवान कृष्ण को मिथ्या दोष से छुटकारा पाने के लिए गणेश चतुर्थी पर व्रत रखने का सुझाव भी दिया था।

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चंद्र-दर्शन दोष दूर करने के मंत्र

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भूल से भी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन न करें। यदि कोई जातक भूल से चंद्र दर्शन कर लेता है तो उसे इसके निवारण के लिए श्रीमद्‌भागवत के 10वें स्कन्ध, 56-57वें अध्याय में उल्लेखित स्यमंतक मणि के चोरी की कथा को सुनना चाहिए। इस कार्य से जातक के दोष दूर होते हैं और उसे चंद्रमा के दर्शन से होने वाले मिथ्या कलंक का ज्यादा खतरा नहीं होगा।

यदि गलती से इस दिन चंद्र-दर्शन हो जाये तो व्यक्ति को निम्न मंत्र से पवित्र किया हुआ जल ग्रहण करना चाहिये। जातक इस मंत्र का 21, 54 या 108 बार जप करें। ऐसा करने से वह तत्काल शुद्ध हो निष्कलंक बना रहता हैं। मंत्र निम्न है- 

सिंहः प्रसेनमवधीत्‌ , सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः ॥

अर्थात: सुंदर सलोने कुमार! इस मणि के लिये सिंह ने प्रसेन को मारा हैं और जाम्बवन्त ने उस सिंह का संहार किया हैं। अतः तुम रो मत। अब इस स्यमंतक मणि पर तुम्हारा ही अधिकार है।

आपको बता दें कि चौथ के चन्द्रदर्शन से जातक को कलंक लगता है | ऐसे में इस मंत्र का प्रयोग करने अथवा स्यमन्तक मणि कथा का पाठ या इस कथा के श्रवण से उस कलंक का प्रभाव कम हो जाता है |

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राशि अनुसार गणेश पूजन विधि के दौरान करें ये काम

मेष राशि: इस दिन की पूजा में गणपति भगवान को बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।

वृषभ राशि: गणपति भगवान को मोदक का भोग लगाएं।

मिथुन राशि: गणेश पूजा में भगवान गणेश को हरे रंग के वस्त्र पहनाएं।

कर्क राशि: गणेश पूजा में स्वयं सफेद रंग के वस्त्र धारण करें और भगवान गणेश को सफेद चंदन का तिलक लगाएं।

सिंह राशि: गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को लाल फूल अर्पित करें।

कन्या राशि: भगवान गणेश को पान अर्पित करें।

तुला राशि: गणपति बप्पा को सफेद रंग के फूल अर्पित करें।

वृश्चिक राशि: इस दिन की पूजा में भगवान गणेश को सिन्दूर और लाल फूल अर्पित करें।

धनु राशि: गणेश चतुर्थी की पूजा में पीले रंग के फूल, पीले रंग के वस्त्र, और पीली ही अन्य वस्तुओं को शामिल करें।

मकर राशि: इस दिन की पूजा में भगवान गणेश को नीले रंग के फूल अर्पित करें।

कुंभ राशि: भगवान गणेश को सूखे मेवों का भोग लगाएं।

मीन राशि: भगवान गणेश की पूजा में पीले रंग के फूल अर्पित करें।

गणेश चतुर्थी पर विभिन्न मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए करें ये उपाय 

  • जीवन में मानसिक परेशानियों दूर करने के लिए और शांति का अनुभव करने के लिए गणेश अथर्वशीष का पाठ करें।
  • जीवन में सकारात्मकता हासिल करने के लिए घर में गणेश यंत्र की स्थापना करें।
  • जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन हाथी को हरा चारा खिलाएं।
  • आर्थिक तंगी दूर करने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद इस भोग को किसी गाय को खिला दें। यह उपाय आप गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक करें।
  • व्यापार में तरक्की और नौकरी में प्रमोशन आदि प्राप्त करने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन अपने घर में गणपति बाप्पा की पीली प्रतिमा लेकर आए। उनका पूजन करें। इसके अलावा उन्हें पूजा में पांच हल्दी की गांठ अर्पित करें।
  • वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए या सुयोग्य वर वधु प्राप्त करने के लिए गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को गुड़ की 21 गोलियां और दूर्वा अर्पित करें।

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